अक्सर लोग कहते हैं कि सब कुछ ठीक है, लेकिन ये जो तोंद है, ये जो पेट पर चर्बी बन गई है, यह कम नहीं होती। यकीनन बैली फैट एक प्रॉब्लम एरिया तो है लेकिन आज मैं आपसे शेयर करूंगा 6 चीजें जिसे न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि मॉडर्न साइंस भी मानती है कि पेट की चर्बी कम करने के लिए बहुत प्रभावशाली है। अगर आपने यह 6 चीज़ें फॉलो कर ली तो इसमें कोई दो राय नहीं कि कुछ ही दिनों में आपका पेट कम होने लगेगा।
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पेट की चर्बी (Belly Fat) कम करने के लिए करें ये 6 चीजें
दोस्तों, जब बॉडी के पेट वाले हिस्से में ज्यादा फैट जमा होने लगे तो समझना चाहिए कि अंदर विसरल फैट बढ़ रहा है। विसरल फैट मतलब वो जो आपके पेट के अंदर के ऑर्गन्स तक को ढक लेता है। यानी आपके पेट के साथ साथ लिवर, किडनी, स्प्लीन और आंतो पर भी चर्बी चढ़ने लगती है।
ये जो तोंद है ना सिर्फ दिखने में खराब लगती है लेकिन साइंस इसे खतरनाक भी मानती है। अंदर जो ये फैट बन गया है ये आपके अंदुरुनी अंगो के कामकाज को रोकता है। जिस वजह से फैटी लिवर, टाइप टू डायबिटीज, हार्ट ब्लॉकेज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी प्रॉब्लम्स का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
इसलिए बेली फैट को कम करना महत्वपूर्ण है। इस बात को मानते हुए बात करते हैं उन 6 चीजों की जिससे ये तोंद कम होने लगेगी।
1. हाइड्रेटेड रहना
आज विज्ञान ये साबित कर चुकी है कि फैट को कम करने के लिए शरीर में तरल की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। पानी से बेहतर और कोई चीज नहीं। आपको रोज सुबह उठते ही ब्रश करने से पहले गुनगुना पानी पीना है। इसमें कुछ नहीं डालना प्लेन वॉटर पीना है।
गर्म पानी पीने से बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ जाएगा तो शरीर में जो फैट स्टोर बने हुए हैं, उसे शरीर तोड़ने लगेगा। गर्म पानी पीने से डाइजेशन एकदम से फास्ट होता है, जिससे सुबह सुबह ही आपका अच्छे से पेट साफ हो जाएगा।
पेट अच्छे से साफ होगा तो अंदर जो कितने दिनों का पुराना मल पड़ा हुआ है वो बाहर आएगा। इससे पेट कम होगा। सुबह पानी कितना पीना है वो आपकी मर्जी है। एक गिलास तो जरूर पिएं।
फिर खाने के बीच में जैसे नाश्ता , लंच के बीच में या लंच डिनर के बीच में जब भी आपको ऐसा लगने लगे कि थोड़ी भूख लग रही है तो उस समय सबसे पहले पानी पिएं। बहुत बार हमें असल में भूख नहीं लगी होती, बस बॉडी डिहाइड्रेटेड होती है।
ऐसे में अगर हम पानी पी लेंगे तो एक तो पेट भरा भरा महसूस होगा। पेट भरे रहने की अनुभूति रहेगी तो फालतू के खाने से बच जाएंगे। फालतू का खाना नहीं होगा तो फ़ालतू कैलरीज नहीं जाएंगी, जिससे पेट अपने आप ही कम होने लगेगा।
2. चीनी बंद करें
दोस्तों, रिफाइंड चीनी को तो आप दूर से ही नमस्ते करिए। उदाहरण के तौर पर गुलाब जामुन को ले लो। इसमें कोई शक नहीं कि ये स्वाद में लाजवाब होते हैं। देखते ही मुंह में पानी आने लगता है।
लेकिन इसमें एक भी ऐसी चीज नहीं है जो आपको फायदा करेगी। जब आप गुलाब जामुन को खाएंगे तो एक तो ये आपको इतना ज्यादा शुगर देगा, इतना ऑयल देगा, इतनी कैलरीज देगा और मैदे से तो ये बना हुआ है ही, साथ ही साथ चीनी को सबसे बड़ा कारण माना जाता है पेट की चर्बी बढ़ने का।
शुगर भी ऐसा जो केमिकल प्रोसेसिंग से इतना रिफाइन किया जाता है कि उसमें न्यूट्रिशन के नाम पर कुछ नहीं होता। ऐसी चीनी बॉडी में एब्जॉर्ब नहीं होती।
इंसुलिन बढ़ता है जो एकदम से ही फैट की तरह स्टोर होने लग जाता है। स्वाद के चक्कर में ये जो बॉडी फैट आप ले आते हैं, इसे इतना जल्दी छुटकारा नहीं मिलता।
इसलिए रिफाइंड चीनी से बनी मिठाइयां जैसे जलेबी, पेस्ट्री, बिस्किट, डोनट और कैंडी जैसी चीजों को खुद से दूर रखें। आप 10 दिन भी अगर चीनी बंद करके देख लें, आप नोटिस करेंगे कि पेट कम होने लगा है ।
3. प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं
तोंद कम करने के लिए आपको प्रोटीन को बढ़ाना चाहिए। प्रोटीन फैट लॉस के लिए कितना हेल्पफुल है इस पर काफी स्टडी हुई है। दोस्तों, प्रोटीन एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो धीरे धीरे डाइजेस्ट होता है। धीरे डाइजेस्ट होता है तो आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
इसलिए बार बार खाने की जो तीव्र इच्छा होती है वो खुद ही कम हो जाती है। रिसर्च बताती है कि प्रोटीन से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है जिससे बॉडी अपने आप ही ज्यादा कैलोरी को जलाने लगती है। प्रोटीन से मेरा मतलब प्रोटीन पाउडर से नहीं है। आपको किसी सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है।
दालों को देखिए प्रोटीन से भरी हुई है। ओट्स में प्रोटीन है, चने में भरपूर प्रोटीन है, राजमा में खूब प्रोटीन है। दूध, दही, पनीर में प्रोटीन है, नट्स में प्रोटीन है। सारी सब्जियों में अमीनो एसिड होते हैं जो प्रोटीन का ही रूप है।
आज विज्ञान यह कहने लगी है कि वेजिटेरियन सोर्स ऑफ प्रोटीन मांसाहार से बेहतर है, क्योंकि बॉडी इन्हें एब्जॉर्ब करती है आप सोच लें कि हर खाने में प्रोटीन रखना है। जैसे नाश्ते में ओट्स का दलिया खा सकते हैं, पनीर भुर्जी के साथ रोटी खा सकते हैं, लंच में चने की सब्जी खा लो या किसी सब्जी रोटी के साथ दही ले लो।
डिनर में दाल चावल खा लो। बस इतना प्रोटीन काफी है। जब आप अपनी डाइट में प्रोटीन रखेंगे तो ओवरईटिंग से बच जाएंगे, जिससे अनहेल्दी खाना खाने की लालसा नहीं होगी।
4. तले हुए भोजन को मना करें
तला हुआ खाना तो एक दिन भी खा लो तो पेट पर दिखने लग जाता है। क्यों? क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म बहुत धीमा होता है और अगर बाहर का तला खाओगे फिर तो फैट के साथ साथ बीमारियों को निमंत्रण देने वाली बात है।
बाहर आपने देखा होगा कि हलवाई एक तो रिफाइंड तेल यूज करते हैं और वही एक तेल को घंटों घंटों इस्तेमाल करते रहते हैं।
विज्ञान यह साबित कर चूका है कि तेल जब बार बार इस्तेमाल किया जाता है या इतना जलाया जाए कि स्मोक प्वॉइंट पार कर जाए तो उसमें ट्रांस फैट बनने लग जाते हैं और इन ट्रांसफैट से पेट बाहर निकलता है। ये ट्रांस फैट धमनियों को ब्लॉक करने लगता है।
इसलिए दोस्तों, पेट की चर्बी कम करनी है तो फ्राइड फूड जैसे टिक्की, समोसा, पकोडे, पुरी और भटूरे को अवॉइड कर दें बल्कि अच्छे फैट्स को शामिल करें जैसे कि खाना कच्ची घानी के शुद्ध तेल में पकाएं, देसी गाय के घी का रोज एक चम्मच सब्जी के ऊपर डालकर खाएं।
घी में नेचुरल CLA होता है जो आज फैट सप्लीमेंट की तरह बिकता है। कच्चा घी जब भी आप किसी चीज पर डालते हैं तो वह उस भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम कर देता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होगा तो ब्लड शुगर बढ़ेगा नहीं जिससे इंसुलिन कम होगा और फैट कम बनेगा।
फिर दिन में 4 से 5 भिगोए हुए बादाम खा सकते हैं। नारियल खाएं ये सब जबरदस्त सोर्स है फैट के, जो बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ साथ पेट की चर्बी को भी कम करते हैं।
5. पूरे खाद्य पदार्थ
पूरे खाद्य पदार्थ मतलब क्या? मतलब मैदे की जगह चोकर वाला आटा खाओ। फल के जूस की जगह पूरा फल खाओ। होल फूड में फाइबर होता है जो ब्लड शुगर को एकदम से बढ़ने नहीं देता और धीरे धीरे ऊर्जा प्रदान करता है।
वहीं मैदे से बनी चीजें जैसे व्हाइट ब्रेड, पेस्ट्री, बिस्किट मानो जैसे पेट पर जाकर चिपक ही जाती हैं। इसलिए हमेशा चोकरयुक्त गेहूं, हाथ से कूटे हुए चावल, बाजरा आप अपनी डाइट में शामिल करें बल्कि अनाज बदल बदल कर खाएंगे तो बॉडी में एक ही तत्व की अधिकता नहीं होगी, वरना हमेशा रोटी रोटी खाते रहना भी पॉजिटिव इंपैक्ट नहीं करता। कभी दलिया ले लिया, कभी बेसन का चीला खा लिया, कभी उबले चने बना लिए।
6. शाम 7 बजे के बाद खाना न खाएं
अगर आप ऊपर के सारे प्वॉइंट्स छोड़ कर सिर्फ इतना ही ठान लें कि मैं आज से शाम होने के बाद नहीं खाऊंगा तो यकीन मानिए आपकी तोंद कम होने लगेगी। ऐसा सिर्फ आयुर्वेद नहीं, साइंस भी मानती है।
असल में रात होते होते बॉडी का मेटाबॉलिज्म बहुत धीमा हो जाता है, जिस वजह से हम जो खाते हैं, बॉडी उसे इस्तेमाल नहीं कर पाती। जब हम रोजाना ऐसा करते हैं तो पेट बढ़ने लगता है और अधिकतर लोग तो रात को सबसे ज्यादा खाना खाते हैं।
अगर आपका पेट पहले से ही बाहर है फिर तो आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि शाम को 7-8 बजे के बाद कुछ न खाएं। आप ऐसा भी कर सकते हैं कि शाम को पांच बजे ही अच्छे से खा लें और रात का खाना छोड़ दें या सूप पी लें।
Intermittent fasting एक प्रैक्टिकल तरीका है इसे फॉलो करने का। दोस्तों, यह कोई नई डाइट नहीं बल्कि पुरातन समय से हमारे देश में फॉलो किया जाता रहा है।
आज भी भारत का किसान शाम को 06:00 बजे खाना खाकर सुबह नाश्ता 09:00 बजे ही करता है। इससे बॉडी 15 घंटे तक फास्टिंग की स्टेट में रहती है जिससे बॉडी का इंसुलिन कंट्रोल में रहता है और पेट कम होने लगता है। दो दिन करके देख लो फर्क महसूस हो जाएगा।
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रीकैप
आइए रीकैप करते हैं।
- सुबह उठने के बाद बिना ब्रश किए सबसे पहले गुनगुना पानी पीना है। एक ग्लास पीएं या चार ग्लास, आपकी मर्जी है फिर फ्रेश हो जाएं।
- दो मील्स के बीच में जब भी भूख जैसा लगे, पहले पानी पिएं। इससे आप बहुत इफेक्टिव अनहेल्दी मंचिंग से बच जाओगे।
- चीनी को तो कुछ दिन बंद ही कर दें। बाहर की मिठाइयां, केक, पेस्ट्री, जलेबी डोनट्स, कुकीज ये सब से बचें।
- प्रोटीन को अपनी डाइट में बढ़ाएं। कोई प्रोटीन पाउडर खरीदने की जरूरत नहीं। दाल, छोले, चने, राजमा, नट्स, तजि मौसमी सब्जियां , दूध, दही, पनीर में भरपूर प्रोटीन होता है।
- फ्राइड फूड से आप जितना बचेंगे, पेट आपका उतना जल्दी कम होगा इसलिए फिर चाहे वो बाहर का समोसा हो या घर की पूरियां अवॉइड करें तो रिजल्ट जल्दी मिलेंगे।
- होल फूड खाएं मतलब फाइबर की इंपॉर्टेंस को समझें। चोकर वाला आटा, हाथों से कूटा हुआ चावल , बाजरा , नट्स, होल फ्रूट्स खाएं। डाइट में वैराइटी रखें।
- शाम ढलने के बाद खाना अवॉइड करें। 12 घंटे का टाइम होना चाहिए, जब आपके पेट में पानी के अलावा कुछ न जाए। जी हां, चाय भी नहीं।
निष्कर्ष
ऐसा कर लिया तो इसमें कोई दो राय नहीं कि आपका पेट कम होने लगेगा। विसरल फैट कम हो जाएगा, जिससे न सिर्फ तोंद कम होगी, आप दिखने में अच्छे लगोगे बल्कि जो आपके अंदर के अंग हैं, जो इस वक्त जुते हुए बैठे हैं वो भी राहत की सांस लेंगे।