पेट की गैस या ब्लोटिंग कम करने के 5 बेहतरीन आयुर्वेदिक तरीके

अगर आपका अक्सर ही खाना खाने के बाद पेट फूल जाता है, कस जाता है, गैस बनने लगती है, बेचैनी महसूस होती है तो इसे ब्लोटिंग कहते हैं। आम भाषा में अफारा भी कह देते हैं जिसमें पेट निकल कर गोल सा हो जाता है। लेकिन घबराएं नहीं, इस लेख  में हम बात करेंगे 5 बेहतरीन तरीकों की जिनसे आपकी ब्लोटिंग ठीक हो जाएगी और साथ में कुछ बहुत ही असरदार घरेलू नुस्खों की। आए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

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5 PROVEN WAYS TO REDUCE BLOATING


ब्लोटिंग के लक्षण और संकेत

दोस्तों, जब भी ब्लोटिंग होती है तो कुछ संकेत और लक्षण दिखाए देते  हैं , जैसे आपका पेट का आकार सामान्य से बड़ा और गोल हो जाता है, अंदर गैस फंस गई है और पेट बिल्कुल टाइट हो गया है ऐसा महसूस होता है। और तो और डकार या फार्ट भी ज्यादा आते हैं। पेट से गुड गुड की आवाजें आ सकती हैं, दर्द हो सकता है और यहां तक कि मरोड़ भी पड़ सकते हैं। 

अगर आपको ऐसे कुछ लक्षण आते हैं तो आपने यह भी नोटिस किया होगा कि ज्यादातर ब्लोटिंग शाम को होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शाम होते होते हमारी पाचन क्षमता कम होने लगती है। शाम को नैचुरली हमारा शरीर कम डाइजेस्टिव जूस बनाने लगता है। 

इसलिए अगर हम शाम को खाने में गलतियां करते हैं तो एकदम ही गैस बन जाती है। वैसे तो ब्लोटिंग ठीक की जा सकती है, लेकिन इसको भूलकर भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। पेट में बनी गैस को अगर हम नजरअंदाज करेंगे तो यही आगे जाकर आईबीएस, अल्सरेटिव कोलाइटिस और थायरॉइड जैसी प्रॉब्लम्स का कारण बन जाती है। 



क्या कारण है ब्लोटिंग होने का? 


1. हेल्दी बैक्टीरिया की कमी 

अगर एक ही कारण की बात करूं तो इसका मुख्य कारण यह है कि आपके पेट में हेल्दी बैक्टीरिया की कमी हो रही है। क्यों होती है हेल्दी बैक्टीरिया की कमी? दोस्तों, यह बात सही है कि हमारे शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया दोनों होते हैं। 

आप यह समझिए कि गुड बैक्टीरिया खाने को सही तरीके से डाइजेस्ट होने में मदद करते हैं। वहीं बैड बैक्टीरिया गैस और ब्लोटिंग जैसी प्रॉब्लम्स को बढ़ाते हैं। 

अब गलत खानपान की वजह से या कभी कभी एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर्स लेने की वजह से होता यह है कि गुड बैक्टीरिया कम रह जाते हैं और बैड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। ये इम्बैलेंस कारण बनता है ब्लोटिंग का और डाइजेशन संबंधी बाकी समस्याओं का। 

तो अगर हम शरीर में गुड बैक्टीरिया यानी प्रोबायोटिक्स को ऐड करेंगे तो आप देखेंगे कि ब्लोटिंग खुद ब खुद कम होने लग जाएगी। प्रोबायोटिक फूड ब्लोटिंग के केस में दवाई का काम करता है। एक बहुत ही अच्छा प्रोबायोटिक फूड जो शायद अभी आपकी रसोई में पड़ा हुआ होगा, वो है दही। 

जी हां, अगर आप रोज सुबह नाश्ता करने से पहले दही में थोड़ी सी शक्कर, ध्यान रहे रिफाइंड चीनी नहीं या तो गुड़ पाउडर डालना है या धागे वाली मिश्री का पाउडर मिलाकर लेंगे तो ये आपके शरीर में हेल्दी बैक्टीरिया बहुत जल्दी से बढ़ाएगा। 

असल में दही में नैचुरली बहुत बैक्टीरिया होते हैं लेकिन मीठा डालने से ये गुड बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं। इसी तरह से एप्पल साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका भी बहुत ही अच्छा प्रोबायोटिक फूड है। 

आधा चम्मच गुनगुने पानी में मिक्स करके 15 दिन सुबह पी लो। आपको ब्लोटिंग की समस्या में बहुत आराम आ जाएगा। 15 दिन के बाद छोड़ दें और फिर 15 दिन का गैप डालकर दोबारा 15 दिन के लिए शुरू कर सकते हैं। 



२. अधिक खाने से बचें

दोस्तों ये प्रूव हो चुका है कि जो लोग ओवरईटिंग करते हैं उनको ब्लोटिंग की समस्या ज्यादा होती है। अगर आप सिर्फ ओवरईटिंग से खुद को बचा लें तो आप देखेंगे कि पेट का कसना, गोल होना ये बहुत ज्यादा कम हो जाएगा। 

आपको शायद हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की ये शोध दिलचस्प लगे जिसमें ये पता लगा कि खाना खाने के बाद 20 मिनट लगते हैं दिमाग तक ये मैसेज पहुंचने में कि पेट भर चुका है। अब फर्ज करो कि आपने जल्दी जल्दी पांच मिनट में ही काफी खाना खा लिया। 

अब आपका पेट तो भर चुका है लेकिन आपको फिर भी भूख लग रही है क्योंकि दिमाग तक सिग्नल नहीं पहुंचा। ऐसे में होता ये है कि हम और खाते रहते हैं और जब 20 मिनट बाद सिग्नल पहुंचता है तो महसूस होता है कि यार ओवरईटिंग हो गई। 

और यही अगर हम धीरे धीरे खाने को चबाकर खाते हैं तो आपके खाने का समय थोड़ा बढ़ जाएगा और ऐसे में दिमाग को सही सिग्नल जाता है और कम खाने में ही पेट भरने का एहसास हो जाता है। इसलिए आपको ध्यान रखना है कि प्लेट को कभी भी बहुत ज्यादा नहीं भरना बल्कि एक बार में कम ही खाना ले। 

दूसरी ऐसी परस्थिति ना बनाये कि भूखे शेर की तरह खाने पर टूट पड़े। असल में विज्ञान ऐसा मानती है कि जब आप बहुत लंबे समय तक भूखे रहते हैं तो भी जो गट में बैड बैक्टीरिया है, वो गैस बनाना शुरू कर देते हैं। 

इसलिए अच्छा होगा अगर आप तीन चार घंटे के अंतराल पर हल्का हल्का खाएं, जैसे कि एक फल खा लिया या गन्ने का जूस पी लिया या कोई हर्बल टी पी ली या थोड़े से मखाने खा लिए। इससे यह होगा एक तो आप ओवरईटिंग से बच जाएंगे, दूसरा बैड बैक्टीरिया गैस नहीं प्रोड्यूस करेंगे जिससे आपको असहज महसूस नहीं होगा।


3. गैस वाले भोजन से परहेज करें

दोस्तों, कुछ ऐसे भोजन हैं जो पेट में बहुत ज्यादा मात्रा में गैस बनाते हैं और ब्लोटिंग जैसी प्रॉब्लम्स को बढ़ावा देते हैं। इनमें से मुख्य हैं दालें। जैसे अगर आप ज्यादा मात्रा में मटर खाएंगे तो आप खुद ब्लोटिंग को निमंत्रण दे रहे हैं। अक्सर लोगों को चने की दाल खाने से गैस बन जाती है। 

इसके अलावा अरहर की दाल, उरद की दाल, राजमा, लोबिया ये सभी गैस बनाने वाले भोजन की श्रेणी में आते हैं। इसमें कोई शक नहीं है की  ये फूड हेल्दी हैं लेकिन गैस की समस्या के चलते आपको इन्हें सीमित करने की जरूरत है। इतना तो कर ही सकते हैं कि शाम के खाने में इन्हें ना खाये। 

और हां, कभी भी दालों को बिना भिगोए खाने की गलती न करें। फिर चाहे वो छिलके वाली दाल हो या बिना छिलके की। 

पत्तागोभी और फूलगोभी दोनों ही ऐसे भोजन की श्रेणी में आते हैं। अब या तो इन्हें नज़रअंदाज़ ही कर दें या फिर पका कर ऊपर एक चम्मच घी डालकर खाएं। कच्चा अनाज जैसे अंकुरित भोजन भी आपको ब्लोटिंग की फीलिंग दे सकते हैं। 

अगर ब्लोटिंग अक्सर रहती है तो रात को सलाद खाना या फल खाना भी आपको अवॉइड कर देना चाहिए। दोस्तों, इसके अलावा विज्ञान ऐसा साबित कर चुकी है कि जब हम ज्यादा नमक का सेवन करते हैं तो शरीर में पानी धारण करने की क्षमता बढ़ती  है और ज्यादा पानी जमा होगा तो ब्लोटिंग होने के चांस बढ़ेंगे।

सबसे ज्यादा नमक होता है बाहर के डिब्बाबंद प्रोसेस्ड फूड में। ज्यादा रिफाइंड चीनी लेने से भी बैड बैक्टीरिया को अच्छी खुराक मिलती है, जिससे उनकी तादाद बढ़ती है। इसलिए अपनी चीनी की मात्रा को भी सिमित रखें। 


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4 . हवा निगलने से बचें

दोस्तों, जब ब्लोटिंग होती है तो असल में पेट में हवा भर जाती है जिससे पेट कसा कसा सा महसूस होता है। अब हैरानी की बात ये है कि जाने अनजाने आप कुछ ऐसे काम करते हैं जिससे आप हवा को निगला  करते हैं। 

जब आप कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को पीते हैं जैसे कोला वगैरह तो आप भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को निगल रहे होते  हैं। ये गैस के बबल्स पेट में जाकर मुक्त होते हैं और पेट को फुला देते हैं। और जब आप इन्हीं ड्रिंक्स को पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल करते हैं, तब तो और भी ज्यादा हवा पेट में भरती है। 

फिर आपने शायद नोटिस भी किया होगा कि जब आप तेजी से खाना खाते हैं या खाते खाते बहुत बोलते हैं, हंसते हैं तो ब्लोटिंग हो जाती है। च्विंगम चबाने से, टॉफी चूसने से भी हम अनजाने में हम काफी हवा निगलते हैं। अब यही अत्यधिक हवा बाद में ब्लोटिंग का कारण बन जाती है। 

इसलिए आप फिजी ड्रिंक्स कम कर दें। स्ट्रॉ का इस्तेमाल न करें और खाने को धीरे धीरे माइंड फुली खाएं तो ब्लोटिंग काफी हद तक कम हो जाएगी। 



5. खाद्य असहिष्णुता

ये आज के समय  में एक बहुत ही आम कारण है डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स का जिसको ज्यादातर लोग या तो जानते ही नहीं या नजरअंदाज कर जाते हैं। खाने में ऐसी काफी चीजें हैं जिससे हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम इनटॉलरेंस हो सकता है। इन्हें खाते ही गैस बनने का एहसास हो जाता है। 

साइंटिफिकली ये देखा गया है कि बहुत सारी चीजों के लिए अलग अलग लोग इनटॉलरेंस होते हैं। लेकिन कुछ बहुत ही आम चीजें हैं जिसके लिए काफी लोग इन्टॉलरेंस है। 

मिल्क प्रोडक्ट सबसे पहले नंबर पर हैं इस लिस्ट में। दोस्तों, दूध में लैक्टोस नामक एक शुगर पाई जाती है जो काफी लोग पचा नहीं पाते और आजकल जिस क्वालिटी का दूध मार्केट में आ रहा है इससे लैक्टोज इंटॉलरेंस के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। 

इसलिए लोगों को दूध पीते ही अफारा हो जाता है। किसी को ज्यादा गैस पास होती है, किसी को लूज मोशन जैसा फील होता है। इसलिए अगर आपको दूध या दूध के किसी भी पदार्थ से ऐसे लक्षण आते हैं तो आपको कुछ दिन इन्हें अपनी डाइट से अलग करना चाहिए। 

फिर ग्लूटेन एलर्जी भी बड़ी कॉमन है। अगर आपको गेहूं, सूजी या मैदे की रोटी खाने के बाद गैस बनने लगती है तो आपको कुछ दिन अपने अनाज को बदल कर देखना चाहिए। 

कुछ लोगों को पीनट से एलर्जी होती है इसलिए आपको ये ऑब्जर्व करना है कि क्या खाने से आपको ब्लोटिंग होती है। ऐसी चीजों को डाइट से हटा दें और आप देखेंगे कि ब्लोटिंग की समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो गई है। 


संक्षिप्त में 

दोस्तों इससे पहले कि मैं आपसे शेयर करूं, कुछ बहुत ही असरदार नुस्खे  मतलब ब्लोटिंग हुई और कैसे तुरंत आराम पाए उससे पहले जल्दी से रीकैप कर लेते हैं। 

  • ब्लोटिंग का मूल कारण है पेट में गुड बैक्टीरिया की कमी होना और बैड बैक्टीरिया का बढ़ना। इसलिए प्रोबायोटिक फूड को सम्मलित करें। दही में थोड़ी शक्कर डालकर या आधा चम्मच सेब का सिरका गुनगुने पानी में सुबह नाश्ते से पहले पीने से अच्छे  बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ेगी। 
  • ओवरईटिंग से आपको हर हालत में बचने की जरूरत है। खाना धीरे चबाकर खाएं ताकि दिमाग को पेट भरने का सही सिग्नल मिले। नियमित अंतराल पर थोड़ा थोड़ा खाते रहें। 
  • देसी भोजन जैसे कि चने की दाल, अरहर, राजमा, लोबिया, मटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, स्प्राउट्स और कच्ची सब्जियों को कम खाएं। 
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, स्ट्रॉ का इस्तेमाल करना, तेजी में खाना खाते हुए बहुत बोलना, हंसना कम करना चाहिए जिससे कि शरीर में अनावश्यक हवा ना हो। 
  • ये पहचानने की कोशिश करें कि कहीं आप किसी फूड से इन्टॉलरेंस तो नहीं। दूध , डेरी प्रोडक्ट्स ,गेहूं या बाकी ग्लूटन अनाज को खाकर अगर ब्लोटिंग होती है तो उन्हें अपनी डाइट से कुछ समय के लिए हटा दें। 


ब्लोटिंग अथवा गैस से तुरंत आराम के लिए क्या करें

अब ये तो थे वो लाइफस्टाइल चेंज जिनसे आपको कुछ दिन में ब्लोटिंग की समस्या से पूर्णतः आराम आ जाएगा। लेकिन बात करते हैं कुछ क्विक फिक्स की। जैसे ब्लोटिंग हो गई है तो उस वक्त क्या करें। 

  • आप एक चम्मच अजवाइन फांक सकते हैं। दोस्तों, अजवाइन हमारी दादी नानियों का नुस्खा तो है ही लेकिन आज साइंस भी कह रही है कि इसमें थायमिन नाम का एक ऐसा कंपाउंड होता है जो गैस की समस्या को तुरंत ही खत्म करता है। 
  • आप एक गिलास गर्म पानी लेकर उसमें थोड़ा नींबू, अदरक का रस और काला नमक डाल कर पिएंगे तो भी आपको ब्लोटिंग से तुरंत आराम मिलेगा। 
  • पवनमुक्तासन एक बहुत ही असरदार योगा है ब्लोटिंग से निजात पाने के लिए। आप इसे एक मिनट तक करें शरीर को आराम आ जाएगा। आप इसे कभी भी कर सकते हैं। 

pawanmuktasan pose for bloating


निष्कर्ष 

दोस्तों, ये तो स्पष्ट है कि गैस और ब्लोटिंग सामान्यतः लाइफस्टाइल की गड़बड़ी से ही होती है और अगर आप चाहें तो इन्हीं छोटी छोटी चीजों को फॉलो कर बड़ी आसानी से ब्लोटिंग की समस्या से छुटकारा भी पा सकते हैं। 

Vinod Pandey

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