सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली आधुनिक अंग्रेजी दवाओं के 10 आयुर्वेदिक विकल्प

दोस्तों , इस लेख में मैं आपसे शेयर करूंगा 10 सामान्य एलोपैथिक टेबलेट के सुरक्षित और असरदार आयुर्वेदिक विकल्पों के बारे में । इस लेख के लिए मैंने आयुर्वेद के अलग अलग ग्रंथों का अध्ययन किया और आयुर्वेदिक चिकित्सकों से भी बात की। यहां तक कि मॉडर्न डॉक्टर से भी सलाह ली ताकि आपके सामने बहुत प्रामाणिक इनफर्मेशन ला सकूं। 

इन आयुर्वेदिक टेबलेट को चयन करते हुए मेरा मुख्य मानदंड था कि कितनी कॉमन हमें कोई प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है, कितना सीधा सरल समाधान है, महंगी न हो, आसानी से मिल जाए और हां, यह दवाइयां सभी के लिए सुरक्षित होनी चाहिए। आइए तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

Table of Contents


10 Safe and Natural Ayurvedic Pills to replace Common Modern Medicines.



10 असरदार Ayurvedic Tablets सामान्य समस्याओं में तुरंत आराम पाने के लिए


गले के लिए  

जब हमारा गला खराब होता है या सर्दी खांसी होती है तो हम उस असुविधाजनक अनुभव से आराम पाने के लिए तुरंत उपाय ढूंढते हैं। ज्यादातर हम आसानी से मिल जाने वाली विक्स, स्ट्रेपसिल्स या कोफसिल्स का सहारा लेते हैं। इनका आयुर्वेदिक विकल्प है सुधारक वटी। 

सुधारक वटी


विक्स और स्ट्रेपसिल्स की तरह ही यह भी टेबलेट के रूप में आती है जिन्हें आपको सिर्फ मुंह में रखकर चूसना है। जेठी, पुदीना, कपूर, इलायची, लौंग और जावित्री के मिश्रण से बनी यह जकडे गले को खोल देती है। 

आयुर्वेदिक चिकित्सक इसकी दो गोलियां दिन में 3 से 4 बार चूसने की सलाह देते हैं। इसका न तो कोई साइड इफेक्ट है बल्कि यह असर बहुत जल्दी करती है। सुधारक वटी का 10 ग्राम पैक आपको ₹70 का पड़ेगा। 


पेट दर्द की समस्या के लिए 

अक्सर ही हम तेज पेट दर्द से परेशान होते हैं या कभी पेट गैस से फूल जाता है। हम केमिस्ट के पास जाते हैं और वह हमें सलाह देते हैं meftal spas की । इसका पारंपरिक विकल्प है आयुर्वेद की क्लासिकल गंधक राजबती।

 

गंधक राजबती

जैसा कि इसका नाम बताता है, यह बनी है शुद्ध गंधक यानी सल्फर से। साथ में सोंठ, सेंधा नमक जिसे विधि विधान से नींबू के रस में योग चिंतामणि शास्त्र के अनुसार घोटा जाता है। सल्फर को शोधन करने की प्रक्रिया आयुर्वेद में नयी नहीं और इसे बड़े सटीक ढंग से किया जाता है। 

गंधक राज बटी से पेट में इकठ्ठा हुआ विषैला निर्माण कम होता है जिस वजह से पेट दर्द और गैस की समस्या से आराम मिलता है। 

आयुर्वेदिक चिकित्सक इसकी दो दो गोली खाने के बाद दिन में दो बार लेने की सलाह देते हैं। 40 टेबलेट का पैक आपको पड़ेगा लगभग ₹65 का। 


दस्त के लिए 

क्या आपको अक्सर ही दस्त लग जाते हैं? डॉक्टर द्वारा लोप्रामाइड हाइड्रोक्लोराइड कैप्सूल लेने की सलाह दी जाती है। इसका एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक विकल्प हो सकता है, क्लासिकल बिलवादी चूरन जो बेल फल के बीज, सोंठ और धतकि जैसे जड़ी बूटियों से बनी दस्त और आईबीएस जैसी समस्याओं के लिए असरदार है। 

बिलवादी चूरन


बिलवादी चूरन का एक चम्मच छाछ के साथ लिया जाए तो सीधा जड़ पर जाकर असर करता है। छाछ ना मिले तो ठंडे पानी से ले लें। बिलवादी चूरन की जगह बिल वादी गोली को  भी ले सकते हैं जो उसी विधि से बनी गोलियों के रूप  में है। 

अगर गोलियां ले रहे हैं तो खाना खाने के बाद दो गोली छाछ या ठंडे पानी के साथ ले लें। 60 ग्राम बिलवादी चूरन आपको पड़ेगा ₹110 का। वहीं 50 गोलियों का पैक पड़ेगा ₹150 का। 


बुखार के लिए 

क्या आपको बुखार है? एक बार क्रोसिन या पैरासिटामोल की जगह आयुर्वेद की फेमस क्लासिकल महासुदर्शन घनवटी लेकर देखें। 50 से भी ज्यादा जड़ी बूटियों के योग से बनी महासुदर्शन घनवटी प्राकृतिक रूप से शरीर का तापमान कम करती है। 

महासुदर्शन घनवटी


यही नहीं, यह टॉक्सिक ओवरलोड को कम करती है, जिससे नाड़ियां खुलती हैं। इससे पसीना आता है, जिससे बुखार खुद ब खुद कम हो जाता है। महासुदर्शन घनवटी लेने से ना सिर्फ बुखार कम होता है बल्कि इम्यूनिटी भी बढ़ती है। 

यह हर तरह के बुखार जैसे कि डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और मौसमी वायरल को कम करने में सक्षम है। बड़ों के लिए खाना खाने के बाद इसकी दो गोली गर्म पानी के साथ लेना रिकमेंड है। 40 टेबलेट का पैक आपको पड़ेगा ₹125 का। 


सरदर्द के लिए 

आजकल की व्यस्त जीवन शैली में सरदर्द बहुत ही आम हो गया है। इसलिए ज्यादातर लोगों की प्राथमिक चिकित्सा किट (first aid kit) में सेरिडॉन तो होती ही है। 

सेरिडॉन प्रोपीफिनाजोन, पैरासिटामोल और कैफीन के कॉम्बिनेशन से बनती है। इसका आयुर्वेदिक विकल्प है शीरशूलादीवटी । शीर मतलब सर, शूल मतलब दर्द और वटी मतलब टेबलेट। तो ये गोली है सर दर्द की समस्या से आराम पाने के लिए। 

शीरशूलादीवटी


भैषज्य रत्नावली में वर्णित शीरशूलादीवटी बीसों जड़ी बूटियों के योग से बनाई जाती है। इसमें गोक्षुरा , गुग्गल, आमला, पिप्पली और हरीतकी होती है जिस वजह से यह सर दर्द पर बड़ी जल्दी असर करती है। 

अगली बार सरदर्द हो तो खाने के बाद इसकी एक गोली हल्के गुनगुने पानी के साथ लें। दिन में तीन बार ली जा सकती है तेज़ परिणाम के लिए। इसके साथ आप एक गोली ब्राह्मी वटी की भी ऐड कर सकते हैं। 40 टेबलेट का पैक आपको पड़ेगा ₹108 का। 


कब्ज के लिए 

क्या आपको कब्ज है? सुबह जब पेट साफ न हो तो सारा दिन मूड खराब रहता है। केमिस्ट के पास जाएं तो वह या तो प्रोबायोटिक कैप्सूल देते हैं या बिसकोडाइल टेबलेट पकड़ा देते हैं। नेचुरल और इससे कहीं ज्यादा असरदार है आयुर्वेद की त्रिफला गुग्गल टेबलेट। 

त्रिफला गुग्गल टेबलेट


यह बनी है त्रिफला यानी तीन फल हरड़, बहेड़ा और आंवला से। साथ में पिप्पली और गुग्गल। यह एक हल्का लैक्सेटिव है जिसे कोई भी बिना किसी साइड इफेक्ट के इस्तेमाल कर सकता है। बेस्ट रिजल्ट के लिए खाने के बाद दो टेबलेट गुनगुने पानी के साथ लें। 

अगर आप इससे भी स्ट्रॉन्ग लैक्सेटिव चाहते हैं तो गुनगुने दूध में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर रात को खड़े होकर पीने से बहुत फायदा होता है। 80 टेबलेट का पैक आपको पड़ेगा ₹111 का। 


एलर्जी के लिए 

कभी कभी धूल मिट्टी से छींके, सर्दी जुकाम और यहां तक कि सर दर्द होने लगता है। ऐसे मामलों में सामान्यतः हम सिट्राजिन लेते हैं क्योंकि यह एक नॉन एंटी एलर्जिक टेबलेट है। लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स जैसे 48 घंटे बाद भी सुस्त पड़े रहना कॉमन है। 

लक्ष्मीविलास टेबलेट


इसका एक अच्छा विकल्प होगा आयुर्वेद की लक्ष्मीविलास टेबलेट भैषज्य रत्नावली में मेंशन लक्ष्मीविलास रस टैबलेट। यह 17 असरदार जड़ी बूटियां जैसे कि कपूर, धतूरा, गोक्षुर, शतावर के योग से बनाई जाती है। यह गले और साइनस पर मरहम की तरह काम करती है। 

अंदर जमी बलगम को भी तोड़ती है। बेस्ट रिजल्ट के लिए खाने के बाद इसकी एक गोली शहद, अदरक के जूस या गुनगुने पानी के साथ ले लें। 40 टेबलेट का पैक आपको पड़ेगा ₹140 का। 


एसिडिटी के लिए 

क्या आपको अक्सर ही एसिडिटी होती है? वह खट्टी डकार और छाती में जलन होना। ऐसे में आप क्या लेते हैं? ज्यादातर लोग जो जेलोसिल एंटासिड लिक्विड या गोली खाते हैं, आयुर्वेद सलाह देता है एक हर्बल मिनरल औषदि कामदूधा रस की जो एसिडिटी को जड़ से ठीक करती है। 

कामदूधा रस


यह बनाई जाती है गिलोय सत्व, अभ्रक भस्म, शुद्ध स्वर्ण गैरिक जो सिलिकेट एल्यूमिना और ऑक्साइड आयरन की प्यूरीफाइड फॉर्म है। कामदूधा रस सिर्फ एसिडिटी में ही नहीं बल्कि शरीर की बाकी समस्याएं जैसे पाइल्स, नकसीर आना, पैर जलना और उलटी में भी असरदार है। 

खाने के बाद सिर्फ 500 मिलीग्राम का कामदूधा रस शहद में मिलाकर चाट लें। कोशिश करें कि अपने आहार से गर्म चीजें कम करके ठंडी चीजें बढ़ा दें, ताकि पित्त दोष संतुलन में आ जाए। इसका 10 ग्राम पैक आपको पड़ेगा ₹114 का। 


सर्दी खांसी के लिए

वो समय जब हमारा नाक बंद, गले में दर्द और छाती जकड़ी होती है तो हम बिना सोचे समझे विक्स वेपोरब लगाने लगते हैं। लेकिन अगली बार अमृतधारा ट्राई करें। 

यह आयुर्वेदिक दवाई बनी है पुदीना सत्व, कपूर, अजवायन लोह भसम, लौंग के तेल और नीलगिरी के तेल से। एक पुराना फार्मूला जो सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी सभी समस्याओं को अकेले ही निपटा सकता है। 

आपको बस इसके 2 से 3 ड्रॉप लेकर नाक के बाहर, गले पर और छाती पर मलने हैं। आप अमृतधारा के कुछ ड्रॉप्स उबलते पानी में डालकर स्टीम भी ले सकते हैं। इसी अमृतधारा को पानी में मिलाकर आप गरारे भी कर सकते हैं। 

जहां विक्स वेपोरब में आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस और पेट्रोलियम इंग्रीडिएंट्स है, अमृतधारा न सिर्फ 100% नेचुरल है बल्कि कहीं ज्यादा स्ट्रांग है। और ध्यान रखें कि अमृतधारा वाले हाथ आंखों में न लग जाएं। 12 एमएल पैक आपको पड़ेगा ₹70 का। 


जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए 


जब आपको शरीर के जोड़ों में, मांसपेशियों में दर्द हो रहा होता है तो मसल रिलैक्सिंग  डाइक्लोफेनेक, पैरासिटामोल, पेनकिलर बहुत कॉमन प्रिस्क्राइब की जाती हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक रिकमेंड करते हैं वातगंजाकुश रस की टेबलेट। 

वातगंजाकुश रस


आयुर्वेद के अनुसार जब भी शरीर में दर्द उठता है उसके पीछे वात दोष का ही हाथ होता है। इसलिए वातगंजाकुश रस टेबलेट इतनी असरदार है। इसमें रस सिंदूर, निर्गुण्डी, विषंगा और त्रिकटु जैसे महायोग हैं। 

जैसा कि रविंद्र सार संग्रह में वर्णित है इस टेबलेट में भारी धातु शोधन करके डाले जाते हैं जिस वजह से यह बहुत ही असरदार है। बेस्ट रिजल्ट के लिए इसकी एक टेबलेट शहद में घोट कर खाने के बाद दिन में दो बार लें। 80 टेबलेट का पैक आपको पडेगा ₹89  का। 


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निष्कर्ष 

तो दोस्तों, ये थी वो 10 आयुर्वेदिक टेबलेट जो आपकी फर्स्ट एड किट का हिस्सा बन सकती हैं। वैसे तो ये गोलियां और इनकी डोज़ बहुत सोच समझ कर बताई गई है ताकि किसी को भी कोई भी साइड इफेक्ट ना हो लेकिन फिर भी आप अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। 

इस लेख को बनाने का मकसद यह नहीं कि इन गोलियों की आदत डालें बल्कि यह बताना था कि आयुर्वेदिक समाधान हमेशा जटिल नहीं होते हैं।

Vinod Pandey

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