क्या आपको अक्सर ही खट्टे डकार आते हैं या खाना खाया और ऐसा लगता है जैसे सीने में जलन होने लगी। ये एसिडिटी है। आज मैं आपसे शेयर करूंगा कि क्या है एसिडिटी होने के असली कारण और कैसे इसे हमेशा के लिए ठीक करें नेचुरल तरीके से घर पर ही, बिना किसी दवाई के। बात करेंगे आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित चार प्रभावी तरीकों की। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
Table of Contents
Serial Number | Topic Covered |
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1 | एसिडिटी का प्रमुख कारण |
2 | आपको एंटासिड का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए? |
3 | प्राकृतिक एंटासिड |
4 | निष्कर्ष |
एसिडिटी का प्रमुख कारण
आपने अक्सर ही लोगों को एसिडिटी से परेशान होते देखा होगा, यह आजकल एक आम समस्या हो गई है। लेकिन यह कोई खास बड़ी समस्या नहीं है। लेकिन फिर भी अगर इसको समय रहते सही न किया जाए तो पेट में अल्सर, फूड पाइप की लाइनिंग खराब होना और यहां तक कि हार्ट अटैक की दिक्कत भी आ सकती है।
लेकिन घबराएं नहीं। अगर इसके कारणों को समझ लें तो समस्या का आधा निवारण तो उसी से ही हो जाएगा। एसिडिटी यानी पेट में ज्यादा एसिड का बनना। तो यह प्रॉब्लम होती क्यों है? दरअसल , जब हम कुछ खाते हैं, तो पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है, जो खाने को पचाने का काम करता है।
लेकिन जब हमारी खाने की आदतें ठीक नहीं होती तो यह एसिड ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, जिस वजह से स्पिन्स्टर मसल कमजोर हो जाती हैं। आप ऐसे सोचिए कि एक वॉल्व है जो एसिड को ऊपर नहीं जाने देता, लेकिन जब यह गलत खानपान की वजह से कमजोर हो जाता है तो एसिड ऊपर आने लगता है।
इससे खट्टे डकार आते हैं, सीने में जलन की शिकायत होती है, एसिड रिफ्लक्स, पेट दर्द होता है। अगर हम बहुत ज्यादा लाल मिर्च या मसालों का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो उससे पेट में ज्यादा एसिड बनता है।
अगर आप सुबह उठते ही चाय कॉफी पीते हैं या दिन भर में ज्यादा चाय पीने की आदत है तो इससे भी एसिडिटी होती है। जब आप तला हुआ या बहुत भारी खाना खाते हैं तो उसको पचाने के लिए भी पेट में ज्यादा एसिड बनता है।
अगर आपको एसिडिटी की दिक्कत है तो रात को तो आपको हल्का खाना चाहिए और खाने के बाद एकदम लेट जाना भी सही नहीं है। रात को थोड़ा टहलें, डिनर और सोने में 2 से 3 घंटे का अंतराल रखें।
हाल ही में मैं एक आदमी से मिला और उन्होंने मुझे कहा कि जब से मैंने शाम को 07:00 बजे तक डिनर करने की आदत बनाई है, मेरी एसिडिटी की प्रॉब्लम अपने आप ही ठीक हो गई।
फिर जब हम टाइम स्नैकिंग करते हैं जैसे चलते फिरते बिस्किट खा लिया, भुजिया खा लिया इससे भी बॉडी कन्फ्यूज हो जाती है और ज्यादा एसिड बनाती है। इसलिए खाने के समय फिक्स रखो।
स्मोकिंग, एल्कोहल तो एसिडिक है ही। फिर अगर आपको कार्बोनेटेड ड्रिंक पीने की आदत है, जैसे आप कोल्ड ड्रिंक पीते हैं, बीयर पीते हैं, सोडा पीते हैं तो यह भी एसिडिटी की प्रॉब्लम बढ़ाने वाली चीजें हैं। ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी पेट का पीएच लेवल पर असर आता है, जिससे एसिडिटी की संभावनाएं बनती है।
आपको एंटासिड का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
एसिडिटी से आराम लेने के लिए आमतौर पर लोग जेलोसिल या डाइजीन जैसी एंटासिड दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। इससे भले ही कुछ देर आराम आ जाए, लेकिन समस्या मूल रूप से ठीक नहीं होती।
एंटासिड के बारे में आपको यह समझने की जरूरत है कि एंटासिड रेगुलर यूज के लिए नहीं है। यह लॉन्ग टर्म यूज के लिए भी नहीं है। इनके अपने साइड इफेक्ट्स हैं। यह कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं।
प्राकृतिक एंटासिड
तो फिर ऐसे प्राकृतिक उपाय क्या है, जिसका कोई साइड इफेक्ट ना हो? देखो, ठंडा दूध अपने आप में एक एंटासिड का काम करता है। अगली बार जब आपको एसिडिटी की दिक्कत हो तो एंटासिड दवाई की जगह थोडा सा ठंडा दूध पिए। आपको पांच मिनट में ही आराम आ जाएगा लेकिन फिर भी ये एक क्विक फिक्स है।
परमानेंटली अगर आप एसिडिटी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इसके कारणों को ठीक करना होगा जिससे 80% तक आराम आ जाएगा। आयुर्वेद की संहिताओं में कुछ बहुत ही प्रभावी तरीके बताए गए हैं जिससे एसिडिटी आपको कभी परेशान नहीं करेगी। इनमें से बात करते हैं चार ऐसे प्रभावी तरीकों की।
1. एलोवेरा जूस
सबसे पहला है एलोवेरा जूस। दोस्तों, एलोवेरा की एंटी इन्फ्लामेट्री गुण की वजह से यह पेट में अत्यधिक एसिड को बेअसर कर ठंडक देता है।
2015 में एक स्टडी हुई जिसमें यह पता चला कि जिन लोगों ने रोज एलोवेरा जूस पिया उनको एसिडिटी में दवाई से भी ज्यादा आराम मिला। आपको किसी भी नामी कंपनी का एलोवेरा जूस फाइबर के साथ खरीदना है और उसका 30 ml सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले पीना है।
मतलब सुबह उठकर नॉर्मल पानी पियो फिर फ्रेश होकर पहली चीज एलोवेरा जूस विद फाइबर अगर पिएंगे तो यह एसिडिटी को बहुत प्रभावी रूप से ठीक करेगा । आपको एलोवेरा जूस किसी भी आयुर्वेदिक दुकान से मिल जाएगा।
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2. मुलेठी वाला दूध
दूसरा घरेलू नुस्खा है मुलेठी वाला दूध जो आयुर्वेद के क्षीर पाक तरीके से बना हो। आयुर्वेद की माने तो मुलेठी खट्टे डकार, सीने में जलन, पेट की ख़राबी जैसे लक्षणों को ठीक करने के लिए सर्वोत्तम है।
और तो और मॉडर्न टाइम में भी इस पर काफी रिसर्च हुई है और हर बार ही ऐसा पाया गया कि जिन लोगों ने मुलेठी का सेवन किया उन्हें हाइपर एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स जैसी दिक्कतों में बहुत आराम मिला।
इस घरेलू नुस्खे को बनाना बहुत आसान है। आपको एक पैन में 25 ml दूध, 100 ml पानी और मुलेठी का टुकडा डालना है। अब दूध को धीमी आंच पर तब तक बॉयल करें जब तक कि सारा पानी उड़ जाए और सिर्फ दूध रह जाए।
इस क्षीर पाक विधि से मुलेठी की एंटी इन्फ्लामेट्री और कूलिंग प्रॉपर्टीज बहुत प्रभावी रूप से दूध में आ जाती है। दूध छान लें और रूम टेंपरेचर पर आने पर पिएं। इसे आपको रात को सोने से पहले पीना है।
3. शीतली ब्रेथ
तीसरा है शीतली ब्रेथ। यह एक यौगिक सांस लेने की टेक्नीक है तुरंत शरीर को ठंडा करने के लिए। आराम से बैठ जाएं चाहे नीचे या कुर्सी पर। आपको अपनी जीभ को ट्यूब की तरह फोल्ड करना है और उससे सांस अंदर भरनी है। आपको तुरंत ठंडक महसूस होगी।
आप अभी ट्राई करके देख सकते हो और फिर नाक से आराम से सांस बहार छोड़नी है। अगर आपने इसे अभी किया हो तो नोटिस किया होगा कि मुंह से लेकर पेट तक ठंडक सी आ गई। आप ऐसा किसी भी समय कर सकते हो। रोज 5 से 7 बात करेंगे तो फूड पाइप की सफाई हो जाएंगी और एसिड भी कम बनेगा।
4. कुंजल क्रिया
आखिर में बात करते हैं कुंजल क्रिया की। दोस्तों, यह एक एडवांस टेक्नीक है जो आपको अगर ज्यादा दिक्कत है तो करनी है वो भी 7 से 15 दिन में एक बार। आपको हल्का गुनगुना पानी लेना है करीब 750 ml के आसपास।
पानी उतना ही गर्म हो जितना आप एक सांस में पी सकें। इस पानी में दो तीन चम्मच सेंधा नमक डाल लें। पानी लेकर उकडू होकर बैठ जाएं और इस पानी को एक सांस में पी जाएं।
फिर खड़े होकर उंगलियों से अपने गले को दबाएं, उल्टी आ जाएगी। गले को दबाते रहें जब तक पूरा पानी निकल जाए। इससे जो भी अत्यधिक एसिड होगा, बाहर आ जाएगा। आपको एकदम से बड़ा हल्का महसूस होगा। फिर थोड़ी देर आराम करें।
कुंजल क्रिया सुबह खाली पेट करनी चाहिए और करने के अगले एक घंटे तक कुछ न खाएं। हो सकता है शुरुवात में यह आपको थोड़ी सी अजीब लगे लेकिन जब आप इसके फायदों को महसूस करोगे तो हैरान रह जाओगे।
अगर जल्दी से रीकैप करें तो एसिडिटी ना हो इसके लिए आपको-
- मिर्च मसालों को कम करना पड़ेगा। बल्कि केला, पपीता, खीरा, चावल और छाछ कुछ ऐसे कूलिंग फूड्स है जो आपको अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।
- भूलकर भी रात को हैवी ना खाएं। खाकर एकदम से ना सोएं। खाने और सोने में 2 से 3 घंटे का गैप रखें। जब सोए तो लेफ्ट साइड की तरफ करवट लें। इससे एसिड ऊपर आने के चांसेस अपने आप ही कम हो जाते हैं।
- फ्राइड फूड, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, स्मोकिंग, एल्कोहल को कम करने की जरूरत है।
- खाने का एक फिक्स टाइम रखें। टाइमली स्नैकिंग नुकसान करती है। ओवरईटिंग से बचें।
अगर इन सब कारणों पर ध्यान दिया जाए तो दिक्कत बहुत हद तक कम हो जाएगी। एंटासिड खाने की आदत न बनाएं। ये पेट का पीएच खराब करती है। इनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। ठंडा दूध एक नेचुरल एंटासिड है। इसके अलावा कुछ बहुत इफेक्टिव तरीके हैं, जिसे आयुर्वेद के साथ साथ मॉडर्न साइंस भी मान रही है।
- पहला है एलोवेरा जूस। आपको सुबह पानी पीकर फ्रेश होने के बाद 30 एमएल एलोवेरा जूस पीना है।
- दूसरा है मुलेठी वाला दूध जो क्षीर पाक विधि से बना हो। ये आपको रात को सोने से पहले पीना है।
- तीसरा है शीतली ब्रेथ। ये भी इंस्टेंट ठंडक देती है। एसिड को न्यूट्रलाइज करती है। दिन में 5 से 7 बार कर लें।
- कुंजल क्रिया एक एडवांस टेक्नीक है, जो क्रॉनिक एसिडिटी में हफ्ते में एक बार की जा सकती है।
निष्कर्ष
दोस्तों, वैसे तो पहले दो तीन तरीके जैसे एलोवेरा जूस, मुलेठी वाला दूध और शीतली ब्रेथ भी अगर आपने दो महीने तक लगातार फॉलो किया तो एसिडिटी पूरी तरह से ठीक हो जाएगी। जब आप एसिडिक खाना कम करेंगे तो एसिडिटी तो कम होगी ही साथ में चेहरे पर भी अंदर से निखार आएगा।