5 सर्वश्रेष्ठ शाकाहारी कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जिनमें दूध से भी अधिक कैल्शियम है

कैल्शियम क्यों इतना महत्वपूर्ण  है? क्या कारण हैं कैल्शियम की कमी के ? कैसे पता करें हमें कैल्शियम की कमी है कि नहीं। कैल्शियम कैसे लें ताकि पथरी न बनें। आज इस लेख में मैं शेयर करूंगा आपसे 5 ऐसे कैल्शियम से भरपूर खाद्य पर्दार्थ जिनमें दूध से कहीं ज्यादा कैल्शियम है।आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

Table of Contents


5 Best Calcium Rich Foods


Serial Number Topic Covered
1 कैल्शियम की कमी के लक्षण
2 कैल्शियम की कमी के मुख्य कारण
3 कैल्शियम की कमी को पूरा क्यों नहीं कर पाता दूध?
4 निष्कर्ष


कैल्शियम की कमी के लक्षण

दोस्तों, इस बात में कोई दो राय नहीं कि कैल्शियम एक बहुत ही महत्वपूर्ण मिनरल है आपकी हड्डियों के लिए, दांतों के लिए, ह्रदय के लिए, मसल्स के लिए और तंत्रिकाओं के लिए। शरीर में जब भी कैल्शियम की कमी होने लगेगी, इन अंगों पर ही असर आएगा। 

शरीर का कैल्शियम हड्डियों और दांतों में जमा होता है। इसलिए जब कैल्शियम की कमी लंबे समय तक रहती है, तो हमारे शरीर का सिस्टम ही ऐसा है कि वह हड्डियों और दांतों से कैल्शियम को खींचने लगता है। 

इससे आपको लोअर बैक में दर्द रह सकता है, नेक पेन हो सकता है, जोड़ों में से खटपट की आवाजें आती हैं। थोडी सी चोट लगी नहीं की फ्रैक्चर होना, दांतों में कैविटी बनने लगना, दांतों में सड़न होने जैसी दिक्कतें आने लगती हैं। 

कुछ और लक्षण भी हैं जैसे फटीग यानी हमेशा थकान सी बने रहना, मसल्स में पेन या क्रैम्प होना, नाखून या चेहरे पर सफ़ेद धब्बे  बनना, नाखून जल्दी टूटना, फोकस न बनना, नींद ठीक से न आना, ये सब कैल्शियम की कमी के लक्षण हैं। 

अगर कैल्शियम की कमी पूरी न की जाए तो हड्डियां पतली होती जाती हैं, जिससे अर्थराइटिस हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन बताती हैं कि कैल्शियम की कमी से सोराइसिस और एक्जिमा जैसी प्रॉब्लम्स के चांसेस कई गुना बढ़ जाते हैं। 

शोधों में यह भी सामने आया कि जिन महिलाओं ने दो महीने तक लगातार कैल्शियम का सेवन किया, उन्हें PMS प्रॉब्लम जैसे कि चिड़चिड़ापन बहुत कम हो गया। 


कैल्शियम की कमी के मुख्य कारण

दोस्तों ,अब सवाल यह उठता है कि कैल्शियम की कमी होती क्यों है? हम रोज बढ़िया खा रहे हैं फिर क्यों कमी हो रही है ? इसके कुछ कारण बड़े साफ हैं। 

  • सबसे पहला तो यह कि डाइट में कैल्शियम है ही नहीं। 
  • दूसरा यह कि हम कैल्शियम से भरपूर खाना तो खाते हैं, लेकिन बॉडी एब्जॉर्ब नहीं कर पा रही। यह तब होता है, जब या तो आपका पेट खराब रहता हो या आप कुछ ऐसी दवाइयां खा रहे हों, जिससे कैल्शियम एब्जॉर्ब रुक जाए। 
  • बाकी स्टडीज यह मानती हैं कि स्मोकिंग, एल्कोहल बहुत ज्यादा चाय या कॉफी पीने से अत्यधिक शुगर लेने से बॉडी में कैल्शियम जाते हुए भी एब्जॉर्ब नहीं हो पाता। 


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कैल्शियम की कमी को पूरा क्यों नहीं कर पाता दूध?

कैल्शियम की जब बात होती है तो दूध ही याद आता है, लेकिन आजकल दूध की क्वालिटी नीचे गिरती जा रही है। अगर दूध न पचे यानी दूध पीते ही गैस बने, टॉयलेट जाना पड़े तो समझो कैल्शियम एब्जॉर्ब नहीं हो रहा। इसलिए आज मैं शेयर करूँगा आपसे 5 ऐसे वेजिटेरियन फूड सोर्स जिनमें दूध से कहीं ज्यादा कैल्शियम है। 


1. चूना

image of Lime


पहला है चूना। दोस्तों, कैल्शियम शब्द आया ही लैटिन के शब्द calx से है जिसका मतलब है चूना। यह बात सही है कि चूना कैल्शियम की कमी को खत्म करने का बेस्ट तरीका है, लेकिन लेना कैसे है, यह बहुत महत्वपूर्ण है। 

पहली बात तो यह कि चूना खाने वाला होना चाहिए। वह नहीं, जो दीवारों पर पुताई करने के लिए इस्तेमाल होता है। उससे तो मुंह कट जाएगा। उसी चूने को प्यूरीफाई किया जाता है, तब जाकर खाने योग्य चूना बनता है। यह चूना आपको किसी भी पान की दुकान से मिल जाएगा या किसी किराने की दुकान से या ऑनलाइन भी ले सकते हैं। 

इस एडिबल चूने की भी एक चुटकी लेनी है बस। आयुर्वेद में ऐसा लिखा गया है कि एक गेहूं के दाने जितना चूना अगर आप रोज दही में मिलाकर लें तो 15 से 20 दिन में ही कैल्शियम की कमी में आराम आ जाता है, इतना असरदार है चूना। 

यह दही में इसलिए मिलाया जाता है क्योंकि एक तो ऑयली मीडियम से कैल्शियम जल्दी एब्जॉर्ब होता है दूसरा दही खुद कैल्शियम का बढ़िया स्रोत है। 

आप दही नहीं लेना चाहते तो किसी सब्जी के ऊपर मिला लें। इसी चूने को अगर आप पानी में मिलाकर लेंगे तो उतना असर नहीं करेगा। यह एक बड़ा कारण है क्योंकि कैल्शियम की गोलियां पानी से लेने से असर नहीं करती। पानी से कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से पथरी होने के चांस बढ़ जाते हैं। 


2. सफेद तिल

image of white sesame seeds


अगला है सफेद तिल। 200 ml दूध में 125 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। वहीं तिल के 100 ग्राम में 975 मिलीग्राम कैल्शियम होता है जो कि लगभग आठ गुना है। फिर भी हम दूध को ही कैल्शियम का बढ़िया सोर्स मानते हैं। 

यही नहीं इसमें मैग्नीशियम भी भरपूर है जो कैल्शियम के अब्सॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है। सर्दियों में तो आप आराम से सफेद तिल के लड्डू गुड़ के साथ बनाकर खा सकते हैं। तिल गुड़ की चिक्की खा सकते हैं। 

लेकिन गर्मी में तिल बहुत ज्यादा ना खाएं। ड्राई रोस्ट करके रख लें और एक चम्मच आटे में गूंध लें, दूध के साथ ले लें, दलिया, सब्जी में मिक्स कर सकते हैं। थोड़ी मात्रा में तो लड्डू भी खा सकते हैं। 

तिल के कच्ची घानी तेल में खाना पका सकते हैं। आयुर्वेद में लिखा है कि अगर कोई तिल के तेल के साथ मसाज करके थोडी देर धूप में बैठ जाए तो उसे कैल्शियम के साथ साथ विटामिन डी भी मिलेगा। विटामिन डी कैल्शियम को एब्जॉर्ब करने में बहुत मदद करता है। 


3. कुलथी की दाल

image of horse gram pulses


दोस्तों, सारी दालों में कुलथी की दाल कैल्शियम में नंबर वन है। इसके 100 ग्राम में 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसका नाम ही horse gram  रखा गया है क्योंकि इसमें घोड़े जैसी ताकत है। 

सामान्यतः लोग डरते हैं कि कैल्शियम खाएंगे तो पथरी बन जाएगी। यह दाल जो कैल्शियम में इतनी प्रचुर  है, यह उल्टा पथरी को तोड़ने में बहुत मदद करती है। यह एंटी डायबिटिक भी है। बस आप इसे सामान्य दाल की तरह इस्तेमाल करें। 

बाकी राजमा के 100 ग्राम में भी 270 मिलीग्राम के आसपास कैल्शियम होता है। काले चने के 100 ग्राम में भी 220 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसलिए अगर आप हफ्ते में एक बार काला चना खा लें, एक बार राजमा खा लें और एक बार कुलथी की दाल खा लें, बस फिर आपको कैल्शियम के लिए परेशान होने की कोई जरूरत नहीं। 


4. राजगिरा 

image of Rajgira


राजगिरा जिसे अमरंथ या रामदाना कहते हैं, क्योंकि यह कोई अनाज नहीं है, यह आपने उपवास वाले दिन कभी खाया होगा। आप हैरान हो जाएंगे कि इसके 100 ग्राम में 340 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। 

सिर्फ कैल्शियम ही नहीं इसमें भी विटामिन बी , मैग्नीशियम, विटामिन सी तक पाया जाता है। यह शायद अकेला ही ऐसा वेजिटेरियन सोर्स है जिसमें नौ के नौ एसेंशियल अमीनो एसिड होते हैं। इस वजह से इसे कंप्लीट वेजिटेरियन सोर्स प्रोटीन माना जाता है। यह आपके एक्स्ट्रा फैट को कम करने में बहुत मदद करेगा। 

आप इसे नॉर्मल अनाज की तरह इस्तेमाल करें। चाहे आटा गूंध कर रोटी बना ले, चाहे चावल की तरह सब्जी डालकर खा लें, चाहे दूध या सब्जियां डालकर दलिया बना लें। 

असल में जो लाल साग होता है, जिसे चौलाई भी कहते हैं, यह इसी के ही पत्ते होते हैं। इसलिए जब भी लाल साग सीजन में आए, उसे जरूर खाएं। बाकी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, अरबी के पत्ते या बंदगोभी में भी कैल्शियम भरपूर है। 


5. रागी 

image of fingre millet


रागी डायबिटिक लोगों के लिए सर्वोत्तम अनाज में से एक माना जाता है क्योंकि यह ब्लड शुगर को कम करता है। कैल्शियम तो इसमें काफी है ही। 100 ग्राम रागी में आपको मिलेगा 300 मिलीग्राम कैल्शियम। 

इसमें पोटैशियम भी बढ़िया होता है, जिस वजह से यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। इसमें काफी आयरन है जिस वजह से आपका हीमोग्लोबिन बढ़ता है। 

लेकिन इसे इस्तेमाल कैसे करें? बहुत तरीके हैं। रागी का डोसा बहुत सही होता है, इडली बनती है। आप इसकी रोटियां भी बना सकते हैं, दलिया बना सकते हैं। लेकिन मेरी फेवरेट है रागी माल्ट। दो मिनट लगते हैं बनाने में। 

एक कटोरी में दो तीन चम्मच रागी का आता  डाल दें। थोड़ा पानी डाल कर पेस्ट बना लें। अब एक पैन में एक गिलास पानी उबाल लें। इसमें नमक और रागी का पेस्ट डाल दें। दो तीन मिनट तक अच्छे से पकने दें। फिर थोड़ा ठंडा हो जाने दें और गिलास में डाल लें। ऊपर से दही और नींबू निचोड़ दें। जबरदस्त कैल्शियम ड्रिंक है और टेस्ट बढ़िया है। 


निष्कर्ष 

दोस्तों, इसमें कोई शक नहीं कि देसी गाय का दूध मुख्य स्रोत है कैल्शियम का। लेकिन अगर आप दूध नहीं पीना चाहते या फिर कहो कि आपको देसी गाय का दूध नहीं मिल पा रहा या आपको दूध पचता नहीं है तो आप इन सब चीजों को अपनी डाइट में शामिल  कर लें तो कैल्शियम की कमी आपको कभी नहीं हो सकती। बल्कि कैल्शियम की कमी के चलते जो भी लक्षण अगर आए भी हैं तो वह अपने आप ही कम होने लगेंगे। 

Vinod Pandey

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