Amazing Facts in Hindi: क्या होगा अगर आप अपने नाख़ून को काटना ही बंद कर देंगे? क्या होगा अगर हमारी बॉडी की सारी हड्डियां एक साथ टूट जाएं? हमें हिचकियां क्यों आती हैं? हम अपने आप को गुदगुदी क्यों नहीं कर पाते और कैसे रोज सुबह आपकी हाइट कुछ सेंटीमीटर बढ जाती है? और क्या आपको पता है कि गालों पर पड़ने वाले डिंपल्स एक खासियत नहीं बल्कि एक कमी है।
दोस्तों ,इस आर्टिकल में आप अपनी बॉडी के कुछ ऐसे ही अमेजिंग फैक्ट्स को जानने वाले हो तो बने रहिये इस लेख के अंत तक।
18 बॉडी फैक्ट्स जो आपके होश उड़ा देंगे | Amazing Facts in Hindi
नंबर 18. नाखून
दोस्तों आप किसी खास टाइम टेबल से तो अपने नाखून काटते तो नहीं होंगे। जब आपको फील होता है कि आपके नाखून बड़े हो गए हैं तो आप उन्हें काट लेते होंगे । लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके नाखून का ग्रोथ रेट क्या है और क्या होगा अगर आप कभी भी अपने नाखूनों को काटे ही नहीं।
असल में दोस्तों, एक महीने में आपके नाखून सिर्फ 3 से 4 मिलीमीटर तक बढते हैं। यानी रोज आपके नाखून लगभग 0.1 मिलीमीटर रेट से बढते हैं और अगर आप अपने नाखून को काटना ही बंद कर देंगे, तो नाखूनों के बढने के साथ साथ नाखूनों में बैक्टीरिया, फंगस और इन्फेक्शन भी बढने लगेंगे।
श्रीधर चिल्लाल ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने बाएं हाथ के नाखूनों को 66 साल तक नहीं काटा था। उन्होंने अपने नाखून 1952 में बढ़ाने शुरू किए थे और 2018 में काटे थे। इसलिए इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी मौजूद है।
इन 66 सालों में इनके लेफ्ट हैंड के नेल्स की लेंथ 909 सेंटीमीटर हो गई थी। लेकिन इन 909 सेंटीमीटर नाखूनों का वजन इतना बढ गया था कि उनकी हाथ की उंगलियां टेढी पड गई थीं।
और तो और नाखूनों के वजन से उनकी बॉडी की लेफ्ट साइड की नर्व्स भी डैमेज हो गई थी, जिसकी वजह से उनके बाएं कान की सुनने की क्षमता भी खत्म हो गई थी।
नंबर 17. उबासी
दोस्तों, यह बात साइकोलॉजिकल प्रूफ है कि अगर आपके पास कोई यॉनिंग कर रहा है या उबासी लेता है तो आपको भी ऑटोमेटिकली उबासी आने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उबासी लेना बॉडी के लिए बहुत जरूरी होता है।
क्योंकि उबासी लेने से इंसानी शरीर का तापमान रेगुलेट होता रहता है, ब्रेन एक्टिव रहता है, बॉडी के अंदर ऑक्सीजन सही से फ्लो होती रहती है और बॉडी के टिशू लुब्रिकेंट होते रहते हैं। सोचिए दोस्तो, एक छोटी सी दिखने वाली एक्टिविटी आपकी बॉडी की अच्छी फंक्शनिंग में कितना ज्यादा कंट्रीब्यूट करती है।
नंबर 16. नींद
वैसे दोस्तों बैड पर से उठने का मन तो किसी का भी नहीं करता। लेकिन क्या हो अगर आपको कोई दो महीनों तक बेड पर रहने के लिए ही 19000 डॉलर्स यानी कि ₹15 लाख दे।
जी हां, नासा ने यह चैलेंज लोगों को दिया है क्योंकि दो महीनों तक सिर्फ बैड पर रहना बहुत ज्यादा मुश्किल है बल्कि ऐसा करने से ह्यूमन हाइबरनेशन भी हो सकता है।
जैसे हार्ट रेट का 120 तक बढ़ जाना, शोल्डर और हिप्स का ब्लड फ्लो रुक जाना, फैट का बढ़ जाना, मानसिक रूप से इनएक्टिव हो जाना और भी बहुत सारी प्रॉब्लम्स का होना और आखिर में ये आपकी जान भी ले सकता है। तो इससे अच्छा है कि आप मेहनत करके ही पैसे कमाएं ना कि दो महीने तक बैड पर रहकर।
नंबर 15 .त्वचा
दोस्तों स्किन हमारी पूरी बॉडी को कवर करती है इसलिए यह बॉडी का सबसे बडा ऑर्गन होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि मानव त्वचा की एक इंच किस चीज से बनी हुई होती है।
ह्यूमन स्किन की एक इंच 19 मिलियन स्किन सेल्स, 650 स्वेट ग्लैंड्स, 20 ब्लड वेसल्स और 1000 नर्व्स एंडिंग्स से बनी हुई होती है।
सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि साँपों की तरह ह्यूमन स्किन भी हर 28 दिनों के बाद रिप्लेस होती रहती है। आसान लफ्जों में कहें तो हर 28 दिनों के बाद स्किन सेल्स जनरेट होते हैं और डेड स्किन सेल्स हवा में रिलीज हो जाते हैं।
नंबर 14. हिचकी
जब आपको हिचकी आती है तो आपसे कहा जाता है कि जरूर आपको कोई याद कर रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि हिचकियां आने का बायोलॉजिकल रीजन क्या होता है?
असल में दोस्तों ह्यूमन बॉडी में लंग्स के नीचे डायफ्राम मसल्स होती हैं जो चेस्ट कैविटी से एब्डॉमिनल को अलग रखती हैं और डायफ्राम इन वॉलेंटरी कॉन्ट्रैक्ट हो जाता है तो हमारी वोकल कॉर्ड बंद हो जाती है और जिसकी वजह से हिक की आवाज आती है। इसलिए इन्हें अंग्रेजी में hiccups कहा जाता है।
हिचकियां मिनिमम 2 से 3 मिनट और मैक्सिमम 48 घंटों तक एक्टिव रह सकती हैं। लेकिन चार्ल्स ओसबोर्न ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें हिचकी का सबसे लंबा अटैक हुआ था। चार्ल्स को 1922 से हिचकी आनी स्टार्ट हुई और 1990 तक यानी 68 साल तक नॉनस्टॉप हिचकियां आती रही।
एक अनुमान के मुताबिक चार्ल्स को उनकी लाइफ में 430 मिलियन बार हिचकी आई थी और फाइनली उनकी मरने के एक साल पहले 97 की उम्र में उनकी हिचकियां बंद हो गई। इसलिए चार्ल्स का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक हिचकियां लेने के नाम से मौजूद है।
नंबर 13. पसीना
किसी किसी को तो बहुत ज्यादा पसीना आता है तो किसी किसी को पसीना बिल्कुल भी नहीं आता है। पसीना न आने की कंडीशन को Anhidrosis कहा जाता है और ज्यादा पसीना आने की कंडीशन को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं।
लेकिन दोस्तों पसीना न आना भी आपके लिए बड़ी मुश्किल की बात है क्योंकि Anhidrosis से इंसानों की बॉडी में अलग अलग तरीके की स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स जैसे एक्ने, डार्क स्पॉट्स, रेडनेस होने लगती है और इसके अपोजिट पसीना आने से हमारी बॉडी हीट को बाहर निकालती रहती है।
नंबर 12. गुदगुदी
जब हम किसी को गुदगुदी करते हैं तो सामने वाले इंसान पर इसका बहुत असर होता है। वहीं दूसरी तरफ जब हम अपने आप को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं तो हमें यह फील भी नहीं होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है?
दरअसल दोस्तों जब हम अपने आप को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं तो हमारे ब्रेन को इसकी जानकारी पहले से ही मौजूद होती है।
जिसकी वजह से ब्रेन के cerebelum को पहले से ही पता होता है कि इस तरह की गुदगुदी से कैसा महसूस होगा। इसलिए जब हम खुद अपने आप को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं तो आपको वो फील भी नहीं होती है।
नंबर 11. उँगलियाँ
दोस्तों , हाथ में कुल पांच उंगलियां होती हैं और सभी उंगलियों के अपने अपने नाम होते हैं। ठीक इसी तरह से हर उंगली की अपनी एक इंपॉर्टेंस होती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथों की पांचों उंगलियों में से सबसे ज्यादा खास और इंपॉर्टेंट उंगली असल में पिंकी फिंगर होती है, यानी हमारी सबसे छोटी उंगली।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिंकी फिंगर की वजह से ही आपके हाथ की बाकी उंगलियां सही से काम कर पाती हैं। हैंड स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आप अपनी पिंकी फिंगर को ही खो देते हैं तो आपके हाथ की फिफ्टी परसेंट ताकत कम हो जाती है।
नंबर 10. हाइट
क्या आपको पता है कि जब आप रोज सुबह सोकर उठते हैं तो आपकी हाइट नॉर्मल हाइट से एक सेंटीमीटर ज्यादा लगती है और शाम होने तक हाइट कम लगने लगती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पूरे दिन थकावट और काम करने से बोन्स के बीच मौजूद कार्टिलेज शाम तक कंप्रेस हो जाता है। जिसकी वजह से शाम तक हमारी लंबाई कम लगने लगती है।
वहीं दूसरी ओर रात भर आराम करने और सोने से कार्टिलेज रिलैक्स हो जाता है, जिससे सुबह के वक्त हाइट एक सेंटीमीटर ज्यादा लगती है।
नंबर 9. नाखूनों पर सफ़ेद दाग
आपने अपने या फिर लोगों के नाखूनों पर ये सफेद दाग तो देखे ही होंगे, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये कुछ लोगों के ही नाखूनों में क्यों होता है। दरअसल नाखूनों में मौजूद ये सफेद दाग आपकी बॉडी में आयरन, कैल्शियम और मिनरल्स की कमी का कारण होता है।
हमारी बॉडी और माइंड का कनेक्शन इतना स्ट्रॉन्ग है कि अगर हमारी बॉडी में कहीं भी कोई गडबड होती है या कोई बीमारी होती है या फिर किसी पोषक तत्वा की कमी होती है तो उसके लक्षण हमें बहुत जल्दी दिखाई देने लग जाते हैं ताकि हम उसे तुरंत ठीक कर सकें।
नंबर 8. ब्रेन फ्रीज़
क्या आप ब्रेन फ्रीज के बारे में जानते हैं? दरअसल ये एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें किसी भी ठंडी चीज को खाने या पीने के बाद इंसान को ऐसा लगता है कि सारी ठंडक उसके दिमाग में जम गई हो।
इस ब्रेन फ्रीज की कंडीशन को मेडिकल टर्म में neuralgia or sphenopalatine ganglioneuralgia कहा जाता था। वैसे ये कंडीशन ज्यादा डेंजरस तो नहीं होती लेकिन ब्रेन फ्रीज के दौरान बस कभी कभी हेडेक हो जाता है।
नंबर 7. दिल
ह्यूमन हार्ट हमारी बॉडी का एक ऐसा हिस्सा होता है जो पूरी बॉडी में ब्लड सर्कुलेट करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ह्यूमन हार्ट बिना बॉडी के भी कुछ वक्त तक धड़कता रहता है।
दरअसल, ह्यूमन हार्ट का अपना एक अलग इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है, जो हार्ट को धडकाता है और ब्लड को सर्कुलेट करता रहता है। इसलिए ह्यूमन हार्ट बॉडी के बाहर भी नॉर्मल टेम्परेचर पर कम से कम चार घंटों तक धड़कता रहता है।
नंबर 6. प्यास
दोस्तों, साइकोलॉजी के अनुसार जब हम किसी को पानी पीते हुए देखते हैं तो हमें भी प्यास लगने लग जाती है। लेकिन क्या आपको प्यास लगने के पीछे का बायोलॉजिकल कारण पता है?
असल में जब हम ज्यादा काम करते हैं, भागदौड़ करते हैं तो हमें थकान होने लगती है और पानी पीने की इच्छा महसूस होती है।
जब हमारी बॉडी का वाटर लॉस हमारी बॉडी वेट के परसेंट के बराबर होता है तो हमें भयंकर प्यास लगने लगती है और जब ये लॉस फाइव परसेंट तक होता है तो इंसान बेहोश हो सकता है। इसके अलावा अगर वाटर लॉस 10 परसेंट तक होता है तो डीहाइड्रेशन की वजह से इंसान की मौत भी हो सकती है।
नंबर 5. नाक
हमारी नाक हमें सांस लेने में मदद करती है। लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि नाक ह्यूमन बॉडी की सुपरहीरो होती है। क्योंकि नाक एक फिल्टर, हीटर और मॉइश्चर की तरह काम करती है।
असल में हमारी नाक का स्ट्रक्चर छोटी छोटी बोन से शार्प्स की तरह बना हुआ होता है जिसे टर्बिनेट कहते हैं। टर्बिनेट में ऐसी ब्लड वेसल्स होती हैं जो ठंडी हवा को गर्म और गर्म हवा को नॉर्मल और नम करते हैं। जिसका मतलब जब हवा आपके लंग्स में पहुंचती है तो वो काफी हद तक फिल्टर हो चुकी होती है।
नंबर 4. मानव शरीर
दोस्तों आपने अक्सर लोगों को एक दूसरे से कहते हुए सुना होगा कि आप तो बहुत ग्लो कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। और तो और क्या आपको पता है कि ह्यूमन बॉडी असलियत में भी चमकती है। यानी हमारी बॉडी भी लाइट को बाहर फेंकती है।
जी हां, ये बिल्कुल सच है। कुछ रिसर्च से ये पता चला है कि ह्यूमन बॉडी भी असल में लाइट को रिफ्लेक्ट करती है। लेकिन इस लाइट की इंटेंसिटी नॉर्मल आंखों से दिखने वाली लाइट से 1000 गुना स्लो होती है और इसलिए ये नग्न आँखों से दिखाई नहीं देती है।
साइंटिस्ट्स का मानना है कि ये लाइट बॉडी के अंदर लगातार होने वाले केमिकल रिएक्शन की वजह से निकलती है। ये लाइट लोगों के चेहरे पर ज्यादा विजिबल होती है और यही लाइट ग्लो के रूप में नजर आती है।
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नंबर 3. डिंपल्स
गालों पर डिंपल पड़ने वाले लोगों को उनकी क्यूटनेस की वजह से बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये डिंपल मसल्स डिस्फंक्शन की वजह से होते हैं।
असल में गालों के अंदर ज़िगोमैटिकस मेजर नाम की मसल्स होती हैं, जिसके दो हिस्सों में बंट जाने की वजह से गालों में डिंपल आ जाते हैं। वैसे इससे ह्यूमन को कोई नुकसान तो नहीं होता है, बल्कि ये फेस को और अट्रैक्टिव कर देता है।
नंबर 2 . आवाज़
कभी आपने सोचा कि जब हम अपनी रिकॉर्डेड आवाज को सुनते हैं तो वो अलग क्यों लगती है? ये इसलिए होता है क्योंकि जब हम बोलते हैं तो हमें अपनी असली आवाज सुनाई नहीं देती क्योंकि हमारी आवाज तो हमारे स्कल की हड्डी से वाइब्रेट होते हुए हमारे कानों तक पहुंचती है।
इसी कारण से हमारी आवाज का बेस बढ़ जाता है और तीव्रता कम हो जाती है। इसका सीधा मतलब ये है कि दूसरों को आपसे ज्यादा आपकी आवाज का पता होता है। 2013 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में एक स्टडी हुई, जहां कुछ लोगों को कुछ आवाजें सुनाई गई और लोगों को वो आवाज पसंद भी आई।
लेकिन तब तक जब तक उनको ये नहीं बताया गया कि ये उनकी खुद की आवाज है, तो इससे ये पता लगता है कि हमें अपनी आवाज इसलिए अच्छी नहीं लगती क्योंकि हम अपनी आवाज को एक अलग ही तरीके से पहचानते हैं।
नंबर 1. मानव हड्डी
हमारी बॉडी में 206 हड्डियां होती हैं। जब कोई हड्डी टूट जाती है तो डॉक्टर उस हड्डी को अलाइन करके प्लास्टर कर देते हैं। अगर कोई सीरियस इंजरी होती है तो इसमें रॉड या स्क्रू का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर आपकी बॉडी की सभी हड्डियां एक साथ टूट जाएं तो क्या होगा।
अगर ऐसा कुछ होता है कि बॉडी की सारी हड्डियां एक साथ टूट जाएं तो ये बहुत सीरियस प्रॉब्लम हो सकती है। क्योंकि हाथ या पैर की बोन्स को अलाइन करना आसान होता है और लगातार रेस्ट करने से हम ठीक भी हो सकते हैं, कोई बडी प्रॉब्लम वाली बात नहीं होती, लेकिन हमारी बॉडी में बहुत सारी सेंसिटिव बोन्स भी होती हैं, जैसे कॉलर बोन, बैकबोन इसे रिस्की बना देती हैं।
वैसे सारी बोन्स का एक साथ टूट जाना बहुत रेयर होता है। 2011 में एक 22 साल का लड़का एक बिल्डिंग के नाइंथ फ्लोर से गिर गया था, जिसकी ऊंचाई लगभग 100 फीट थी। लेकिन उस लड़के की जान तो बच गई लेकिन उसकी बॉडी की सारी हड्डियां टूट गई थी।
तीन महीनों के ट्रीटमेंट के बाद भी वो लड़का ठीक नहीं हो पाया था और ना ही उसकी सारी हड्डियां वापस से रिकवर हो पाई थी। यानी बॉडी की सारी हड्डियां टूटने के बाद रिकवर होना लगभग नामुमकिन होता है। लेकिन काफी सारी बोंस ऐसी होती हैं जिनका डैमेज होना आपको पूरी लाइफ के लिए पैरालाइज बना सकता है।
निष्कर्ष (Amazing Facts in Hindi)
तो दोस्तों यह था हमारा आज का लेख 18 बॉडी फैक्ट्स जो आपके होश उड़ा देंगे के बारे में। दोस्तों कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइयेगा आपको इन सभी फैक्ट्स में से सबसे अनोखा फैक्ट्स कौन सा लगा। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।