Mysterious Facts in Hindi : टाइम ट्रैवल की एक ऐसी अद्भुत कहानी जिसको सुनकर आप हैरान रह जाने वाले हो। दोस्तों हम सभी ने बचपन में कोई ना कोई साइंस एक्सपेरिमेंट तो जरुर किया होता है फिर चाहे वो बैटरी और वायर के कनेक्शन जोड़कर बल्ब जलाना हो जिसे देखकर आपके पेरेंट्स आपको आइंस्टाइन समझ बैठे थे या फिर कॉपर के वायर से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ट्रेन चलाने की नाकाम कोशिश।
पर जरा सोचो कि इलेक्ट्रिक वायर से खेलते खेलते कोई ऐसा कनेक्शन बैठ जाए जो टाइम मशीन का इन्वेंशन कर दे और फिर आप उसमें बैठकर ऐसे गायब हो जाओ कि आपकी लाश 50 साल पहले के टाइम में मिले। यहां मैं किसी बॉलीवुड मूवी की स्क्रिप्ट नहीं बता रहा हूं बल्कि ये एक रियल स्टोरी है माइक मैलकम की जो अमेरिका के मिसौरी में रहता था।
व्यक्ति जिसको टाइम मशीन बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था- Mysterious Facts in Hindi
दोस्तों हमारी कहानी शुरू होती है साल 1995 से जब 21 साल का माइक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जॉब की तलाश कर रहा था। अब भाई क्योंकि माइक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की हुई थी तो जाहिर तौर पर उसे इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स और इनसे एक्सपेरिमेंट करने का बहुत ज्यादा शौक था, जिस कारण से उसके घर पर हर जगह कोई ना कोई इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट पड़ा ही रहता था।
माइक कई जगहों पर काम की तलाश करता है पर कोई भी अच्छी जॉब उसे नहीं मिलती है। अब ऐसे में अपना माइक घर पर ही एक्सपेरिमेंट करने लग जाता है ये सोचकर कि शायद एक दिन वो कुछ ऐसा बना लेगा जो दुनिया को हैरान कर देगा।
अब ये सब सुनने के बाद माइक आपको थोड़ा साइको लग रहा होगा पर रियालिटी में शायद ऐसा नहीं था। माइक काफी इंटेलीजेंट बंदा था पर एक गरीब फैमिली बैकग्राउंड से आने के कारण उसके पास अपने एक्सपेरिमेंट को फंड करने के लिए पैसे नहीं थे।
और तो और अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी उसने काफी मुश्किल से की थी। खैर, साल 1995 में माइक अपने घर में जैकब्स लैडर नाम के एक डिवाइस पर वर्क कर रहा था। दरअसल दोस्तों बाइबल की, बुक ऑफ जेनेसिस में जेकब नाम का एक कैरेक्टर होता है जो सपने में एक ऐसी सीडी देखता है जो स्वर्ग तक जाती थी।
अब इसे ही जेकब लैडर कहा गया है। अब ये एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे चलते हुए आपने छू लिया तो आपको भी स्वर्ग की सीढ़ी दिख जाने वाली है। जोक्स अपार्ट, ये डिवाइस हाई वोल्टेज और हाई फ्रीक्वेंसी पावर सप्लाई का इस्तेमाल करके एक ट्रैवेलिंग आर्क को क्रिएट करता है। कठिन लग रहा है ना? चलो इसे थोड़ा और सिंपल कर देते हैं।
देखो, ये बेसिकली दो कंडक्टिंग वायर्स होते हैं, जो वी शेप में लगे हुए होते हैं। अब ये नीचे की तरफ से ट्रांसफॉर्मर से कनेक्टेड होते हैं, जो हाई पोटेंशियल डिफरेंस को क्रिएट करता है और इलेक्ट्रॉन्स एक दूसरे को पीछे हटाना के चक्कर में एक वायर से दूसरे वायर में जंप लगाने लगते हैं।
अब ऐसे हमें दोनों वायर्स के बीच इलेक्ट्रिसिटी का एक आर्क नजर आता है, जो कि आसपास की हवा को आयोनाइज्ड कर देता है। इतने हाई वोल्टेज के कारण यहाँ काफी ज्यादा हीट भी प्रोड्यूस होती है जो आयोनाइज्ड हवा को ऊपर की ओर ले जाती है और हमें ऐसा लगता है जैसे ये हाई वोल्टेज आर्क स्वर्ग की सीढ़ी चढ़ रहा है और तभी तो इसे जेकब लैडर नाम दिया गया है।
अब यहां पर इंटरेस्टिंग चीज ये है कि हमारा आर्क वायर्स में उस जगह से बना हुआ शुरू होता है जहां रेजिस्टेंस सबसे कम होता है और वहां तक ट्रैवल करता हुआ जाता है जहां रेजिस्टेंस सबसे ज्यादा होता है। अब माइक का ध्यान उस आयोडाइज्ड हवा पर जाता है जो गर्म होने के कारण ऊपर की ओर उठ रही थी।
वो मॉडिफाइड कॉम्पैक्ट डिस्क लेजर लेता है और उसको जेकब लैडर के सर्किट के टर्मिनल की ओर प्वाइंट करता है जिससे वो एयर रेजिस्टेंस को कम कर पाए और उसे एक कंटीन्यूअस आर्क मिले। अब इस प्रोसेस के दौरान ना उसे एक हीट मार्क दिखता है जो सर्कुलर शेप का था और उसे देखकर वो क्यूरियॉसिटी में कुछ ज्यादा ही खो जाता है।
अब माइक सर्क्युलर हीट मार्क वाली जगह पर एक शीट मेटल स्क्रू रखता है और पूरे एक्सपेरिमेंट को फिर से रिपीट करता है। अब देखो माइक मार्कस की मानें तो ऐसा करने पर वो स्क्रू एक पल के लिए गायब हो जाता है और दूसरे ही पल अपनी ओरिजिनल जगह से कुछ फीट दूर मिलता है।
मतलब उस एक पल में स्क्रू ने टाइम ट्रैवल किया था। अब ये देखकर माइक के दिमाग में टाइम मशीन बनाने का आइडिया जन्म लेता है। जिसमें बैठकर वो फ्यूचर में जाना चाहता था और लॉटरी की टिकट का नंबर जानकर वापिस आ जाना चाहता था जिससे कि वो लॉटरी जीत जाए और उस पैसों से वो अपने एक्सपेरिमेंट्स को कंटीन्यू कर पाएं।
दोस्तों , अपने एक्सपेरिमेंट के दौरान माइक एक प्रॉब्लम को लगातार फेस कर रहा था और वो थी कॉम्पैक्ट डिस्क लेजर का बार बार जल जाना। माइक को हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिसिटी और साथ ही बड़े और पावरफुल ट्रांसफॉर्मर्स की जरूरत थी। इसलिए उसका छोटा सा सेटअप सिर्फ एक स्क्रू को ही टाइम ट्रैवल करा सकता था, उसे नहीं।
माइक इन ट्रांसफार्मर्स को खरीदने की सोचता है पर ये उसके लिए बहुत ज्यादा ही एक्सपेंसिव था। अब एक दिन माइक की नजर पास के सेंट जोसेफ लाइट एंड पावर जनरेटिंग स्टेशन में पड़े छह ट्रांसफार्मर्स पर जाती है और वो अपने एक्सपेरिमेंट के लिए इन्हें ही इस्तेमाल करने का फैसला ले लेता है।
अब माइक इन ट्रांसफार्मर्स को चुरा लेता है। साथ ही साथ अंडरग्राउंड वायरिंग करके पावर स्टेशन से फ्री इलेक्ट्रिसिटी का भी जुगाड़ कर लेता है। पर माइक मैलकम का ये खुराफाती आइडिया फ्लॉप साबित होता है और वहां एक बड़ा धमाका हो जाता है। इतना ही नहीं इस कारण से एक बड़े एरिया में ब्लैकआउट भी हो जाता है।
अब इसके कुछ समय बाद ही 29 जनवरी 1995 के दिन माइक को अरेस्ट कर लिया जाता है। अतः माइक कोर्ट में जज के सामने ट्रांसफार्मर्स की चोरी वाली बात एक्सेप्ट कर लेता है और अगले कुछ महीने जेल की सलाखों के पीछे ही बिताता है।
अब इतना बड़ा कारनामा करने के बाद माइक मार्करम अपने एरिया में उतना ही फेमस हो चुका था जितना बिग बॉस जीतने वाला इंसान भारत के कुछ बेवकूफ लोगों के बीच हो जाता है। खैर, जब माइक जेल से रिहा होता है तब कोस्ट टू कोस्ट रेडियो के होस्ट आर्ट बेल उन्हें अपने शो पर इनवाइट करते हैं।
यह भी पढ़ें :
भगवान हनुमान की 7 अनसुनी कहानियाँ जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
क्या आपको पता है राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में क्यों नहीं गए शंकराचार्य
जाने आखिर ईरान ने क्यों किया पाकिस्तान पर हमला
किला बन गई अयोध्या नगरी, राम मंदिर की सुरक्षा के लिए आया इजरायाली ड्रोन
अब देखो यहां पर मैं आपको जितने भी कहानी सुना रहा हूं , ये मैंने पर्सनली माइक के घर में घुसकर नहीं देखा है। माइक ने दरअसल आर्ट बेल के शो में यह सब बताया था। वह इस बात को भी बोलता है कि वह टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहा था।
हालांकि जेल की हवा खाने के बाद भी माइक के सर से टाइम मशीन बनाने का भूत नहीं उतरता है और वह फिर से अपने एक्सपेरिमेंट्स शुरू करने की बात करता है। लेकिन माइक का कहना था कि इस बार वह सब कुछ लीगली करने वाला है और पिछली बार भी उनका चोरी करने का कोई इरादा नहीं था।
पर उनके पास एक्सपेरिमेंट को कंडक्ट करने के लिए पैसा ही नहीं था, जिस कारण से उन्हें चोरी करनी पड़ी। अब इंटरव्यू के दौरान माइक अपना नंबर देता है, जिस पर अगले तीन दिनों तक लगातार कॉल्स आते रहते हैं। लोग माइक के आइडिया को जानना चाहते थे और उनसे मिलना चाहते थे और इस सबके बीच कई लोग माइक को फंडिंग भी देते हैं और कई तो उसे स्पेयर पार्ट्स लाकर भी देते हैं।
इतना सपोर्ट मिलने के बाद माइक अपने टाइम मशीन को बनाने में लग जाता है और अब उसका प्लैन इसे और भी बड़ा और पावरफुल बनाने का था। जो टाइम मशीन पहले कुछ किलोवाट इलेक्ट्रिसिटी पर चलने वाली थी अब उसकी डिमांड तीन मेगावॉट की हो चुकी थी।
अब इसके करीब एक साल बाद यानी की साल 1996 में आर्ट बेल एक बार फिर माइक मैलकम को अपने शो पर इनवाइट करते हैं और उनसे टाइम मशीन के प्रोग्रेस के बारे में जानते हैं। माइक उन्हें बताता है कि वह टाइम मशीन बनाने से सिर्फ 30 दिन दूर है।
मतलब अगले करीब एक महीने में उनकी टाइम मशीन रेडी हो जाने वाली है और यह इतनी बड़ी होगी जिसमें एक पूरा का पूरा इंसान भी ट्रैवल कर सकता है। और असल में वह इंसान खुद माइक होने वाला था। अगर माइक की मानें तो उन्होंने टाइम मशीन बनाने के लिए काफी एक्सपेरिमेंट कंडक्ट किए थे, जिनमें से कुछ एक्सपेरिमेंट्स में हैम्स्टर और गिनी पिग भी शामिल थे।
उन्होंने करीब 200 ऑब्जेक्ट्स पर एक्सपेरिमेंट किए, जिनमें हर बार ऑब्जेक्ट्स अचानक से गायब हो गए और फिर कुछ समय बाद अपनी ओरिजिनल जगह से कुछ दूरी पर दिखाई दिए। इनफैक्ट माइक का तो यह भी दावा था कि वह खुद एक बार टाइम ट्रैवल कर चुका है।
अब इस दौरान वह समय में दो साल दो महीने आगे गया था और अपने घर से 800 माइल्स दूर अपीयर हुआ था और बाद में वह आराम से वापिस आ गया था। अब शो के लास्ट में माइक ऑडियंस को अपने घर का एड्रेस भी बताता है।
अब इसके पीछे उसकी इंटेंशन यह थी कि जब वह टाइम ट्रैवल करके वापिस आए और लॉटरी जीतकर ढेर सारा पैसा कमा ले तो लोग उनके आलीशान घर और अमीरी को देख सकें। उन्हें विश्वास हो जाए कि माइक मैलकम ने सच में टाइम ट्रैवल किया था। माइक यह भी कहते हैं कि वह अपने साथ अपना फोन भी लेने वाला है।
इस शो के कुछ दिनों बाद ही साल 1997 में माइक मारकस अनाउंस करते हैं कि वह टाइम ट्रैवल करने जा रहे हैं और फिर एक दिन वह अचानक से गायब हो जाते हैं। अब करीब 27 साल बीत जाने के बाद भी आज तक माइक मारकस का कोई भी सुराग नहीं मिला है और यह केस एक बहुत बड़ी मिस्ट्री बनकर रह गई है।
लेकिन असल मिस्ट्री तो अभी बाकी है मेरे दोस्त। माइक के गायब होने के बाद आर्ट बेल के शो पर कई फोन कॉल्स आते हैं, जिनमें अमेरिका के एक पुराने क्राइम केस का जिक्र किया गया था। दरअसल, 30 के दशक में कैलीफोर्निया के समुद्री बीच पर पुलिस को एक डेडबॉडी मिली थी, जिसका हुलिया काफी हद तक माइक मैलकम की तरह ही था।
यह डेडबॉडी एक अजीब सी मेटैलिक ट्यूब के अंदर मिली थी और बॉडी के पास एक स्ट्रेंज डिवाइस भी मिला था, जिसका डिस्क्रिप्शन आज के सेलफोन से मिलता जुलता है।
निष्कर्ष
यहां पर क्या माइक मरकरी ने सच में टाइम ट्रैवल किया था? लेकिन अगर वह फ्यूचर में जाना चाहता था तो उसकी बॉडी पास्ट में कैसे मिली? अब हो सकता है कि वह टाइम लूप में फंसकर फ्यूचर की जगह पास्ट में चला गया हो।
और अगर ऐसा है तो मेरे दोस्त साइंस के बहुत से ऐसे कॉन्सेप्ट है, जो हमारी सोच से परे हैं और माइक मैलकम के हाथ में एक ऐसा ही कॉन्सेप्ट लग गया था, जिसने उन्हें टाइम मशीन की खोज तक पहुंचा दिया, लेकिन अफसोस वह जिंदा नहीं बच पाए।
हालांकि आप इसके बारे में क्या सोचते हो? क्या यह मिस्ट्री वाकई में एक सच्चाई है? क्या यह कहानी एक रियलिटी हो सकती है? क्या माइक मैलकम ने वाकई में एक टाइम ट्रैवलिंग मशीन बना लिया था या फिर यह सब एक झूठ है? आपको क्या लगता है? क्या हमें इसे और स्टडी करके इसके पीछे की असल सच्चाई का पता लगाना चाहिए? हमें कमैंट्स में जरूर बताइयेगा।