लिवर को साफ़ करें सिर्फ 4 दिनों में बिना किसी दवाई के प्राकृतिक रूप से

दोस्तों , इस लेख में हम बात करेंगे कि क्यों हमारा लिवर विषैले पर्दार्थों से भर जाता है। वो कौन से संकेत हैं जिनसे पता चलता है कि लिवर में गंदगी जमा हो रही है। लिवर को साफ करने के लिए उत्तम आहार और आयुर्वेदिक ग्रंथों में उल्लेख 3 सबसे प्रभावी तरीके जिनके माध्यम से आप आसानी से लिवर को डिटॉक्सीफाई कर सकते हैं। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

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Detox Your Liver Naturally


लीवर का स्वस्थ होना क्यों महत्वपूर्ण है?

दोस्तों, सबसे पहले तो यह जान लें कि लिवर का हेल्दी रहना क्यों जरूरी है। आप एक सफाई करने वाले कपड़े का उदाहरण लें। अगर वो खुद ही गंदा हो रखा हो तो वो और चीजें कैसे साफ करेगा। इसी तरह से लिवर भी हमारे शरीर में गंदगी की सफाई करता है। 

लिवर शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को अपशिष्ट पदार्थ में बदल देता है जो अलग अलग जगह से बाहर निकल जाते हैं। इसलिए अगर लिवर की कामकाज रुक जाए तो गंदगी बाहर नहीं निकल पाएगी। विषैले प्रदार्थ हमारे शरीर में जमा रहेंगे, जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। 


कैसे पता चलेगा कि हमारे लिवर में गड़बड़ चल रही है? 

लिवर शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जिसके जिम्मे 500 से भी ज्यादा कार्य हैं। क्योंकि लिवर इतना महत्वपूर्ण है तो जब कभी भी लिवर में गड़बड़ होने लगती है तो शरीर बड़े ही सक्रिय संकेत और सिग्नल्स दिखाता है। इनमें से आम है स्किन पर काले धब्बे होना और बालों का उम्र से पहले सफेद होना। इन दोनों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि लिवर में गर्मी बढ़ी हुई है। 

लिवर का एक महत्वपूर्ण फंक्शन है फैट को तोडना। इसलिए अगर आपके शरीर की चर्बी बढ़ रही है या वेट कम नहीं होता है तो शायद आपको लिवर डिटॉक्स करने की जरूरत है। शरीर में आयरन को एब्जॉर्ब करने के लिए लिवर की जरूरत पड़ती है। इसलिए अगर आपको आयरन की डिफिशिएंसी है तो आपको लिवर पर ध्यान देने की जरूरत है। 

बाकी चेतावनी के संकेत जैसे कि हमेशा थकान बने रहना, मुंह से बदबू आना, त्वचा और आँखों में पीलापन होना, पेशाब का रंग गहरा पीला होना, भूख न लगना, पैरों या बाकी शरीर के भागों में सूजन होना, ट्राइग्लिसराइड लेवल का बढ़ना, खुजली होना, एलर्जी होना, मल का रंग फीका या नारंगी होना या जल्दी जखम होना ये सब लिवर की गड़बड़ी के लक्षण हैं। अगर समय रहते इन संकेतों पर काम न किया गया तो यही संकेत आगे चलकर खतरनाक बीमारियों का रूप ले सकती है। 


हमारा लिवर टॉक्सिक कैसे हो जाता है? 

वैसे तो लिवर काफी मजबूत होता है लेकिन अगर इसमें बहुत ज्यादा ही बोझ पड़ने लगे तो ये अपनी कार्यक्षमता खोने लगता है। वॉटर पॉल्यूशन को अगर छोड़ भी दें एक बार में तो ज्यादा अल्कोहल का पीना, स्मोकिंग, फूड में पेस्टिसाइड, बहुत ज्यादा दवाइयों का सेवन करना, खाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करने से, बहुत ज्यादा ही पैकेट वाले स्नैक्स खाना, मिठाइयां खाने से, नॉनवेज खाने से और फैटी फूड खाने से लिवर पर जोर पड़ता है। 

सामान्यतः आप जितने ज्यादा टॉक्सिन्स के संपर्क में आओगे उतना ही मुश्किल होगा आपके लिवर के लिए उनको डिटॉक्सीफाई करना। फिर जब जब आप गुस्से या इरिटेट होते हो तो आपके लिवर पर असर आता है क्योंकि क्रोध भावना का गहरा नाता है लिवर के साथ। 

इस बात में तो कोई शक नहीं है कि हमारा शरीर गहरी नींद में खुद को डिटॉक्सीफाई करता है। वहीं अगर आप नींद से समझौता करोगे, तो लिवर को डिटॉक्सीफाई करने का मौका ही नहीं मिलेगा। 


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लिवर की सफाई कैसे करें? 

पहली बात तो ये कि लिवर को टॉक्सिक करने वाले जितने भी कारण हैं, उन पर अगर हम लगाम लगा दें तो लिवर पर भार पड़ेगा ही नहीं और वो अपना काम खुद ब खुद करता रहेगा। 

लेकिन अगर हम फिर भी थोड़ी अच्छी सफाई करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक संहिताओं में कुछ असरदार तरीकों का उल्लेख आता है जो लिवर को बड़ी जल्दी से डिटॉक्सीफाई करते हैं। इन सभी तरीकों में से मैंने तीन तरीकों को चुना है जो मुझे लगता है कि आसान है, प्रैक्टिकल है और असरदार तो है ही। 


घर पर लीवर साफ़ करने के 3 आसान तरीके


1. गन्ने का जूस

गन्ने का जूस


सबसे पहला है एक गिलास गन्ने का जूस, खाली पेट लगातार 15 दिन तक पीना। दोस्तों, बहुत से शोधों से यह बात आज स्पष्ट है कि गन्ने का जूस लिवर के लिए दवाई का काम करता है। इसलिए तो डॉक्टर्स भी पीलिया में गन्ने का जूस पीने की सलाह देते हैं। 

गन्ने के जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को इंफेक्शन के खतरे से बचाते हैं और बिलीरूबिन लेवल को भी कंट्रोल में रखते हैं। अगर आप इसमें अदरक और नींबू का रस मिला लें तो इसका फायदा और भी बढ़ जाता है। 

आप गन्ने के जूस को या तो नाश्ते  से एक घंटे पहले पी सकते हैं या फिर लंच के तीन चार घंटे बाद। सूरज ढलने के बाद इसे ना  पियें। गन्ने का रस सस्ता है, टेस्टी है और सारा साल बड़ी आसानी से मिल जाता है। 


2. भृंगराजासव 

भृंगराजासव


दूसरा विकल्प  है भृंगराजासव। आयुर्वेद की ये क्लासिकल फार्मूलेशन भृंगराजासव , हरीताकी, धाईफूल , केसर जैसी जड़ी बूटियों  से बनी ये औषधि बालों और त्वचा की  समस्याओं में बहुत मददगार है। वो इसलिए क्योंकि इसका सीधा प्रभाव लिवर पर होता है। 

कुछ अध्ययनों से यह साबित  हो चुका है कि भृंगराज लिवर डैमेज को ठीक करने के लिए मिल्क थिसल सीड से भी बेहतर है, जिसे आज जगह जगह लिवर सप्लीमेंट के रूप में बेचा जा रहा है। और यही नहीं भृंगराजासव मिल्क थिसल सीड से काफी सस्ता भी है। 

आपको भृंगराजासव के चार बड़े चम्मच उतना ही पानी मिलाकर दिन में एक बार खाना खाने के बाद लेने हैं। आप किसी भी प्रतिष्ठित ब्रांड का भृंगराजासव खरीद सकते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मिल जाएगा। 

बस एक बॉटल काफी है आपके लिवर को वापस लाने के लिए। यह जल्दी पचता है, ज्यादा प्रभावशाली है और बिना किसी साइड इफेक्ट के  ये बाजार में मौजूद बाकी लिवर डीटॉक्स सिरप से बहुत बेहतर है। 


3. कुटकी

कुटकी


फिर तीसरा विकल्प है कुटकी। स्वाद में कड़वी, ठंडी और अपनी क्लींजिंग और एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज के लिए मशहूर आयुर्वेद में कुटकी लिवर के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि  में से एक है। एक शोध में चूहों के शरीर में लिवर डैमेज एजेंट को इंजेक्ट किया गया। फिर थोड़ी सी कुटकी देने के बाद देखा तो उनका लिवर काफी हद तक ठीक हो चुका था। 

कुटकी इतनी प्रभावशाली है कि लिवर की काफी गहरी समस्याओं में भी निर्धारित की जाती है। ये सुरक्षित भी है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। आपको बस आधा छोटा चम्मच कुटकी पाउडर कोआधा चम्मच शहद के साथ मिलाकर लेना है। सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले 15 दिन लगातार ले लो, आपका लिवर फिर से खड़ा हो जाएगा। 

ये तीनों ही उपाय अपने आप में बड़े कारगर हैं। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से इनमे से कोई भी एक अपना सकते हैं। आप चाहो तो 15 दिन के लिए एक साथ तीनों उपायों को फॉलो कर सकते हो। 


कुछ खाद्य पदार्थ जो लीवर के लिए अद्भुत हैं

दोस्तों, ताजा मौसमी भोजन खाने से लिवर हेल्थ बड़ी अच्छी रहती है। फिर भी लिवर के लिए आपको बेस्ट फूड्स पता होने चाहिए। 

  • हल्दी एक बहुत ही अच्छा फूड है। आप रोज रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध बनाकर पी सकते हैं। 
  • इसके अलावा मेथी दाना, अदरक और गुड़ भी लिवर हेल्थ के लिए बड़े अच्छे हैं। 
  • फलों में अंगूर, नाशपाती, नींबू, नारियल और आमला काफी फायदेमंद है। 
  • फिर चोकर वाले अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट वगैरह लिवर की सफाई में मददगार हैं। 
  • चुकंदर और गाजर का किसी भी रूप में सेवन करना लिवर को मदद करता है। 


जीवनशैली में आसान और प्रभावी बदलाव जो लीवर की मदद करते हैं

लिवर की टॉक्सिसिटी ना बढ़े इसके लिए आप अपनी जीवनशैली में आसान और प्रभावी बदलाव कर सकते हो जैसे-

  • जब भी सब्जियां बाहर से खरीद कर लाओ तो आप उसे बेकिंग सोडा सलूशन में धो लो ताकि काफी हद तक पेस्टिसाइड्स निकल जाएं। 
  • खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेलों को छोड़ कच्ची घानी का तेल इस्तेमाल करना शुरू कर दें। 
  • रोज 15 मिनट योगा जरूर करें और जंक फूड से परहेज करें। 
  • लोहे के बर्तन इस्तेमाल करें। इससे लिवर हेल्दी रहेगा। 


निष्कर्ष 

जब बात आती है डिटॉक्स करने की तो लिवर हमारा सबसे अच्छा दोस्त है। इसलिए लिवर का ध्यान रखना हमारी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर इस लेख में बतायी गयी जो भी चीजें हैं अगर आप उन्हें अच्छे से फॉलो करेंगे तो आपका लिवर फिर से हेल्दी हो जाएगा और आप खुद को हल्का और एनर्जेटिक महसूस करेंगे। 

हॉर्मोन्स बैलेंस्ड रहेंगे, शरीर खाने से न्यूट्रिएंट्स को एब्जॉर्ब कर पाएगा , वजन घटाना आसान हो जाएगा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और आप खुद को काफी स्वस्थ महसूस करेंगे। 

इस लेख में बताये जो भी प्रोडक्ट है आपको बड़ी आसानी से किसी भी आयुर्वेदिक दुकान पर मिल जाएंगे। अगर आपको ये लेख ज्ञानवर्धक लगा तो कृपया करके इससे अपने मित्रों और परिवार वालों के साथ जरूर शेयर करियेगा। अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। 

Vinod Pandey

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