दोस्तों, वैसे तो पोस्ट ऑफिस में किया गया किसी भी तरह का निवेश 100% सुरक्षित होता है और उस पर भारत सरकार की गारंटी होती है। उस पर रिस्क भी जीरो परसेंट होता है यानी कि आपका निवेश जोखिम रहित होता है। लेकिन कई बार हमारी थोड़ी सी असावधानी या लापरवाही के कारण हम पोस्ट ऑफिस में भी फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।
जी हाँ, आपने सही पढ़ा हम पोस्ट ऑफिस में भी फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। वो लापरवाहियां क्या क्या हैं,असावधानियां क्या क्या हैं जो हमें पोस्ट ऑफिस में नहीं करनी चाहिए। इस लेख में आपको एक एक करके सभी के बारे में हम विस्तार से बतायंगे ।
आज का जो यह लेख है बहुत ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है। लेख को अंत तक जरूर पढियेगा ताकि आपकी खून पसीने और मेहनत की जो कमाई आपने पोस्ट ऑफिस में निवेश कर रखी है उसको आप सुरक्षित रख सकें। इस लेख में बताई गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर के आप अपना पैसा 100% सुरक्षित रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि वो कौन कौन से तरीके हैं जिनमें पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड हो सकते हैं।
Table of Contents
दोस्तों इस लेख में हम जिन जिन पॉइंट पर चर्चा करेंगे वो इस तरह से हैं-
- सीबीएस (CBS )पोस्ट ऑफिस और नॉन सीबीएस (Non CBS )पोस्ट ऑफिस क्या पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं।
- क्या क्या सावधानियां बरत करके हम पोस्ट ऑफिस में होने वाले फ्रॉड को रोक सकते हैं?
- नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड से बचने के लिए जो है हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- यदि सभी सावधानियां बरतने के बाद या किसी लापरवाही के कारण फ्रॉड हो भी जाता है तो उसके बाद हमें क्या करना चाहिए?
सीबीएस पोस्ट ऑफिस और नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस क्या हैं?
तो दोस्तों, सबसे पहले बात करते हैं कि सीबीएस पोस्ट ऑफिस और नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस क्या हैं? सीबीएस अर्थात कोर बैंकिंग सॉल्यूशन जिसको ऑनलाइन ऑफिस भी कहते हैं और नॉन सीबीएस को आमतौर पर ऑफलाइन ऑफिस कहते हैं।
पोस्ट ऑफिस दो प्रकार के होते हैं। पहला है सीबीएस पोस्ट ऑफिस (CBS post office) और दूसरा है नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस (Non CBS post office)। भारत में अधिकांश पोस्ट ऑफिस सीबीएस पोस्ट ऑफिस में अपग्रेड हो चुके हैं।
तो आइये सबसे पहले हम जानते हैं कि सीबीएस पोस्ट ऑफिस क्या है? सीबीएस पोस्ट ऑफिस वे पोस्ट ऑफिस हैं जिनको सामान्य भाषा में ऑनलाइन ऑफिस कहते हैं। सीबीएस का मतलब होता है कोर बैंकिंग सॉल्यूशन। आईटी मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट 2012 के तहत पोस्ट ऑफिस ऑनलाइन होना शुरू हो गए थे।
ये पोस्ट ऑफिस एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर Finacle पर काम करता है और यहां आपका अकाउंट तुरंत ही अपडेट हो जाता है और सीबीएस सेविंग अकाउंट पर आपको एटीएम, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा भी मिलती है।
कुछ पोस्ट ऑफिस जहां पर नेटवर्क की प्रॉब्लम है या नेटवर्क नहीं पहुंच पाता है, दूर दराज के इलाके हैं, पहाड़ी इलाके हैं तो उनके कुछ ऑफिसों को छोड़कर के सभी पोस्ट ऑफिस सीबीएस प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं।
सीबीएस अकाउंट में होने वाले लेन देन की सूचना आपको तुरंत एसएमएस के द्वारा मिल जाती है, जबकि जो नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस पर आपको कोई ऑनलाइन सुविधा नहीं मिलती है और आपके लेन देन की जो सूचना है वो भी एसएमएस के द्वारा नहीं मिलती है। फ्रॉड होने की संभावना दोनों ही प्रकार के पोस्ट ऑफिस में बराबर की होती है।
पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं
अब बात करते हैं पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं। वैसे तो पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड कोई निश्चित प्रकार के नहीं है, लेकिन फिर भी सामान्य तौर पर तीन प्रकार से पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड हो सकते हैं।
- सबसे पहले तो पोस्ट ऑफिस के ही किसी कर्मचारी के द्वारा किया गया फ्रॉड
- पोस्ट ऑफिस के एजेंट द्वारा किया गया फ्रॉड
- साइबर ठग द्वारा IPPB खाते में किया गया फ्रॉड।
पहले बात करते हैं तो पोस्ट ऑफिस के जो कर्मचारी हैं उनके द्वारा किए जाने वाले फ्रॉड के बारे में ,वो किस तरह का फ्रॉड हो सकता है। कई बार पोस्ट ऑफिस में काम करने वाला व्यक्ति भी आपके खातों से जाली निकासी फार्म भर करके या किसी और तरीके से आपके पैसे निकाल लेता है।
आपकी जमा राशि यानी जो पोस्ट ऑफिस में आप पैसा जमा करते हैं वह पोस्ट ऑफिस के हिसाब में नहीं लेते। आपको रसीद तो दे दी जाती है, पासबुक में एंट्री भी कर दी जाती है। नया खाता खुलवाने पर जाली या पुरानी कोई पासबुक उसको बना करके आपको दे दिया जाता है। लेकिन जो पैसा है सरकारी खाते में काउंट नहीं किया जाता है। इस प्रकार के फ्रॉड में आपको ब्याज और मूलधन दोनों का नुकसान होता है। हालांकि इस प्रकार के जो फ्रॉड हैं वो पकड़े जाने पर आपको आपकी पूरी राशि और ब्याज पैसा आपको मिल जाता है।
अब बात करते हैं जैसे एजेंटों के द्वारा किया जाने वाला फ्रॉड जैसे RD का एजेंट होता है, या FD के एजेंट होते हैं , तो पोस्ट ऑफिस में कई बार फ्रॉड या धोखाधड़ी इन एजेंटों के द्वारा भी कर दी जाती है। आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस में आरडी, एफडी, पीएलआई और आर पीएलआई के एजेंट भी होते हैं।
इसमें आपका लिया गया पैसा आपके खाते में जमा नहीं करवाते। आपसे जो पैसा कलेक्ट करते हैं वो आपके खाते में जमा करना होता है लेकिन वो आपका पैसा खाते में जमा नहीं करवाते हैं। दोस्तों अधिकतर एजेंट ईमानदार होते हैं लेकिन कुछ एक जो है बेईमान भी मिल जाते हैं जो इस तरह की धोखाधड़ी कर देते हैं।
आपने कोई निकासी फार्म भर रखा है तो गलत तरीके से आपके भरे हुए निकासी फार्म से आपका पैसा निकाल लेते हैं, अधिक पैसा निकाल लेते हैं। आपसे अधिक पैसा लेकर के पोस्ट ऑफिस में कम पैसा जमा करा देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है आपका पोस्ट ऑफिस के इन एजेंटो पर अत्यधिक विश्वास होना।उनको पैसा देने के बाद आप ये इन्क्वारी करने की जरूरत ही नहीं समझते कि पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा हुआ है या नहीं हुआ है।
अब जो तीसरे प्रकार का फ्रॉड होता है वह साइबर ठगों के द्वारा किया जाता है। इसमें ऑनलाइन आपके खाते को हैक कर लिया जाता है। जब से पोस्ट ऑफिस का आईपीपीबी बैंक (IPPB Bank) बना है तो इस प्रकार के कई फ्रॉड सामने आ रहे हैं।
जैसे आपसे ओटीपी लेकर आपके खाते को अपने कंट्रोल में कर लेते हैं और उससे आपका पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं या निकाल लेते हैं। आपसे मोबाइल में कोई लिंक शेयर करते हैं और आपसे उस लिंक को खोलने के लिए कहते हैं। इस प्रकार के फ्रॉड में आपका पैसा वापस मिलना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि ऑनलाइन ठग कहां से ऑपरेट क्र रहे हैं यह पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए अपने खाते की जानकारी आपको किसी को भी नहीं देनी चाहिए।
पोस्ट ऑफिस या आईपीपीबी आपसे कॉल करके आपसे किसी तरह की कोई भी जानकारी नहीं मांगता है। अगर कोई ऐसी जानकारी मांगता भी है तो आप उसको जानकारी न दें। सीधा पोस्ट ऑफिस जाए या इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में जाकर के वहां के कर्मचारियों से मिलकर के, वहां के स्टाफ से मिलकर के अगर जरूरत हो और आप आवश्यक समझे तो जानकारी दें परन्तु मोबाइल में किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
अगर आपके पास कोई लिंक भेजा जाता है किसी लोन से संबंध में या किसी योजना के संबंध में तो उस पर क्लिक न करें क्योंकि आपका इस तरह का लालच आपकी गाढ़ी, खून पसीने की कमाई को एक सेकंड में ही ले जा सकता है।
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सीबीएस पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड को कैसे रोकें
अब बात करते हैं कि सीबीएस पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड को कैसे रोक सकते हैं। सीबीएस पोस्ट ऑफिस में हमें कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए जिसको रख करके हम फ्रॉड को रोक सकते हैं। सीबीएस पोस्ट ऑफिस यानी कि कोर बैंकिंग सॉल्यूशन एनेबल्ड पोस्ट ऑफिस, हालांकि ये ऑनलाइन काम करते हैं, पर आपको कुछ मुख्य काम करने चाहिए जिससे कि आपके साथ किसी तरह का फ्रॉड ना हो सके।
सबसे पहले आप अपने खाते में अपना मोबाइल नंबर जो परमानेंट मोबाइल नंबर है वह जरूर अपडेट करवा लें। जिससे कि आपको अपने अकाउंट में होने वाले सभी लेन देन का मैसेज मिल सके।
यदि लगातार दो या तीन लेनदेन के बाद आपके पास कोई एसएमएस नहीं आता है तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए और आपको पोस्ट ऑफिस में जाकर के इसका पता करना चाहिए कि आपके पास आपके लेनदेन से संबंधित एसएमएस क्यों नहीं आ रहे हैं। कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है।
पोस्ट ऑफिस ने भी एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। सरकार के निर्देश के बाद पोस्ट ऑफिस ने सभी बचत योजनाओं में मोबाइल लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। 1-4-2023 के बाद यदि आपके खाते में आपका मोबाइल नंबर लिंक नहीं है, ऐड नहीं है तो आपको लेन देन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आप लेनदेन नहीं कर सकते हैं ।
इससे न सिर्फ आपकी बचत योजनाओं के लेनदेन के बारे में जानकारी सही समय पर मिलेगी बल्कि अगर कोई साइबर क्राइम या साइबर फ्रॉड आपके साथ हो रहा है या कोई दूसरी गड़बड़ी हो सकती है तो उससे भी आप बच सकते हैं।
अब बात आती है कि आपके खाते में जो KYC डॉक्यूमेंट है उनको अपडेट रखना चाहिए। जैसे कि आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड जो है अपडेट करवाना चाहिए। यदि आपका पहले से ही पोस्ट ऑफिस में कोई खाता है और आगे भी आप और खाता खोलना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस पहले आपकी CIF (कस्टमर आइडेंटिफिकेशन फाइल) आईडी बना देता है।
इस कंडीशन में अगर आप खाता खुलवाना चाहते हैं तो आपको नया अकाउंट ओपन करने के लिए पहले से बनी हुई सीआईएफ आईडी में ही अपना खाता खुलवाना चाहिए, अलग अलग आईडी नहीं बनवानी चाहिए। इससे आपकी पैसे की सुरक्षा रहती है।
साल में कम से कम आपको एक बार खाते में लेनदेन जरूर करना चाहिए ताकि आपको पता चलता रहे कि आपका खाता अपडेट है।
अब बात करते हैं पासबुक की। आपको समय समय पर अपनी पासबुक अपडेट और प्रिंट करवानी चाहिए । यदि नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग ले रखी है तो आप अपने खाते में होने वाले लेन देन पर नजर जरूर रखें।
खाता खुलवाने के बाद सीबीएस पोस्ट ऑफिस में प्रिंटेड पासबुक ही प्राप्त करें और यदि आपको किसी वजह से मैनुअल पासबुक बनाकर दी जाती है, अर्थ हाथ से लिख कर के दी जाती है तो बिना उचित कारण जाने आप पासबुक न ले।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो आपको पासबुक मिलती है उसके पेज नंबर जरूर चेक कर लें। आपकी पासबुक का पेज नंबर एक से शुरू होना चाहिए क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि आपको कोई पहले से इस्तेमाल की हुई पासबुक का पहला पेज फाड़ करके पुरानी पासबुक नयी बनाकर दे दी जाए।
खाता बंद करवाते समय आपको पासबुक पोस्ट ऑफिस में जमा करवानी होती है और अगर आपको आपने जो खाता बंद कराया उसके संबंध में कोई रिकॉर्ड चाहिए तो आप पोस्ट ऑफिस से एक सर्टिफिकेट ले सकते हैं कि यह पैसा आपको पोस्ट ऑफिस से मिला है।
पासबुक में किसी प्रकार की कटिंग या काटछांट भी नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा कुछ है तो आपको पोस्टमास्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, और अगर आप जरूरी समझे तो उस खाते की स्टेटमेंट भी आपको ले लेनी चाहिए।
अगर फिक्स डिपोजिट अकाउंट की पासबुक किसी ऑफिस के कर्मचारी द्वारा आपसे मांगी जाती है वेरिफिकेशन या किसी और पर्पस के लिए तो अगर आप पोस्ट ऑफिस में पासबुक जमा कराते हैं किसी भी कारणवश तो आप उसके बदले में एक रसीद अवश्य प्राप्त कर लें और जब आप वह रसीद प्राप्त कर लेते हैं तो उस रसीद को अपने पास सुरक्षित रखें ताकि जब पासबुक आप दोबारा लेने जाएं तो रसीद दिखाकर पासबुक वापस ले ले।
अब बात करते हैं जब आप पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा कराते हैं तो उसकी जमा कराने की रसीद के दो हिस्से होते हैं। एक पोस्ट ऑफिस अपने पास रख लेता है तथा दूसरा हिस्सा जिसको काउंटर फाइल कहते हैं वह आप अपने पास संभालकर जरूर रखें। जहां तक संभव हो सके अपने अकाउंट में लेन देन स्वयं करें। किसी एजेंट या मैसेंजर के माध्यम से लेन देन करने से जितना हो सके उतना बचें।
यदि आपने किसी एजेंट के माध्यम से खाता खुलवाया है तो समय पर आप उससे पासबुक लेते रहे, उसको चेक करते रहें। हो सके तो पासबुक अपने पास रखें। पासबुक के सभी विवरण को सही से चेक करें कि पासबुक में एंट्री हैअर्थात जो पैसा जमा कराया है वह सही जमा हुआ है या पैसा निकलवाया वह सही निकला है। यदि आपको इस पर किसी भी तरह का कोई भी संदेह हो तो आप सीधे पोस्टमास्टर से संपर्क करें।
और सबसे महत्वपूर्ण बात आपको अपने सभी खातों की डिटेल्स एक अलग से डायरी में लिख करके जरूर रखनी चाहिए। यह जो डिटेल आप रखेंगे यह आपके बहुत काम आएगी। जैसे आपकी पासबुक गुम हो जाती है तो उस दशा में इस तरह की इंफॉर्मेशन आपके बहुत काम आएगी। अगर पासबुक गुम हो जाती है तो डुप्लीकेट पासबुक बनाने के लिए आप जो फार्म भरते हैं उसमें पुरानी डिटेल बहुत कम आती है या और भी कई कारण है, अगर आप अपनी डिटेल डायरी में लिख कर रखते हैं तो बाद में यह डिटेल काम आती है।
नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस फ्रॉड से कैसे बचें
अब बात करते हैं कि जो नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस होते हैं, हालांकि ज्यादा पोस्ट ऑफिस ऐसे नहीं है जो ऑफलाइन है लेकिन फिर भी अगर है तो उनमें हम फ्रॉड से कैसे बचें? वहां पर हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सबसे पहले तो जिस नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस में आपने निवेश कर रखा है तो वह सभी सावधानियां जो सीबीएस पोस्ट ऑफिस में हमने अभी बताई हैं, उनका आपने पूरी तरह से ध्यान रखना है । और इसके अलावा कुछ और भी सावधानियां हैं जो बरतनी चाहिए।
सबसे पहले आप जब नया खाता खुलवाते हैं तो खाता खुलवाने के बाद आप अपनी पासबुक अपने पास ही रखें। चाहे पोस्ट ऑफिस जाकर अकाउंट ओपन करवाया हो या किसी एजेंट के द्वारा अकाउंट ओपन करवाया हो। आप अपनी पासबुक अपने पास रखें। जमा निकासी करते वक्त हर समय आपको अपनी पासबुक को अपडेट करवाना है ।
जो नॉन सीबीएस पोस्ट ऑफिस हैं उनमें पासबुक में एंट्री करवाते समय पोस्ट ऑफिस की एक डेट होती है उस ऑफिस की स्टैंप को आपको जरूर लगवाना चाहिए। अब जो जमा के समय जमा पर्ची होती है, वह जरूर आपको वापस लेनी चाहिए और जमा और निकासी के फार्म में लेन देन के बाद आपका कितना बकाया बैलेंस है वह कॉलम भी जरूर भरना चाहिए।
प्रतिवर्ष आपके खातों में ब्याज अप्रैल महीने में जोड़ा जाता है तो उस ब्याज की एंट्री भी आपको अपनी पासबुक में हर साल 1 अप्रैल के बाद करवा लेनी चाहिए ताकि आपका बैलेंस सही चलता रहे।
अब किसी कारण से अगर पोस्ट ऑफिस स्टाफ के द्वारा आपकी पासबुक मांगी जाती है तो आप उसकी रसीद अवश्य प्राप्त कर लें।
नया खाता खुलवाने के बाद जो पासबुक मिलती है वह एक नंबर पेज से शुरू होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आपकी आपके साथ कुछ गड़बड़ हो सकती है। हो सकता है आपको कोई फर्जी पासबुक बनाकर दे दी जाए।
किसी भी खाली विड्राल फार्म या निकासी फार्म में अपने हस्ताक्षर करके नहीं रखने चाहिए या किसी को नहीं देना चाहिए।
पासबुक में आप अपने नमूना हस्ताक्षर जिसको speciman कहते हैं, जो खाता खोलते वक्त आपने पोस्ट ऑफिस के फार्म पर किए थे, जिनके द्वारा आप पैसे का लेन देन करते हैं, वह हस्ताक्षर आपको कहीं भी अपनी पासबुक में या कहीं और नहीं रखना चाहिए। अगर रखने की जरूरत पड़ती है तो उनको बिल्कुल सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए। आपके अलावा कोई और उस तक न पहुंच सके, किसी और का एक्सेस ना हो।
अब अपनी पासबुक में केवल जरूरत के अनुसार ही सही रकम भर करके अपने निकासी फार्म या चेक रखें। ब्लैंक चेक बिल्कुल भी ना रखें। खाली चेक पर हस्ताक्षर करके अपनी पासबुक या बैग या कहीं पर भी न रखें। इसका इतना अधिक दुरूपयोग हो सकता है कि आपका पूरा का पूरा बैलेंस खाली हो सकता है।
अगर आपके खाते में फ्रॉड हो गया है तो क्या करें
अब बात करते हैं कि अगर आपके खाते में फ्रॉड हो ही गया है, आप सावधानी बरतने के बावजूद भी या कुछ लापरवाही के कारण या किसी भी कारण से कोई फ्रॉड हो गया है तो पोस्ट ऑफिस में जाकर के एक क्लेम फार्म भरना चाहिए। यह एक चार पेज का फार्म होता है इसको पूरी तरह से भर करके आप फॉर्म को पोस्ट ऑफिस में जमा करा दें।
फार्म भरकर देने के बाद पोस्ट ऑफिस के जांच अधिकारी होते हैं वह एक विशेष प्रक्रिया के द्वारा इसकी उचित जांच करके कुछ समय के बाद आपको आपका पैसा ब्याज समेत वापस दे दिया जाता है। यदि इसमें पोस्ट ऑफिस की कोई गड़बड़ी है और पोस्ट ऑफिस का कोई कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाता है तो उस पर उचित कार्यवाही की जाती है।
पोस्ट ऑफिस की हमेशा कोशिश रहती है कि आपके पैसे को रिकवर करके जल्द से जल्द आपको वापस दे दिया जाए। दोस्तों सरकार आपका पैसा सुरक्षित रखने के लिए पोस्ट ऑफिस के सॉफ्टवेयर में बहुत ही अधिक सुधार व इंप्रूवमेंट कर रही है।
हालांकि पोस्ट ऑफिस में फ्रॉड के चांस बहुत कम होते हैं लेकिन फिर भी इसके बावजूद भी आपको सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। जो सावधानियां मैंने बताई हैं उनको बरतना बहुत ही जरूरी है। अगर एक बार सरकार के खाते में आपका पैसा चला गया तो उसके बाद किसी तरह के फ्रॉड की गुंजाइश नहीं रहती।
यह जो फ्रॉड हैं बाहर ही बाहर होते हैं, जैसे -एजेंट ने आपका पैसा जमा ही नहीं किया या आपका पैसा कम जमा किया जाता है या आप कम पैसा निकालते हैं। लेकिन अगर आप पूरा ध्यान रखेंगे अपनी ट्रांजेक्शन पर तो इस तरह का कोई भी फ्रॉड आपके साथ नहीं हो सकता।
निष्कर्ष
तो दोस्तों यह थी पोस्ट ऑफिस में आपका पैसा सुरक्षित रखने के लिए, आपके साथ किसी भी प्रकार का कोई फ्रॉड ना हो सके इसके लिए आपको किन किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है और कौन कौन सी सावधानियां बरतनी हैं इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें ,कुछ डिटेल में जानकारी।
दोस्तों अगर आपको यह लेख जरा सा भी ज्ञानवर्धक लगा हो तो इस लेख में दी गई जानकारी को अधिक शेयर करें ताकि और लोगों को भी इन सावधानियों के बारे में पता चले और उनके खून पसीने की और मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके और उन्हें किसी प्रकार का कोई वित्तीय नुकसान ना हो।