Post Office (MIS) Monthly Income Scheme Details| हर महीने ₹18500 पाने के लिए कितना निवेश करना पड़ेगा

दोस्तों यदि आप एक ऐसी निवेश योजना की तलाश में हो जिसमें सिर्फ एक बार ही एक बड़ी राशि निवेश करके आप हर महीने सैलरी या पेंशन की तरह एक रेगुलर इनकम प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज इस लेख में हम एक ऐसी ही स्कीम के बारे में बात करेंगे। इस स्कीम का नाम है पोस्ट ऑफिस की MIS स्कीम जिसको Monthly Income Scheme के नाम से भी जानते हैं और हिंदी में इसे मासिक आय योजना के नाम से जानते हैं। 

सरकार ने पोस्ट ऑफिस की Monthly Income Scheme को एक बिलकुल ही नए  रूप रंग में पेश किया है। इसकी बढ़ी हुई निवेश सीमा तथा और ज्यादा ब्याज दर के साथ यह आपको बहुत ही जबरदस्त लाभ देने वाली है। Monthly Income Scheme स्कीम  एक ऐसी सरकारी स्कीम है जिसकी मदद से आप इस योजना में एक मुश्त राशि जमा करके अपने लिए या अपने परिवार वालों के लिए हर महीने एक निश्चित आमदनी यानी कि एक फिक्स इनकम का इंतजाम कर सकते हैं। 

तो दोस्तों , इस लेख में हम जानेंगे कि डाकघर मासिक आय योजना यानी कि MIS योजना क्या है, इसके नियम क्या क्या हैं और इसके क्या क्या फायदे हैं। कितना पैसा हमें इसमें जमा करना पड़ता है तथा कितना पैसा जमा करने पर हमें कितना ब्याज मिलता है। 

यह खाता कौन कौन खोल सकता है तथा क्या संयुक्त खाता भी खोला जा सकता है? अकाउंट खोलने के लिए जो आवश्यक डॉक्यूमेंट होते हैं उनके बारे में भी हम इस लेख में बात करेंगे। तो दोस्तों ऐसे बहुत सारे सवालों का जवाब आपको इस लेख में मिलेगा। 

यह लेख पढ़ने  के बाद आपको पोस्ट ऑफिस की Monthly Income Scheme के बारे में और कुछ भी जानने की आवश्यकता नहीं रहेगी। 


Post Office (MIS) Monthly Income Scheme Details


Table of Contents


What is Post Office (MIS) Monthly Income Scheme?

तो दोस्तों, सबसे पहले बात करते हैं कि डाकघर मासिक आय योजना यानी कि MIS स्कीम क्या है? डाकघर मासिक आय योजना भारत सरकार की एक बचत योजना है। इसमें आप जो पैसा इन्वेस्ट करते हैं उसके बदले में आपको पांच साल तक हर महीने एक निश्चित आमदनी यानी कि रेगुलर फिक्स्ड इनकम आपको मिलती रहती है। 

यह जो इनकम होती है यह आपको ब्याज के रूप में मिलती है। जो पैसा आपने शुरू में जमा किया था, वह भी आपको पांच वर्ष के बाद वापस मिल जाता है। इस तरह आपकी जो जमा रकम है वह पूरी तरह से सुरक्षित रहती है, और हर महीने आपको एक निश्चित आमदनी भी होती रहती है।  

पोस्ट ऑफिस की किसी भी ब्रांच में आप इस स्कीम का खाता खुलवा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम में खाता खुलवाना बहुत ही आसान है। आगे लेख में हम इसके बारे में बताएंगे कि कैसे आप पोस्ट ऑफिस में मंथली इनकम स्कीम का खाता खुलवा सकते हैं तथा इसके लिए आपको किन किन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। 


Minimum and Maximum Deposit limit of MIS Account

तो दोस्तों अब बात करते हैं कि पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम की जो मिनिमम डिपॉजिट लिमिट और मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट क्या है मतलब इसमें हम कम से कम कितना पैसा निवेश कर सकते हैं तथा अधिक से अधिक इस स्कीम में हम कितना पैसा निवेश करके उस पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। 

डाकघर की मासिक आय योजना में आप कम से कम ₹1,000 से लेकर के सिंगल अकाउंट में मैक्सिमम यानी कि अधिकतम ₹9 लाख तक जमा कर सकते हैं। 1 अप्रैल 2023  से पहले सिंगल अकाउंट के लिए यानी कि एकल व्यक्ति के लिए मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट सिर्फ ₹4.5  लाख ही थी। जमा की जो रकम है वह 1000 के गुणांक में होनी चाहिए। 

अगर दो या तीन लोग मिलकर के संयुक्त खाता यानी कि ज्वाइंट अकाउंट खोलते हैं तो अधिकतम ₹15 लाख तक इसमें जमा कर सकते हैं। 1 अप्रैल 2023 से पहले ज्वाइंट अकाउंट मैक्सिमम लिमिट केवल ₹9 लाख ही थी। लेकिन वर्तमान में सिंगल अकाउंट की जो मैक्सिमम लिमिट है उसको बढ़ा कर 9 लाख कर दिया गया है। 

उसी तरह से ज्वाइंट अकाउंट की मैक्सिमम लिमिट को 9 लाख से बढ़ाकर के ₹15 लाख कर दिया गया है। जो ज्वाइंट अकाउंट होता है इसमें हर खातेदार के नाम बराबर बराबर पैसा माना जाता है। किसी सिंगल व्यक्ति का शेयर  ₹9 लाख से अधिक नहीं हो सकता। 

उदाहरण के तौर पर यदि तीन लोगों ने मिलकर एक ज्वाइंट अकाउंट खोला और उसमें ₹15 लाख जमा कर दिए तो प्रत्येक के हिस्से में  ₹5 लाख आते हैं। परंतु तीन ज्वाइंट अकाउंट होल्डर मिलकर के कुल अलग अलग खातों में ₹27 लाख तक जमा करवा सकते हैं तथा इस तरह से अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। 

लेकिन यह ध्यान रखने योग्य बात है कि मासिक आय योजना में सिंगल और ज्वाइंट अकाउंट के लिए जो उसकी अधिकतम सीमा है यानि मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट है, उससे अधिक पैसा होने पर आपको उस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और बल्कि वह पैसा आपको वापस लौटा दिया जाएगा। 


Interest Rate of MIS plan 

मासिक आय योजना पर 7.4% वार्षिक के हिसाब से ब्याज दर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा घोषित की गई है। यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि सरकार जो है हर तिमाही, अर्थात हर क्वार्टर में डाकघर की बचत योजनाओं की नई ब्याज दरों की घोषणा करती रहती है। 

लेकिन आपके अकाउंट पर पूरे पांच साल तक वही ब्याज दर लागू रहती है जो अकाउंट खोलते समय थी। बीच में यदि ब्याज दर बदलती है तो इसमें आपका पहले से जो खुला हुआ अकाउंट है, उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 


Who can open an Account in post office MIS Scheme?

तो दोस्तों, अब हम देखते हैं कि यह खाता कौन कौन खुलवा सकता है। कोई भी वयस्क यानी कि एडल्ट जो 18 साल से ऊपर हो, भारतीय नागरिक हो अपने नाम पर डाकघर में मासिक आय योजना यानी कि MIS स्कीम में अपना अकाउंट खुलवा सकता है। NRI लोगों को इस स्कीम में निवेश करने की अनुमति नहीं है। 

आप अपने नाबालिग बच्चे के नाम भी यह खाता खुलवा सकते हैं। जिस नाबालिग बच्चे के नाम खाता खुला है उसके अभिभावक यानी कि गार्जियन उस खाते को ऑपरेट करेंगे। 10 साल की उम्र पूरी कर चुका बच्चा अगर अपने हस्ताक्षर करने में सक्षम है तो वह अपने खुद के नाम पर खाता खुलवा कर के खुद उस खाते को संचालित भी कर सकता है। 

और इसके बाद मानसिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति चाहे वह 18 साल से कम हो या 18 साल से अधिक हो, अगर अपना अकाउंट खुद ऑपरेट करने में सक्षम नहीं है, तो उसके माता पिता या उसके गार्जियन उसकी ओर से अकाउंट खोल सकते हैं तथा यह चला सकते हैं। 

लेकिन ध्यान रखने योग्य बात है कि किसी संस्था, समूह, समिति या कोई परिवार के नाम से यह खाता खोलने की अनुमति नहीं है। दो या तीन लोग मिलकर के ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं। यह संयुक्त खाते जो होते हैं यह भी दो प्रकार के होते हैं। 

एक होता है ज्वाइंट A अकाउंट और दूसरा होता है ज्वाइंट B अकाउंट। जो ज्वाइंट A  खाता टाइप अकाउंट होता है, इस तरह के संयुक्त खाते में सभी खाताधारक के हस्ताक्षर से ही पैसा निकाला जा सकता है। परंतु जो ज्वाइंट B अकाउंट होते हैं इस तरह के ज्वाइंट अकाउंट में जो खाते में पैसा है उसको निकालने के लिए कोई भी एक खाताधारक उस पर हस्ताक्षर करके पैसे निकाल सकता है। 

तो दोस्तों यहां पर एक बात और क्लियर कर दें कि संयुक्त खाते का पैसा किसे मिलता है तथा संयुक्त खाते में जो पैसा जमा है वह किस तरह से कंसीडर किया जाता है। जो पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम में जो जॉइंट अकाउंट में पैसा जमा है वह सभी खाताधारकों का बराबर बराबर हिस्सा माना जाता है। 

उदाहरण के तौर पर यदि किसी ज्वाइंट अकाउंट में तीन खाताधारकों के द्वारा खाता खोला गया है और उसमें ₹15 लाख जमा कराए गए हैं तो पोस्ट ऑफिस के द्वारा सभी खाताधारकों का  ₹5 लाख कंसीडर किया जाएगे। चाहे वह टोटल अमाउंट किसी एक व्यक्ति ने ही क्यों न जमा की हो। हर खाताधारक को जो ब्याज में रकम मिलती है उसको भी बराबर बराबर कंसीडर किया जाता है और मैच्योरिटी के बाद उनको जो पैसा मिलता है वह भी उन सबका बराबर बराबर कंसीडर किया जाता है। 


Documents required for Opening of Post Office MIS Account

तो दोस्तों अब देखते हैं कि हमें MIS का खाता खोलने के लिए क्या क्या आवश्यक डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। 

  • मासिक आय योजना खाता खुलवाने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट ओपनिंग फॉर्म जो आपको पोस्ट ऑफिस की ब्रांच में मिल जाता है।  
  • जिसका खाता खुलवाना है उसकी दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो।
  • पहचान प्रमाण के रूप में यानी कि आईडी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, जॉब कार्ड इत्यादि में से किसी 1 की सेल्‍फ अटेस्‍टेड फोटोकॉपी। 
  • पता प्रमाण यानि कि एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बिजली का बिल, पानी का बिल, जनगणना रजिस्टर की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी इसमें लगा सकते हैं। 

ध्यान दें कि सभी डॉक्यूमेंट की आप ओरिजिनल कॉपी साथ में लेकर जाएं। जब भी आप खाता खुलवाने जाएं तो उनके सभी डॉक्यूमेंट की ओरिजिनल कॉपी साथ लेकर जाएं। क्योंकि आपका फॉर्म जमा होने से पहले आपकी जो फोटोकॉपी है, उनका मिलान आपकी ओरिजनल कॉपी से किया जाता है। 

कुल मिलाकर के यदि आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड है तो उनकी सेल्‍फ अटेस्‍टेड फोटोकॉपी देकर के आप बहुत ही आसानी से यह खाता खुलवा सकते हैं। 


Premature closure Rules of Post Office MIS Accounts

दोस्तों अब जानते हैं कि क्या हम इस खाते को बीच में बंद करवा सकते हैं या नहीं अर्थात प्री मेच्योर क्लोज करवा सकते हैं या नहीं। सामान्य रूप से डाकघर मासिक आय योजना का जो अकाउंट है पांच साल से पहले बंद नहीं किया जा सकता। लेकिन यदि हमें कभी इमरजेंसी में पैसे की आवश्यकता पड़ जाती है तो हम बीच में अकाउंट को बंद भी कर सकते हैं। बीच में अकाउंट बंद करने के लिए  कुछ नियम और शर्तें रखी गई है। जैस 

  • यदि आप एक साल से पहले खाता बंद करना चाहते हैं तो एक साल से पहले तो आप किसी भी हालत में खाते को बंद नहीं करवा सकते। 
  • यदि आप एक साल से लेकर के तीन साल के बीच में अकाउंट को बंद करवाना चाहते हैं तो आपकी जो जमा राशि है यानी कि प्रिंसिपल अमाउंट है उसका 2% काट लिया जाता है  जुर्माने के तौर पर। जो ब्याज अब तक आपने ले लिया है, वह ब्याज आपको वापस देने की जरूरत नहीं है। 
  • यदि आप तीन साल से पांच साल के बीच में अकाउंट को बंद करवाना चाहते हैं तो आपका जो प्रिंसिपल अमाउंट है, अर्थात जो जमा रकम है उसका 1 % काट लिया जाता है। 

तो यह हैं  प्री मेच्योर क्लोज करने के कुछ नियम है जिसमें आपसे  कुछ जुर्माना ले कर के आपका खाता समय से पहले भी बंद किया जा सकता है। 


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MIS Account in case of Account holder's Death

तो दोस्तों अब देखते हैं कि यदि अकाउंट होल्डर खाताधारक की बीच में ही मृत्यु हो जाने पर पैसा किसको मिलता है। अकाउंट की मैच्योरिटी यानी कि पांच साल पूरा होने से पहले यदि खाताधारक अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है तो अकाउंट को बंद कर दिया जाता है। 

ऐसी सिचुएशन में खाते का जो पैसा है, उस अकाउंट में जो नॉमिनी दर्ज है या उसका कोई कानूनी वारिस है, उसको पैसा मिल जाता है। नॉमिनी का नाम अकाउंट खुलवाते समय दर्ज करवाया जाता है। बाद में कभी भी जरूरत पड़ने पर नॉमिनी का नाम बदला भी जा सकता है। 

दोस्तों हमें हर स्कीम में नॉमिनेशन जरूर दर्ज करवाना चाहिए तथा नॉमिनेशन का जो नाम है उसकी स्पेलिंग, उसका एड्रेस वगैरह बिल्कुल सही दर्ज करवाना चाहिए ताकि यदि भगवान न करे किसी वजह से अकाउंट होल्डर की डेथ हो जाती है तो बाद में नॉमिनी को वह क्लेम का पैसा लेने में किसी तरह का कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

मासिक योजना खाते में मिलने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में भी थोड़ा जिक्र करते हैं। जैसे इसमें नॉमिनेशन को चेंज करने की सुविधा मिलती है तथा जो हम अकाउंट खुलवाते हैं, हम उसको एक डाकघर से देश के किसी भी दूसरे डाकघर में बड़ी ही आसानी से ट्रांसफर करवा करवा सकते हैं। यह भी एक बहुत अच्छी फैसिलिटी दी गई है।

आप अपने नाम से कई अकाउंट खोल सकते हैं। लेकिन किसी एक व्यक्ति के नाम जो  उसके सभी अकाउंट में जमा पैसे का कुल योग है, वह  ₹9 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। 


Tax Rules regarding post office MIS Account

तो दोस्तों अब जानते हैं कि क्या मंथली इनकम स्कीम में टैक्स की छूट प्राप्त होती है या नहीं। तो मासिक आय योजना पर मिलने वाले ब्याज पर किसी तरह की कोई इनकम टैक्स की छूट नहीं है। लेकिन इस पर मिलने वाले हर महीने के ब्याज पर टीडीएस भी नहीं काटा जाता है। 

दोस्तों पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम में खाता एक्सटेंड करने की सुविधा नहीं है अर्थात जैसे और स्कीम होती हैं जैसे  सीनियर सिटीजन स्कीम में तीन साल के बाद आप खाता एक्सटेंड करा सकते हैं। पीपीएफ में भी आप पांच पांच साल के लिए खाता आगे बढ़वा सकते हैं। लेकिन MIS में इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी गई है और ना ही इसमें कोई सुविधा है। 

लेकिन हां यदि हमें खाते को आगे और पांच साल के लिए चलाना चाहते हैं तो हम खाते को पांच साल के बाद क्लोज करवा करके उसके एवज में एक नया खाता खोल सकते हैं। 

यदि हम इसमें मिलने वाले हर महीने के ब्याज  को नहीं लेते हैं तो उस ब्याज पर भी कोई ब्याज नहीं दिया जाता है और पांच साल पूरा होने के बाद भी इस पर कोई एक्स्ट्रा ब्याज नहीं दिया जाता है। इसलिए खाते को पांच साल पूरे होते ही बंद करवा लेना चाहिए और फिर से आप एक नया खाता खुलवा करके अगले पांच साल तक इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। 


How much Monthly Interest we get  in post Office MIS Plan

तो चलिए दोस्तों, अब देखते हैं कि मंथली इनकम स्कीम में कितना पैसा जमा करने पर हमें मासिक कितना ब्याज मिलता है। और यदि हम इस मासिक मिलने वाले ब्याज को खर्च करते हैं तो कुल कितना ब्याज हमें पांच साल में मिलता है। और यदि इस मिलने वाले ब्याज को यदि हम हमारे saving account अर्थात बचत खाते में जमा कराते हैं तो हमें कितना फायदा होता है? 

और यदि इस MIS  से मिलने वाले ब्याज को हम सीधा एक RD का अकाउंट खुलवा देते हैं, तो उस पर हमें कितना अधिक फायदा होता है। क्योंकि जब भी हम किसी स्कीम में अपना पैसा निवेश करते हैं तो सबसे बड़ा फैक्टर जो होता है हम यह देखते हैं कि इस पर कितना अधिक हमें ब्याज मिलता है तथा कितना अधिक हमें फायदा मिलता है और उसी को देखकर के हम स्कीम का चुनाव करते हैं और उसमें अपना पैसा जमा करते हैं। 

पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में मिलने वाला ब्याज अगर हम पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट यानी कि RD अकाउंट में हर महीने जमा कर देते हैं, क्योंकि मंथली इनकम स्कीम का भी पीरियड पांच साल है और RD भी पांच साल में मैच्योर हो जाती है। 

तो पांच साल में हमें कुल ब्याज में कितना अधिक फायदा होता है, अगर हम MIS से मिले ब्याज को सिंपल बचत खाते (Saving Account ) में रखें  या उसी ब्याज को अगर हम आरडी में इन्वेस्ट करते हैं तो हमें कितना अंतर देखने को मिलता है। आइए चलिए देखते हैं। तो आइये दोस्तों ,नीचे दी गयी टेबल से यह समझते है। 


Total Rs.invested in MIS Interest per month MIS MIS total interest in 5 years Interest MIS to saving account Interest MIS to RD Benefit MIS to Saving Account Benefit MIS to RD
100000 617 37020 40966 43801 3946 6781
200000 1233 73980 81866 87532 7886 13552
300000 1850 111000 122832 131333 11832 20333
400000 2467 148020 163798 175134 15778 27114
500000 3083 184980 204698 218865 19718 33885
600000 3700 222000 245664 262666 23664 40666
700000 4317 259020 286630 306467 27610 47447
800000 4933 295980 327530 350198 31550 54218
900000 5550 333000 368496 393999 35496 60999
1000000 6167 370020 409462 437800 39442 67780
1100000 6783 406980 450362 481531 43382 74551
1200000 7400 444000 491328 525332 47328 81332
1300000 8017 481020 532294 569133 51274 88113
1400000 8633 517980 573194 612864 55214 94884
1500000 9250 555000 614160 656665 59160 101665


Wrapping Up

तो दोस्तों, यह थी डाकघर की मासिक आय योजना यानी कि Monthly Income Scheme के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी। दोस्तों अगर आपको यह लेख जरा सी भी इंफॉर्मेशन लगा हो तो इस लेख को अन्य लोगों के साथ भी  साझा कीजियेगा। 

अगर इस योजना के संबंध में आपका कोई डाउट है, कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में आप कमेंट जरूर करें।  लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।

Vinod Pandey

About the Author: Vinod is an experienced content writer with over 7 years of experience in crafting engaging and informative articles. His passion for reading and writing spans across various topics, allowing him to produce high-quality content that resonates with a diverse audience. With a keen eye for detail and a commitment to excellence, Vinod consistently delivers top-notch work that exceeds expectations.

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