दोस्तों, आज मैं आपसे बात करना चाहता हूं एक ऐसे जूस की जिसका अगर आप रोज एक गिलास पी लें तो आपको बहुत फायदा होगा। सबसे अच्छी बात तो ये है कि ये जूस बहुत स्वादिष्ट होता है, काफी सस्ता होता है और आपको बड़ी आसानी से कहीं भी मिल जाएगा। शायद आप समझ ही गए होंगे। जी हां मैं बात कर रहा हूं गन्ने के जूस की।
आयुर्वेद की संहिताओं में तो गन्ने के जूस के ढेरों लाभ बताए ही गए हैं लेकिन अब तो आधुनिक विज्ञान ने भी इसके लाजवाब लाभों पर मुहर लगा दी है। बात करेंगे गन्ने के जूस के 7 लाजवाब फायदों की और कुछ ऐसी गलतियां जिसे अगर आप न करें तो इसके नुकसान से तो बचेंगे ही बल्कि इसका भरपूर फायदा भी ले पाएंगे। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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गन्ने के जूस के 7 लाजवाब फायदे
बेस्ट एनर्जी ड्रिंक
गन्ने का जूस बेस्ट नेचुरल एनर्जी ड्रिंक है। दोस्तों 2013 में 15 साइकलिंग एथलीट्स के ऊपर एक शोध हुई जिसमें उन्हें स्पोर्ट्स ड्रिंक की जगह गन्ने का जूस पिलाया गया। आप हैरान होंगे ये जानकर कि गन्ने का जूस पीने से उनकी एक्सरसाइज परफॉर्मेंस और रीहाइड्रेशन, स्पोर्ट्स ड्रिंक जितनी ही इफेक्टिव रही।
आप सोचिए जो स्पोर्ट्स ड्रिंक होती हैं उनमें कितनी कैफीन होती है जिसके साइड इफेक्ट होते हैं। लेकिन गन्ने के जूस में 70 से 75 परसेंट पानी होता है, 10 से 15 परसेंट फाइबर होता है और 13 से 15 परसेंट नेचुरल शुगर होती है। जिस वजह से बॉडी हाइड्रेटेड रहती है और तुरंत एनर्जी मिलती है।
एक प्रभावी लीवर टॉनिक
गन्ने का जूस लिवर के लिए औषधि की तरह काम करता है। हाथ पैर में जलन होना, पसीने से बहुत बदबू आना, बहुत गर्मी लगना ये सब लिवर फंक्शनिंग की गड़बड़ी के लक्षण हैं। आपने देखा होगा कि जब भी किसी को जॉन्डिस यानी पीलिया होता है तो डॉक्टर खुद गन्ने का जूस पीने की सलाह देते हैं।
लिवर जो हमारे शरीर का नंबर वन डीटॉक्स ऑर्गन है, गन्ने का जूस उसकी कार्य क्षमता को बढ़ाने में रामबाण है। लिवर से संबंधित कोई भी दिक्कत क्यों न हो, आप दो-तीन महीने लगातार एक ग्लास गन्ने का फ्रेश जूस डेली पी लें आप देखेंगे कि बिलीरूबिन लेवल नॉर्मल हो गए होंगे ।
फैटी लीवर में SGOT और SGPT बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। उनको भी नॉर्मल करने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर गन्ने का जूस प्रिस्क्राइब करते हैं। इसलिए गन्ने का जूस बेस्ट लिवर टॉनिक है।
गन्ने का रस प्रजनन क्षमता बढ़ाने में कैसे मदद करता है?
दोस्तों, गन्ने के जूस में बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन B और फॉलिक एसिड होता है जिस वजह से मॉडर्न साइंस इसे बहुत प्रभावी फर्टीलिटी बूस्टर मानती है। आयुर्वेद में इसे धातु वर्धक कहा गया है जिस वजह से अगर आपको स्पर्म काउंट बढ़ाना हो, स्पर्म की क्वालिटी बढ़ानी हो या यौन संबंधी किसी भी प्रॉब्लम से बचना हो तो गन्ने का जूस बहुत कारगर है।
प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए गन्ने का जूस का खास महत्व है। यह सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं महिलाओं की फर्टिलिटी, ब्राउन डिस्चार्ज और ओवर ब्लीडिंग जैसी प्रॉब्लम्स में भी बहुत मददगार है। गन्ने का जूस तासीर में ठंडा होता है, इसलिए गर्मियों में यह एक असली कोल्ड ड्रिंक है।
आपके शरीर के लिए ये इतना प्रभावी है कि आप ट्राई करने के लिए गन्ने का एक ग्लास जूस पी लें और फिर भारत की कड़कती धूप में कुछ टाइम रह ले। आपको सनबर्न और सन स्ट्रोक जैसी प्रॉब्लम्स बिल्कुल नहीं होंगी। लेकिन हम क्या करते हैं? गर्मी लगती है तो कोल्ड ड्रिंक पीते हैं।
ये जो कोला और बाकी कोल्ड ड्रिंक्स होती हैं, उनमें कार्बोनेटेड वॉटर में इतनी ज्यादा रिफाइन चीनी डाली जाती है, जो भले ही पीने में थोड़ी ठंडी लगे लेकिन शरीर को अंदर से जलाती है। ये कोल्ड ड्रिंक इतनी ज्यादा एसिडिक होती है कि पेट के ph लेवल को गड़बड़ कर देता है। दूसरी ओर गन्ने का जूस प्राकृतिक रूप से मीठा होता है और क्षारीय होता है। ये असल में आपके शरीर को ठंडक देता है।
गन्ने का रस मुँहासे और त्वचा के रंजकता को कम करने में कैसे मदद करता है?
अगर आप गन्ने का जूस पीने की आदत बना लें तो आप देखेंगे कि गर्मी से निकलने वाली स्किन प्रॉब्लम्स जैसे कि एक्ने, स्किन रैशेज और पिग्मेंटेशन में भी आपको आराम मिलेगा।
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इस जूस का 1 गिलास पीने से किडनी की पथरी से छुटकारा मिलता है।
गन्ने के जूस में बहुत मात्रा में पोटैशियम होता है, जिस वजह से इसे पीने से खुलकर पेशाब आती है इसी वजह से गन्ने के जूस को नेचुरल मूत्रवधक कहा जाता है। गन्ने के जूस की यह विशेषता किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है।
अगर आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो मतलब ये कि यूरिन पास करते हुए दर्द होना या यूरिन वाले एरिया में क्रैम्प्स पड़ना या कई बार यूरिन में ब्लड भी आना तो नियमित गन्ने का जूस पीने से कुछ ही महीनों में आराम आ जाता है। किडनी स्टोन अगर हो तो उन्हें भी तोड़ने और यूरिन के रास्ते बाहर निकालने में गन्ने का जूस बहुत मददगार है।
गन्ने का रस सांसों की दुर्गंध, मसूड़ों से खून आना और अल्सर से कैसे छुटकारा दिलाता है।
दोस्तों, अगर आपको बैड ब्रेथ की प्रॉब्लम परेशान कर रही है तो आपको गन्ने का जूस जरूर पीना चाहिए क्योंकि गन्ने के जूस का सीधा एक्शन लिवर पर होता है तो ये सांस की बदबू को कम करने में बहुत कारगर है।
कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होने की वजह से गन्ने का जूस दांतों के लिए, मसूड़ों के लिए और हड्डियों को मजबूत करने के लिए माना गया है। अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है, दांतों में कैविटी की समस्या है, ब्लीडिंग की परेशानी है, जीभ पीली रहती है या मुहं में छाले होते हैं तो गन्ने का जूस आपके लिए फायदेमंद है।
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने का रस कैसे पियें?
अगर आपका सुबह खुलकर पेट साफ नहीं होता तो आप कुछ दिन गन्ने का जूस रोजाना पीकर देखें। आप हैरान हो जाएंगे रिजल्ट से। ऐसा इसलिए क्योंकि गन्ने का जूस एक नेचुरल लैक्सेटिव है। ये कब्ज को खत्म करता है।
ठंडा होने की वजह से ये एसिडिटी में भी एक नेचुरल एंटासिड का काम करता है। पेट में अल्सर होना, गैस्ट्राइटिस, खट्टी डकार, सीने में जलन अगर हो तो गन्ने के जूस के नियमित सेवन से काफी फर्क महसूस होता है।
गन्ने का जूस पीते समय कभी न करें ये गलतियां
अब दोस्तों ये तो स्पष्ट है कि गन्ने के जूस के बहुत फायदे हैं लेकिन कुछ ऐसी गलतियां भी हम जाने अनजाने कर जाते हैं जिस वजह से गन्ने के जूस का फायदा नहीं ले पाते उल्टा कभी तो नुकसान हो सकता है।
- सबसे पहला तो यह कि गन्ने का जूस हमेशा ताज़ा पीना चाहिए। ताजे गन्ने के जूस की पहचान ये है कि वो येलो ग्रीन कलर का होता है। 10 मिनट पड़ा रहे तो उसका कलर डार्क ग्रीन होने लगता है। 15-20 मिनट बाद तो गन्ने का जूस पीने लायक ही नहीं रहता। इसलिए जब आप किसी गन्ने के जूस वाले के पास जाएं तो ये चेक कर लें कि वो पुराना जूस मिक्स न करें बल्कि बर्तन और मशीन पर एक बार अच्छे से पानी डलवा लें।
- गन्ने का जूस पीने का सही टाइम होता है खाली पेट। अगर हम खाना खाने के बाद गन्ने का जूस पिएंगे तो उसका फायदा नहीं मिलेगा। इसलिए या तो सुबह नाश्ता करने के एक घंटा पहले पी लो या ब्रेकफास्ट या लंच के खाने के दो तीन घंटे बाद पीएं।
- कोई भी जूस हो, शाम को सूरज ढलने के बाद नहीं पीना चाहिए। रात को जूस पीने से वो ठीक से डाइजेस्ट नहीं हो पाता। जिसका कच्चा रस जाकर जोड़ों में दर्द करता है और साइनस जैसी प्रॉब्लम्स का कारण बनता है। अगर कभी शाम ढले पीना पड़ ही जाए तो उसमें अदरक डलवाना ना भूलें। ये अच्छा कॉम्बिनेशन है जिससे गन्ने का जूस जल्दी पचता है और दिक्कत भी नहीं करता।
- गन्ने का जूस बहुत टेस्टी होता है लेकिन इसको धीरे धीरे ही पीना चाहिए। ये भारी होता है इसलिए एक बार में एक गिलास ही पिएं। आराम से बैठकर धीरे धीरे पिएं ताकि मुहं की लार इसमें अच्छे से मिक्स हो, साथ में ऐसे पीने से गन्ने का जूस बहुत जल्दी पच जाता है जिससे भरपूर फायदा मिलता है।
क्या डायबिटीज में गन्ने का रस पी सकते हैं?
अब एक सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज में गन्ने का जूस पीना चाहिए? वैसे देखा जाए तो डायबिटिक लोगों के लिए गन्ने का जूस कोई बहुत अच्छा विकल्प नहीं है। लेकिन फिर भी रिफाइंड शुगर के मुकाबले यह अगर थोड़ी मात्रा में पीया जाए तो यह बहुत अच्छा है।
यहां तक कि एक स्टडी के मुताबिक गन्ने के जूस में कुछ ऐसे फ्लेवोनॉयड और पॉलीफेनॉल्स पाए जाते हैं जिस वजह से ये पैंक्रियाटिक फंक्शन को बढ़ाते हैं। लेकिन फिर भी मेरा सजेशन यही है कि अगर आप डायबिटिक हैं तो गन्ने के जूस को लिमिट में ही पिएं।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, अगर आप गन्ने को सही तरीके से दो तीन महीने लगातार पी लें तो आपको वो सारे लाभ मिलेंगे जो हमने इस लेख में बताये हैं। गर्मी के इन दो तीन महीनों में गन्ने के जूस को पिएं और इसका भरपूर फायदा लें। फालतू की कोल्ड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स पर पैसा खराब ना करें। प्रकृति की इस नेचुरल एनर्जी ड्रिंक को पिएं और अपनी सेहत का खयाल रखें।