दोस्तों, आज इस लेख में हम पोस्ट ऑफिस की महिला सम्मान बचत पत्र योजना के बारे में बात करेंगे। जैसा कि आप जानते हैं कि सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को पैसा जमा करने पर बढ़िया ब्याज दर वाली नई स्कीम शुरू की है। इस स्कीम का नाम है महिला सम्मान बचत पत्र योजना।
जी हाँ, इसमें आपको किसी भी सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस की FD से ज्यादा ब्याज मिलता है। महिला सम्मान बचत पत्र में कितना आपको पैसा मिलेगा मैच्योरिटी पर।,और महिला सम्मान बचत पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना में क्या अंतर है? जबकि दोनों ही महिलाओं के लिए है। तो इन सभी बिंदुओं पर हम इस लेख में डिस्कस करेंगे।
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महिला सम्मान बचत पत्र योजना क्या है।
तो आइए सबसे पहले हम बात करते हैं कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना क्या है। दोस्तों, जैसा कि केंद्र सरकार और राज्य की सरकार मिलकर के महिलाओं और कन्याओं के उत्थान के लिए, महिला सशक्तीकरण के लिए और उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अलग अलग कल्याणकारी योजनाएं समय समय पर लेकर आती रहती है।
इसी प्रकार की एक योजना केंद्र सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने देश की महिलाओं के लिए शुरू की है। वित्त मंत्री जी ने एक फरवरी 2023 का जो वित्तीय बजट पेश किया उस समय महिला सम्मान बचत पत्र योजना की घोषणा की थी।
यह योजना 1 अप्रैल 2023 से पूरे देश भर में लागू हो चुकी है। इसे एक स्माल इन्वेस्टमेंट योजना भी कह सकते हैं। इस योजना का लाभ सिर्फ भारत देश की महिला ही उठा सकती है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना भारत सरकार की एक नई लघु बचत योजना अर्थात स्माल सेविंग स्कीम है।
कोई भी भारतीय महिला या लड़की के लिए इसका अकाउंट खुलवाया जा सकता है। कोई भी महिला अपनी बेटी के नाम यानी कि छोटी बच्ची के नाम भी यह खाता खुलवा सकती है। अर्थात महिला अपने लिए 2 लाख का खाता खोल सकती है तथा 2 लाख का खाता अपनी बेटी के लिए अलग से खोल सकती है। एनआरआई अर्थात गैर आवासीय भारतीय इस स्कीम में पैसा निवेश नहीं कर सकते हैं।
न्यूनतम और अधिकतम जमा सीमा
अब बात करते हैं कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना में मिनिमम और मैक्सिमम डिपॉजिट लिमिट क्या है। इस स्कीम में कम से कम ₹1,000 से लेकर के अधिकतम ₹2 लाख तक इस योजना में निवेश किया जा सकता है। खाता जो है ₹100 के मल्टीपल में अर्थात ₹100 के गुणांक में खोला जाना चाहिए।
यदि एक खाता पहले से ही महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट में खुलवा रखा है और उसके बाद आप दूसरा खाता खोलना चाहते हैं तो उन दोनों खातों के बीच में कम से कम तीन महीने का अंतर होना चाहिए।
दो साल तक आपका पैसा जमा रहता है और दो साल के बाद आपकी पूरी जमा और ब्याज के साथ आपको पैसा इकट्ठा मिल जाता है।
और एक विशेष ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यदि खाता नियमों के विरुद्ध खोला गया है यानी कि अनियमित अकाउंट खोला गया है, इसमें किसी नियम का उल्लंघन किया गया है, तो उस खाते पर महिला सम्मान बचत पत्र का ब्याज न मिल करके उस पर केवल डाकघर के बचत बैंक खाते का ब्याज जो कि 4% वार्षिक है, वही आपको मिलेगा।
इस खाते को हम पोस्ट ऑफिस के किसी एजेंट के द्वारा नहीं खुलवा सकते हैं। इसलिए हमें डायरेक्ट पोस्ट ऑफिस में जाकर के ही खाता खुलवाना होगा। महिला सम्मान बचत पत्र योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80c के तहत निवेश पर कोई छूट प्रदान नहीं की गई है तथा इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल है।
इस योजना में प्राप्त होने वाला ब्याज आपको आईटीआर में इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस कॉलम में दिखाना पड़ता है तथा इस प्रकार से यदि आपकी कुल आय टैक्सेबल है तो आपको इस स्कीम पर मिलने वाला ब्याज उस पर टैक्स देना होगा।
और यदि आपकी कुल इनकम इस ब्याज की गणना के बाद टैक्सेबल नहीं है अथार्त आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 31 मार्च 2025 तक कभी भी इसका अकाउंट खुलवाया जा सकता है और ज्यादा ब्याज दर का फायदा भी उठाया जा सकता है।
अकाउंट खुलवाते समय ही पूरा पैसा आपको एक साथ जमा करना पड़ता है। फिलहाल यह योजना जो है वन टाइम इन्वेस्टमेंट के आधार पर लागू की गई है। अगर यह स्कीम महिलाओं निवेशकों के बीच में पॉपुलर होती है तो सरकार इसे आगे बढ़ाने की सोच सकती है। अर्थात इस स्कीम को आगे भी एक्सटेंड कर सकती है।
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महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र ब्याज दर
आइए अब जानते हैं कि महिला सम्मान बचत पत्र में ब्याज की दर क्या है तथा ब्याज किस प्रकार से कैलकुलेट किया जाता है। महिला सम्मान बचत पत्र में जमा पैसों पर सरकार 7.5 पर्सेंट सालाना के हिसाब से ब्याज देती है। दो वर्ष की किसी भी अन्य निवेश योजना में इतना अधिक ब्याज नहीं दिया जाता है।
यहां तक कि पोस्ट ऑफिस की पांच वर्षीय टाइम डिपॉजिट में भी 7.5 पर्सेंट ब्याज दिया जाता है, जबकि महिला सम्मान बचत पत्र में केवल दो साल की कम अवधि के लिए आपको इतना अधिक ब्याज मिलता है। ब्याज की गणना तिमाही चक्रवर्ती यानी क्वार्टरली कंपाउंड के हिसाब से होता है।
यानी कि हर तिमाही पर आपका ब्याज आपकी जमा के साथ मिला दिया जाता है और इसी तरह से लगातार दो साल तक यानी की आठ तिमाहियों तक आपका ब्याज मूलधन में जुड़ता रहता है तथा उस पर फिर से ब्याज लगता रहता है। इस प्रकार कंपाउंडिंग की पावर से आपको काफी अधिक ब्याज स्कीम पर मिल जाता है।
महिला सम्मान बचत पत्र योजना में खाता खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
तो आइए अब बात करते हैं कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना में खाता खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट कौन कौन से लगते हैं। महिला सम्मान बचत पत्र योजना का अकाउंट खुलवाने के लिए जिन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है, पहले उनके बारे में बात करते हैं।
- सबसे पहले तो खाता खोलने का फॉर्म जो है जिसको अकाउंट ओपनिंग फॉर्म कहते हैं, पोस्ट ऑफिस से ही आपको बड़ी आसानी से मिल जाता है। इसको आप ऑनलाइन भी डाउनलोड करके प्रिंट आउट निकलवा सकते हैं।
- उसके साथ में आपको एक जमा पर्ची जिसको डिपॉजिट स्लिप कहते हैं वह भी भरनी होती है
- 2 रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो जिसके नाम भी खाता खुलवाना है।
- केवाईसी के रूप में आप आधार कार्ड की सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी, या पैन कार्ड की फोटोकॉपी सेल्फ अटेस्टेड जो है आपको साथ में लेकर जानी होगी। तथा इनके ओरिजिनल भी जो आपको साथ में लेकर जाने होंगे।
- नगद पैसा या चेक जितने का आप खाता खोलना चाहते हैं, पोस्ट ऑफिस में जमा करवाना होता है और बड़ी ही आसानी से बहुत ही जल्दी आपका खाता जो है खुल जाता है।
क्या जरूरत पड़ने पर बीच में पैसा निकाल सकते हैं
तो बात करते हैं क्या जरूरत पड़ने पर बीच में पैसा निकाल सकते हैं। जी हां, अकाउंट खुलवाने की तारीख से एक साल पूरा होने के बाद आप अपनी जो शुरुआत में जमा किए गए पैसे का 40% तक निकाल सकते हैं और कुछ बहुत ही गंभीर मामलों में अकाउंट को बीच में बंद करने की अनुमति भी मिल जाती है।
जैसे कि खाताधारक अकाउंट होल्डर महिला या लड़की की मौत हो जाने पर या उसे कोई ऐसी गंभीर बीमारी हो जाने पर या अगर वह माइनर खाता है और अभिभावक के द्वारा चलाया जा रहा है तो उनके अभिभावक की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर इस खाते को बीच में बंद भी करवाया जा सकता है।
इसलिए इसके लिए जो संबंधित डॉक्यूमेंट हैं आपको खता बंद करवाते समय पोस्ट ऑफिस में जारी करने होंगे,और इस प्रकार से बीच में खाता बंद किया जा सकता है। ऐसी सिचुएशन में आपको अकाउंट बीच में बंद कराने पर भी इस स्कीम पर जो ब्याज 7.5% के हिसाब से ही ब्याज मिलता है।
अकाउंट खुलवाने के छह महीने बाद आप जब भी चाहे बिना किसी कारण बताए इस अकाउंट को बीच में बंद करा सकते हैं। लेकिन बिना किसी अनिवार्य कारण के अगर खाता बंद करवाते हैं तो उसकी जो ब्याज दर है, उसमें से 2% की कटौती कर ली जाती है। यानी कि अगर आपका यह ब्याज है 7.5 % है तो इसमें 2% की कटौती करके आपको उस पर केवल 5.5% की दर से ही ब्याज मिलेगा।
महिला सम्मान बचत पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना में की अंतर है
अब बात करते हैं महिला सम्मान बचत पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर के बारे में। क्योंकि दोनों ही योजनाएं जो है महिलाओं के लिए, लड़कियों के लिए है तो दोनों योजना महिलाओं और लड़कियों के कल्याण को ध्यान में रखकर के शुरू की गई है।
लेकिन दोनों में सरकार के द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण और इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने का तरीका अलग अलग है। दोनों में कुछ मुख्य अंतर है।
सबसे पहले तो इसके उद्देश्य में ही अंतर है। सुकन्या समृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य छोटी बच्चियां होती है। छोटी बच्ची के माता पिता या अभिभावक उनकी शादी या शिक्षा के लिए पैसा जुटाने में मदद करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
जबकि महिला सम्मान बचत पत्र का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं को अधिक ब्याज देकर उसे बचत करके पैसे बढ़ाने में मदद करना है।
अब इनकी मैच्योरिटी अवधि में भी काफी अंतर है, जो सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट है वह 21 साल तक अकाउंट चलता है। इसमें शुरू के 15 सालों तक पैसा जमा करना होता है और 15 से 21 वर्ष तक में कोई पैसा जमा नहीं करना होता।
लेकिन महिला सम्मान बचत पत्र योजना में अगर हम ₹1,000 जमा कराते हैं तो दो साल के बाद हमें ₹1,160 वापस मिलेंगे और इसी रकम को यदि हम पोस्ट ऑफिस की 2 वर्षीय टाइम डिपॉजिट में जमा कराते हैं तो हमें ₹1,144 वापस मिलेंगे।
और यदि हम महिला सम्मान बचत पत्र योजना में ₹2,000 जमा कराते हैं तो दो साल के बाद हमें ₹2,320 वापस मिलेंगे और वहीँ अगर हम यही रकम 2 TD में जमा करते हैं तो हमे सिर्फ ₹2,288 वापस मिलेंगे।
दोस्तों इस प्रकार से आपने देखा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना में से कितना अधिक ब्याज आपको मिल रहा है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना में एक साल के बाद हम इसमें जो कुल जमा राशि है उसका 40% जो है उसकी निकासी भी ले सकते हैं जबकि TD यानी टाइम डिपॉजिट में ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
टाइम डिपॉजिट योजना में अगर हमने निवेश किया है और हमें पैसे की आवश्यकता पड़ जाती है, इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़ जाती है तो हमें खाते को बंद ही करवाना पड़ता है। इसमें ब्याज का काफी नुकसान होता है।
जबकि महिला सम्मान बचत पत्र योजना में अगर हमने निवेश किया है तो एक साल के बाद जरूरत पड़ने पर कुल जमा पूंजी का 40% निकाल सकते हैं। इसमें हमें खाता बंद करने की जरूरत भी नहीं होती है और इस तरह से हमें ब्याज का नुकसान भी इसमें नहीं होता है।