आज से ठीक पांच साल पहले मैंने अपने लाइफ में दो चेंज किये थे। उसके बाद आज मेरी लाइफ कंप्लीटली चेंज हो चुकी है। पहला चेंज जो मैंने लाया अपने लाइफ में, उसे मैंने नाम दिया है Ladder Method यानी सीढ़ी मेथड। जैसे आप एक सीढ़ी पर जब एक स्टेप लेते हैं तो आप ऊपर की ओर जाते हैं। वैसे ही आपको अपने जीवन में एक एक स्टेप ऊपर की ओर लेना है।
दूसरा, मैंने फाइव ईयर इन्वेस्टमेंट प्लान बनाया खुद के लिए और यहाँ पर मैं पहली बार अपनी स्ट्रैटिजी को आपके साथ शेयर करने वाला हूं जो कि बहुत ही सिंपल है। तो बिना टाइम वेस्ट किए चलिए मेन टॉपिक पर आते हैं।
1. Ladder Method
मेरे आर्टिकल्स को तीन तरीके के लोग पढ़ते हैं -स्टूडेंट्स, नौकरीपेशा, बिजनेसमैन। अब आप चाहे जिस भी कैटेगरी में हो सबका गोल होता है लाइफ में ज्यादा पैसे कमाना, ग्रोथ अचीव करना। और सभी फाइनैंशल एक्सपर्ट यह बात करते हैं की 20 साल तक इन्वेस्ट करो, कोई कहता है 30 साल के लिए इन्वेस्ट करो।
ये सारी चीज बिल्कुल वर्क करती है, पर हम ह्यूमन है और जब तक हमें इंस्टेंट रिवॉर्ड नहीं दिखता, हम किसी भी काम को लेकर मोटिवेटेड फील नहीं करते। एक रिसर्च पेपर में भी यह बताया गया है कि जब तक आपको कोई जल्दी रिवॉर्ड न मिले तो आप अंदर से मोटिवेटेड फील नहीं करेंगे। आपको बार बार अपने आप को पुश करना पड़ेगा मोटिवेटेड होने के लिए।
जितनी भी बुरी आदतें हैं जैसे स्मोक करना, रील देखना, अनहेल्दी खाना खाना सभी में आपको इंस्टेंट रिवॉर्ड मिलता है और इसी कारण आप इन आदतों को रिपीट करते हैं। क्योंकि आपको जो इंस्टेंट रिवॉर्ड की फीलिंग है वह महसूस करना है।
वहीं अच्छी आदतें बिल्ड करने में आपको सैक्रिफाइस करना होता है जिसमें आपको कोई भी इंस्टेंट रिवॉर्ड नहीं मिलता बल्कि आपकी बहुत एनर्जी लगती है अपने आप को ना कहने में हेल्दी डाइट खाना, लाइफ में अपने काम को लेकर सीरियस होना, अपने टाइम को इस तरीके से मैनेज करना कि आपका मैक्सिमम टाइम हाई प्रोडक्टिव टास्क करने में बीते और इसके लिए बहुत मेंटल एनर्जी एंड विल पावर लगती है।
कोई स्किल सीखना, इन्वेस्टमेंट के बारे में जानना ये सभी काम बोरिंग है और इसका रिवॉर्ड दिखने में आपको सालों लग जाते हैं। तो लैडर मेथड में आपको अपने नेक्स्ट स्टेप पर फोकस करना है ना कि ज्यादा प्लानिंग करनी है फ्यूचर के बारे में।
आप इमेजिन करिए कि आपको एक पहाड़ चढ़ना है, तो जब आप नीचे से पहाड़ को देखते हैं तो आपको लगता है कि आप कभी भी इस पहाड़ के टॉप पर नहीं पहुंच पाएंगे। जब मैंने भी अपना पहला ट्रैक किया था तो मुझे भी लगा था कि मैं कभी भी इस पहाड़ के टॉप तक नहीं पहुंच पाऊंगा।
पर जब मैं टॉप पर पहुंचा और जो फीलिंग थी, वह मैं कभी आपको डिस्क्राइब नहीं कर पाऊंगा। उसी ट्रैक के दौरान हमारे ट्रैक गाइड हमें यह कहा करते थे कि बस अपने नेक्स्ट स्टेप पर ध्यान दो और लगातार बढ़ते रहो। थोड़ी देर में तुम जहां पर रुके हो, वहां से बहुत आगे रहोगे। उसके बाद मैंने जितने भी ट्रैक किए हैं, इन सब में मैंने इस मेथड को फॉलो किया है और यह हंड्रेड परसेंट काम करता है।
आप ऊपर इमेज को देखिए, इसमें एक व्यक्ति सीढ़ी का इस्तेमाल कर रहा है ऊपर जाने के लिए वही दूसरा व्यक्ति इन सीढ़ियों की लकडिय़ों को जला रहा है ठंड से बचने के लिए। और इसमें बहुत ही अमेजिंग कोट लिखा हुआ है don't bury your opportunities for a temporary comfort . यानी छोटे मोटे आनंद के लिए अपने जीवन में जो फिलहाल आपके पास अपॉर्चुनिटी है उन्हें खराब न करें।
तो ladder method क्या है स्टूडेंट कैटेगरी वाले के लिए। सबसे पहले अपना एक गोल फिक्स कीजिए। चाहे वह आपका एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाना हो या कंपटीटिव एग्जाम को क्लियर करना हो।
उसके बाद अपने लाइफ में सभी दूसरी चीजों को एलिमिनेट कर दीजिए। टीवी शो, दोस्तों के साथ घूमना फिरना, ट्रैवलिंग करना सब कुछ शॉर्ट टर्म के लिए त्याग दीजिए और अपने 24 घंटों में मैक्सिमम टाइम अपने गोल के लिए काम कीजिए, क्योंकि यह सब कुछ करके आप एक बड़ा गोल अचीव नहीं कर सकते हैं। कुछ महीनों के लिए आपको सैक्रिफाइस करना ही पड़ेगा। तो यही है आपका ladder method।
अब आते हैं लैडर मेथड क्या है एक अंडर पेड एंप्लॉई के लिए। सबसे पहले अपने स्किल्स को इंप्रूव कीजिए, अपनी सिटी के बाहर जाने की प्लानिंग कीजिए, जहां बेहतर सैलरी हो। बहुत ज्यादा कंटेंट कंज्यूम न करें, बल्कि इस टाइम पर कुछ कंटेंट प्रोड्यूस करना सीखिए और यही बेस्ट टाइम है आपके लिए इन्वेस्टिंग शुरू करने का।
जैसे स्टूडेंट कैटेगरी में आपने लोगों को लाइफ से एलिमिनेट किया है कुछ महीनों के लिए, पर इसका ठीक उल्टा आपको करना है जब आप एक एंप्लॉई हैं। आपको ज्यादा से ज्यादा नेटवर्क बनाने पर फोकस करना है क्योंकि फिलहाल आपका नेटवर्क ही आपका नेट वर्थ बनने वाला है।
अब आते हैं लैडर मेथड क्या है एक स्ट्रगलिंग बिजनेसमैन के लिए।
1 - एक छोटा सिंपल बिजनेस गोल बनाइए जिसे अचीव करने के लिए बहुत टाइम ना लगे। जैसे आप अपने कस्टमर सर्विस को कैसे इंप्रूव कर सकते हैं, सोशल मीडिया पर अपना प्रेजेंस कैसे बना सकते हैं, कॉस्ट कटिंग की प्लानिंग कर सकते हैं।
2. मार्केट रिसर्च पर फोकस कीजिए और कस्टमर की डिमांड को समझिए।
3. अपने financials को ठीक कीजिए और ज्यादा क्रेडिट पर प्रोडक्ट ना दे। नए पॉलिसी सिस्टम लेकर आइए अपने बिजनेस में। ऐसे ही छोटे छोटे इंप्रूवमेंट आपके डेली लाइफ में आपको एक बहुत बड़ा पॉजिटिव रिजल्ट लेकर देगा और लोग इसको कहेंगे कि आपने यह रातोरात अचीव किया है। आप कमेंट कर सकते हैं कि नेक्स्ट 3 से 6 महीनों में आप कौन सा गोल अचीव करना चाहते हैं।
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अब आते हैं दूसरे मेथड पर जो है फाइव ईयर इन्वेस्टमेंट प्लानिंग। मुंबई में दो बहुत ही अच्छे दोस्त रहा करते थे। एक का नाम था अर्जुन और दूसरे का नाम था राजू। कॉलेज प्लेसमेंट के बाद दोनों की नौकरी सेम कंपनी में लगी और दोनों को सेम सैलरी भी मिल रही थी।
वैसे दोनों ही बहुत इंटेलिजेंट थे और जॉब लगने के बाद उन दोनों ने डिसाइड किया कि अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा वो इन्वेस्ट करेंगे। तो 50/30/20 रूल के अकॉर्डिंग 50% पैसे वो needs में खर्च कर रहे थे। जैसे घर का रेंट, घर के डेली खर्चे, दवाइयां एक्स्ट्रा। 30% वो अपने wants पर खर्च कर रहे थे। जैसे कुछ कपड़े खरीदना या बाहर घूमना, रेस्ट्रॉन्ट में खाना खाना या कोई मूवी देखना और 20% वो सेव कर रहे थे।
दोनों की सैलरी थी 30 हज़ार रुपए जिसका 20% होता है छह हज़ार रुपए। पर पाँच नंबर से लोग ज्यादा कनेक्ट करते हैं तो दोनों ने डिसाइड किया कि क्योंकि उनके पास अभी टाइम बहुत कम है खुद से स्टॉक्स चुनने के लिए तो उनके लिए म्यूचुअल फंड सबसे बेस्ट है जिसमें उन्होंने पाँच हज़ार रुपए हर महीने इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया।
पर अर्जुन और राजू दोनों का माइंडसेट जो पहले एक जैसा था कि लाइफ में ग्रो करना है, अच्छा करियर बनाना है, पैसे कमाने हैं पर अभी अर्जुन पहले से और ज्यादा फोकस हो गया है। वही राजू अपने लाइफ में बहुत कंफर्टेबल हो गया है। अर्जुन ने डिसाइड किया कि वो एक स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड को चूज करेगा एसआईपी के लिए जहां पर वह महीने के पाँच हज़ार रुपए इन्वेस्ट करेगा।
स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड उन कंपनीज में इन्वेस्ट करते हैं, जिनका साइज अभी छोटा है और जिसमें रिटर्न की पोटेंशियल काफी ज्यादा हाई होती है लार्ज कैप या मिड कैप कंपनी से। राजू ने अपने स्कूल लाइफ में इतना ज्यादा स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन वाली लाइफ जी है कि अब उसे फ्रीडम को एन्जॉय करना है। वो लेट नाइट तक पार्टीज करता है, वो लेटेस्ट टीवी शोज एंड मूवीज देखता है, लेटेस्ट कैफे, डिफरेंट रेस्ट्रॉन्ट्स में खाना खाने जाता है।
और राजू ने बिना सोचे समझे और बिना रिसर्च किए किसी एक म्यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू कर लिया। अर्जुन क्योंकि बहुत ज्यादा फोकस था इसलिए उसने ये डिसाइड किया कि वो अपने लाइफ के सारे एरियाज को इम्प्रूव करेगा। यानी वो सबसे पहले अपने करियर को प्रायोरिटी देगा, उसके बाद फिजिकल एंड मेंटल हेल्थ पर ध्यान देगा, फिर फैमिली को टाइम देगा और साथ ही साथ अपने पर्सनल लाइफ पर भी ध्यान देगा।
इसलिए अर्जुन ने एक फिक्स शेड्यूल बनाया हर एक चीज के लिए। वही राजू की कोई प्लानिंग नहीं थी। उसे जब भी कोई दोस्त कॉल करता कि भाई मिलते हैं तो वो उसे मना नहीं कर पाता। और राजू के साथ सबसे बडी प्रॉब्लम ये थी कि वो कोई भी काम करने से पहले बिल्कुल भी नहीं सोचता था। ऑफिस आवर्स के बाद उसका जो मन करता वो वही करता।
अब हम फास्ट फॉरवर्ड करते हैं पांच साल बाद। अर्जुन इन पांच सालों में एक जूनियर एसोसिएट से अब एक मैनेजर बन गया है जो 20 लोगों की टीम को मैनेज करता है। अर्जुन की सैलरी भी अब ₹1 लाख से ज्यादा है। अर्जुन ने कंपनी स्पॉन्सर्ड कई सारे एजुकेशनल कोर्स कंप्लीट कर लिए हैं और साथ ही साथ वो कई सारे मैराथॉन में भी पार्टिसिपेट कर रहा है ।
और इन्हीं पांच सालों में उसने अपने लिए एक पार्टनर भी ढूंढ लिया है और उनकी जल्दी शादी भी होने वाली है। और उसकी पार्टनर भी एक अच्छी पोजीशन पर जॉब करती है। अर्जुन ने अपनी एसआईपी को हर साल बढ़ाया है जैसे जैसे उसकी सैलरी इंक्रीमेंट हुई है।
आप देख सकते हैं इस एक्सेल शीट में उसकी सैलरी 30 हज़ार से शुरू हुई थी और 50/30/20 रूल के अकॉर्डिंग वह 20 परसेंट अपने इनकम का इन्वेस्ट करता है एसआईपी में। तो जैसे जैसे सैलरी भी बढी है वैसे वैसे ये 20 परसेंट का नंबर भी बढा है। आप देख सकते हैं पिछले पांच सालों में उसकी सैलरी ₹1 लाख हो चुकी है और अर्जुन अब 20 हज़ार रुपए महीने इन्वेस्ट कर रहा है। उसका पोर्टफोलियो का वैल्यू अब ₹10 लाख हो गया है।
वहीं बात करें राजू की तो उसका वेट काफी बढ गया है। लोगों को खुश करने के नेचर की वजह से राजू की पर्सनल एंड सोशल लाइफ बहुत खराब हो गयी है और क्योंकि राजू ने एक बहुत ही एवरेज म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया था और जहां पर रिटर्न उसको बहुत एवरेज मिला आठ परसेंट का तो राजू का पोर्टफोलियो अभी सिर्फ ₹3,70,000 का है।
और साथ ही साथ क्योंकि राजू अपनी लाइफ में उतना सीरियस नहीं रहा है इन पांच सालों में तो उसकी सैलरी ग्रोथ भी सिर्फ पांच परसेंट ही रही है हर साल।
तो जैसा कि आप ऊपर एक्सेल शीट में देख सकते हैं राजू की स्टार्टिंग सैलरी थी 30 हज़ार रुपए और पांच साल के बाद उसकी अभी सैलरी है करीब 38 हज़ार रुपए। तो यही है power and curf of small habits जो हमने आज इस आर्टिकल में सीखा कि अगर आप अपनी लाइफ के हर एक एरिया में काम करते हैं तो आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है और इस कारण आप अपनी लाइफ में हर एक एरिया में इम्प्रूव करते हैं।
जो व्यक्ति जरा सी भी लापरवाही करेगा वो हमेशा स्ट्रगल करने वाला है और बाद में वो अपनी किस्मत को ब्लेम करता है कि मेरी किस्मत खराब है। तो नेक्स्ट पांच साल के लिए आपको ये डिसाइड करना है कि आपको अर्जुन जैसा बनना है या राजू जैसा बनना है। तो आपका फाइव ईयर प्लान क्या होना चाहिए।
- सबसे पहले इनवेस्टमेंट करना शुरू कीजिए। अगर अभी तक आपने शुरू नहीं किया है तो।
- अपने रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार अपने इन्वेस्टमेंट को डिजाइन कीजिए। अगर आपको ज्यादा रिस्क लेना है तो आप खुद से अपने स्टॉक को रिसर्च कर सकते हैं। पर अगर आपको रिस्क कम लेना है तो आप किसी म्यूचुअल फंड को चूज कर सकते हैं।
- 50/30/20 रूल को यूज कीजिए।
- लाइफ इंश्योरेंस एंड हेल्थ इंश्योरेंस करवा लीजिए अपनी फैमिली की प्रोटेक्शन के लिए।
- अपने लिए खुद का इमरजेंसी फंड बनाइए छह महीने से लेकर एक साल तक का।
Wrapping Up
तो लैडर मैथड यानी अपने नेक्स्ट स्टेप पर फोकस करना, प्लस पांच साल का इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लाइफ को पूरे तरीके से बदल सकता है। बस आपको आज ही एक्शन लेना है। उम्मीद करता हूं कि आपको इस आर्टिकल से कुछ ना कुछ सीखने को मिला होगा।धन्यवाद।