भारतीय Middle Class युवाओं की 3 सबसे खतरनाक Money Mistakes,कही आप भी तो नहीं कर रहे हैं यह गलतियां

दोस्तों ,एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 % भारतीय महीना खत्म होने से पहले ही अपनी सैलरी उड़ा देते हैं और यंग लोगों में तो हालत और भी खराब है। क्योंकि जब लोग अपने 20s में होते हैं तो हर तरह की गलती करते हैं, पर एक गलती उन पर सबसे ज्यादा भारी पड़ जाती है और वह Money Mistakes जिसे यंग इंडियन कभी भी सही नहीं कर पाता। तो आखिर इसका रीजन क्या है? 

इसका रीजन है Poor Management of Money। हमारा आज का मिडिल क्लास यूथ कुछ ऐसी चीजों के चपेट में आ चुका है, जहां उसे पैसा खर्च करना बहुत ही जरूरी लगता है और इसी वजह से एक यंग लड़का जिसके मां बाप उसे बड़ा आदमी बनने का सपना देखते हैं, वो बुरी तरह से इस मिडिल क्लास ट्रैप में फंसता चला जाता है। 

और जहां हमारे पेरेंट्स पैसों को सही से मैनेज करते थे आज का युवा बिना सोचे समझे पैसे उड़ाये जा रहा है। तो आज के इस आर्टिकल में मैं आपकी नजर पर जो पट्टी बंधी हुई है उसे उठाने की कोशिश करने वाला हूं और वही फाइनेंशियल मिस्टेक्स बताने वाला हूं जो आपकी लाइफ को बर्बाद कर रही है और साथ ही साथ मैं आपको पांच ऐसे सॉल्यूशन भी दूंगा जिनसे आप अपने आप को इन money mistakes से बचा सकते हैं। दोस्तों ,यह आर्टिकल तीन पार्ट में डिवाइड होने वाला है जिसमें से पार्ट टू का डेटा और इन्फॉर्मेशन आपके होश उड़ा देगा। 

3 Money Mistakes to avoid in Your 20s


1.The Investment Mistake 

ज्यादातर लोग हर तरह के इन्वेस्टमेंट मिस्टेक करते हैं। फिर चाहे वो एजुकेशन को लेकर हो, लाइफस्टाइल को लेकर हो, रिलेशन को लेकर या फिर मनी को लेकर। पर क्या है ना  बाकी सारी चीजें बाद में ठीक की जा सकती हैं, लेकिन मनी की इन्वेस्टमेंट अगर राइट टाइम और राइट जगह नहीं की तो लेने के देने पड़ सकते हैं। 

आइये  आपको एक एग्जांपल के थ्रू समझाता हूं। तो पुनीत, सुमित और विनीत तीन दोस्त होते हैं और कॉलेज के दिनों से तीनों साथ होते हैं और एक दिन तीनों शर्त लगाते हैं कि 10 से  15 साल के बाद देखते हैं हम तीनों में से सबसे ज्यादा अमीर कौन होता है। अब होता क्या है कि तीनों ही सेम फाइनेंशियल बैकग्राउंड से आते थे। 

पर सुमित थोड़ा ज्यादा savage था तो उसे लगता है कि जो कुछ होगा सिर्फ मेरे साथ ही होगा और वो इस शर्त को ईगो पर ले लेता है। फास्ट फॉरवर्ड करते हुए दो तीन साल खत्म हो जाते हैं और तीनों अपनी अपनी फील्ड में सेटल हो जाते हैं। 22 की उम्र में सुमित एक बिजनेस ओनर बन जाता है और उसने कहीं से सुना था कि जल्दी जल्दी अमीर सिर्फ बिजनेस ही से बना जा सकता है। 

सुमित बिजनेस में था और पुनीत ने कॉर्पोरेट सेक्टर चूज किया। वहीं विनीत ने सोचा थोड़ा और पढ़ लिया जाए, गवर्नमेंट एग्जाम की तैयारी करते हैं ताकि सिक्योर जॉब मिल सके और रेपुटेशन भी अच्छी खासी बनी रहे। अब हुआ क्या कि सुमित का गारमेंट का बिजनेस स्टार्टिंग के एक साल में अच्छा चल पडा। 

लक कह लो या उसके फादर का दिमाग, उसने अच्छा खासा पैसा कमाना भी शुरू कर दिया। महीने के 60 -70,000 रूपये सुमित आराम से कमा रहा था। वहीं पुनीत ने देखा कि मेरी ₹40000 की नौकरी है जिसमें सब चीजें चलानी पड़ती हैं। पर शर्त भी लगाई थी तो वाइस डिसीजन लगाकर एक काम करता हूं, पहले दिन से ही ₹6,000 महीना इंडेक्स फंड में निवेश करता रहूंगा और हर साल 10 से 15 परसेंट इन्वेस्टमेंट अमाउंट को बढ़ाता जाऊंगा। 

अब जब भी तीनों दोस्त मिलते हैं तो पुनीत को नीचा दिखाया जाता कि तू जो ये कर रहा है, इससे कुछ फायदा नहीं होगा। तीन साल और बीत गए। सब 25 साल के हो गए पर विनीत भाई अभी भी प्रिपरेशन में लगा हुआ था और अब जाकर उसे रियलाइज हुआ कि पुनीत ने पहले ही सही डिसीजन ले लिया था। तो विनीत ने भी जॉब पकड़ी और पुनीत के नक्शे कदम पर चल पड़ा। 

पर भाई साहब को अनवॉन्टेड खर्चे करने की जो आदत पड़ गई थी और जॉब के दो साल बाद जाकर उसे समझ आया कि SIP इन्वेस्टमेंट भी जरूरी होती है और उस समय ये हुआ कि सुमित का बिजनेस भी थोड़ा डाउन होने लगा और उसको एक दिन किसी ने आकर सलाह दी तेरे पास जितना पैसा है ना उसे एक नई क्रिप्टो करंसी में लगा दे। 

अब धंधा थोडा वैसे ही मंदा चल रहा था तो ऐसे में सुमित को भी सही जगह इन्वेस्टमेंट करना चाहिए था। पर नहीं 20s की उम्र में तो गलतियां करने का लाइसेंस होता है ना। भाई साहब ने उठाया 7-8 लाख रूपये लगा दिए उस करंसी में। अब इंतजार करने लगा कि कब प्रॉफिट होगा, कब मैं करोड़पति बन जाऊंगा। बस हर रोज इसी खयाल को  लिए वह सोया करता था। 

लाइफ थोड़ी और फास्ट फॉरवर्ड हुई और फाइनली 15 साल के बाद वो दिन आया जब तीनों फिर से मिले और देखा गया कौन सबसे ज्यादा अमीर है। आप खुद ही कम्पेरिजन देख लो। 37 की उम्र में पुनीत जो हर महीने ₹6,000 इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट कर रहा था वो हर साल अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को 10 परसेंट से भी इनक्रीज कर रहा था। 

तो 15 साल बाद उसकी वेल्थ कुछ इस तरह होगी 13 पर्सेंट के रिटर्न के साथ और 10 परसेंट स्टेप अप SIP करने की वजह से पुनीत के पास लगभग 57 लाख तक का अमाउंट हो चुका होगा। अब अगर हम विनीत की वेल्थ को देखें तो वो कुछ इस तरह होगी। विनीत ने पाँच साल लेट इन्वेस्टिंग शुरू करी थी और उसने स्टेप अप एसआईपी भी नहीं की जिसकी वजह से उसकी वेल्थ 15 लाख के आसपास रही। 

और वहीं सुमित जिसने सबसे पहले अमीर बनने का वादा किया था उसकी वेल्थ थी जीरो। जी हां, बिल्कुल जीरो। बिजनेस करने वाला सुमित जिसने बड़े बड़े सपने देखे थे और जल्दी अमीर बनने के चक्कर में 7-8 लाख एक ऐसी जगह पर लगा दिए जहां से उसको भारी नुकसान हुआ। उसके पास कोई भी वेल्थ नहीं थी और 37 की एज में उसका बिजनेस भी बंद हो चुका था और वो भी जॉब कर रहा था। 

अब आप देख सकते हैं कि आपमें से मोस्टली लोग विनीत और सुमित वाली कैटेगरी में आते हैं। या तो कुछ अच्छी पढ़ाई लिखाई का वेट कर रहे हैं और इंतजार में बैठे हैं या कुछ एकदम अयाश किस्म के हैं और सोच रहे हैं कि एक हफ्ते में अमीर बन जाएंगे। तो अभी भी वक्त है पुनीत वाला रास्ता चुनो उससे आप कल के कल तो नहीं पर हां फ्यूचर में एक ना एक दिन जरूर अमीर बन जाओगे। 


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2. The Insurance Mistake 

अगली मोस्ट कॉमन मिस्टेक जो लोग अपने 20s में करते हैं दैट इज इंश्योरेंस। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 93% लोग हेल्थ इंश्योरेंस और इंश्योरेंस जैसी चीजों के बारे में जानते हैं और पॉलिसी होल्डर सिर्फ 43% लोग ही हैं। और मिडिल क्लास लोगों की तो कंडीशन और भी खराब है। इस डाटा के अकॉर्डिंग एक मिडिल क्लास फैमिली में रहने वाला इंसान अपने टोटल एक्सपेंडिचर का 61% सिर्फ हेल्थकेयर में स्पेंड करता है वो भी अपनी इनकम से। 

दवाइयां, हॉस्पिटल बिल, ट्रीटमेंट सारा खर्चा खुद की सैलरी से करता है और इसी चक्कर में वो बहुत ही बड़ी फाइनेंशियल मिस्टेक कर बैठता है। यहाँ में आपको मिस्टर बैनर्जी का एग्जाम्पल देकर बताता हूं। तो कोलकाता में रहने वाले मिस्टर बैनर्जी एक अच्छी फैमिली में हैं। उनके दो बच्चे और वाइफ अपनी लाइफ बहुत अच्छे से स्पेंड कर रहे थे। 

मिस्टर बैनर्जी की एक शॉप थी जिस वजह से उनका घर का खर्चा चला करता था। वह हर महीने मान लो 60-70000 रूपये की अर्निंग आराम से कर लिया करते थे। पर एक चीज जिस पर उन्होंने कभी ध्यान ही नहीं दिया वो था उनके और उनकी फैमिली का हेल्थ एक्सपेंस। सारा खर्चा सही से मैनेज करते थे, सेव करते थे, सही जगह पर इन्वेस्ट भी करते थे। पर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का उन्होंने कभी नहीं सोचा। 

और हुआ क्या? कुछ सालों बाद उनकी वाइफ को एक बहुत ही बड़ी बीमारी हुई। तब उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने की नौबत आन पड़ी और ऑपरेशन करना पडा। और तीन दिन एडमिट रहने के बाद जो बिल आया वो था फाइव फीगर में यानी कि ₹6 लाख। और उनसे जब पूछा गया कि आपके पास इंश्योरेंस है तो वह बिल्कुल चुप थे। फटाफट बैंक की तरफ भागे और सेविंग्स में से 6 लाख विड्रॉ करने पड़े और सारी सेविंग खाली हो गई और जैसे तैसे हॉस्पिटल का बिल भरा। 

अब यहां पर मिस्टर बैनर्जी सोचते हैं कि चलो पहली गलती कर दी कि हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया, अब जरूर लूंगा। पर तब उन्हें एक दिक्कत का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उनकी वाइफ को क्रिटिकल इलनेस डिटेक्ट हुई है। तो इस स्टेज पर तो कोई भी इंश्योरेंस कंपनी उन्हें  हेल्थ इंश्योरेंस नहीं देगी क्योंकि उस बीमारी की वजह से उनकी रिस्क प्रोफाइल काफी हाई हो जाती है। 

इसलिए जब आप यंग और हेल्दी होते हो तब अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस ले लेते हो तो न तो आपको ज्यादा प्रीमियम देना पडेगा और अगर आपको फ्यूचर में कोई बीमारी भी हो जाती है तो आपको इंश्योरेंस कवर आराम से मिल जायेगा। इसलिए अपने 20s में ही हेल्थ इंश्योरेंस की शुरूआत करनी चाहिए जब आप यंग, हेल्दी और आपकी प्रीमियम भी सस्ती होती है। 

एक आर्टिकल की रिपोर्ट है  कि हमारे देश में मेडिकल इनफ्लेशन 14 परसेंट से बढ़ रहा है। हमारे यंग लोगों का तो एक परसेप्शन बना हुआ है कि हम तो यंग है, हमें क्या होने वाला है, हमें कौन सी बीमारी होगी और ये एक बहुत ही बडी गलतफहमी है जो यंग लोग करते हैं। अब जिस तरह यंग एज में अगर आप इन्वेस्टिंग करते हो तो उसका फायदा मिलेगा। 

लेकिन इन्वेस्टिंग से भी पहले जो चीज आनी चाहिए, वह है इंश्योरेंस, क्योंकि एक हेल्थ प्रॉब्लम आपकी सारी सेविंग्स को, सारे इन्वेस्टमेंट अमाउंट को खत्म कर सकती है। अब हमें ये तो पता चल गया कि हेल्थ इंश्योरेंस कितना जरूरी है। 

पर जब भी हम लोग इंश्योरेंस खरीदने जाते हैं तो हमारे सामने बहुत सारे सवाल होते हैं कि हमारे लिए कौन सा इंश्योरेंस बेस्ट रहेगा, किस कंपनी का इंश्योरेंस लेना चाहिए, कौन सा प्लान खरीदना चाहिए? और कभी कभी तो आपको ऐसे एजेंट मिल जाते हैं जो आपको ऐसे प्लान बेच देते हैं जिनसे उनका ज्यादा कमीशन मिलता है, पर आपका नुकसान हो जाता है। इसलिए जब भी आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस ले तो उसको अच्छी तरह से जांच ले।  


3. Savings Mistake 

तो यार देखो हमें लगता है कि 20s ही टाइम है  लाइफ जीने का, रिलेशनशिप्स का, पार्टीज का, ट्रैवल का जो कि सही भी है। सच तो ये है कि ये सब सेकेंडरी है। इसमें सबसे इम्पॉर्टेंट चीज है आपका करियर, आपके फाइनेंस और आपके असेट्स और आपकी सेविंग्स, जिसके बारे में जानते सब हैं पर फॉलो पहली वाली चीज करते हैं। 

सोसाइटी में सारे ट्रेंड फॉलो करना है। नए से नया ब्रांड लेना है। जो सेलिब्रिटीज कर रहे हैं, वही करना है। पैसे कमाने का नहीं बल्कि पैसा खर्च कहां करना है, ये ज्यादा सोचते हैं और जब तक सोचते हैं तब तक मंथली सैलरी खत्म हो जाती है। पर ब्रांडेड चीजें तो खरीदनी है, तो फिर क्या करें। फिर इनके लिए मसीहा बनकर आता है लोन और EMI का ऑप्शन। 

इन्हें लगता है कि ये है तो सही है  फिर चिंता क्यों करना। उधार पर ले लो महीने के महीने चुकाते रहेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ कुमुद के साथ। कुमुद 25 साल की थी और एक अच्छी आईटी कंपनी में जॉब कर रही थी। अब नौकरी मिलने के बाद उसको लगा कि उसके पास सारी खुशियां, सारे लग्जरी ब्रांड का एक्सेस आ गया है। सैलरी है तो क्यों न सब कुछ खरीद लिया जाए। कुमुद ऑनलाइन शॉपिंग में बिलीव करती है और बैग्स और सैंडल्स का कलेक्शन भर लेती है। 

फिर एक दिन उसकी फ्रेंड प्रिया ऑफिस आती है एक अच्छी डीसेंट कार से, जो उसने सेकेंड हैंड खरीदी होती है। अब कुमुद को लगता है कि अब डेढ़ साल हो गया ऑफिस आते आते तो कार ले ही लेते हैं, पर प्रिया से अच्छी वाली ब्रांड न्यू लेंगे। अब कुमुद जाती है ब्रैंड न्यू कार लेने और उसे पसंद आती है 1000000rs की कार, जो उसके और उसकी फैमिली मेंबर्स के लिए बिल्कुल सही भी थी। अब कुमुद के पास 10 लाख तो थे नहीं तो वहां पे उसे ईएमआई का ऑप्शन मिला। 

अब इस कार लोन ईएमआई को कैलकुलेट करके देखते हैं। कुमुद ने लोन लिया 10 लाख का, वो भी नौ परसेंट के रेट से और उसने लोन लिया पांच सालों के लिए तो उसकी मंथली ईएमआई आएगी 20700 रूपये।  कुमुद ने सोचा सैलरी है तो सही, उससे पे कर देंगे और अगले दिन नई चमचमाती गाड़ी लेकर पहुंच जाती है ऑफिस। उसकी गाड़ी ऑफिस के मैनेजर की गाड़ी से अच्छी होती है और अब कुमुद का रुतबा और भी बढ़ने लगता है। 

पर बदकिस्मती से एक दिन ऐसा आता है, जब कुमुद, प्रिया और उनके जैसे सारे एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाल दिया जाता है।  कुमुद, जिसके पास कोई सेविंग्स नहीं, इन्वेस्टमेंट नहीं होती, वो एकदम लॉस्ट हो जाती है। उसे बिल्कुल समझ नहीं आता कि इस EMI को कहां से पे करेगी। 

और फिर वो अपने वॉर्डरोब की तरफ देखती है और उसे एहसास होता है कि उसके पास कितनी फालतू सैंडल्स और बैग पडे थे। अब कुमुद बुरी तरीके से फंस चुकी थी। उसके पास एक लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन लेने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा था। 

एक लोन फिर दूसरा, फिर तीसरा लोन. कुमुद लोन की इस बुरी साइकिल में फंस चुकी थी और जब उसकी जॉब भी लगी तो उसकी आधी से ज्यादा सैलरी तो लोन को री पे करने में निकल जाती। और ये सबसे भारी गलती होती है ,अपने बजट को ,एक्सपेंस को मैनेज न करना और ईएमआई और लोन को ग्रांटेड ले लेना। क्योंकि ध्यान रहे यह चीज़ें आपकी पूरी फाइनैंशल लाइफ की वाट लगा सकता है। 

तो आखिर इस आर्टिकल से हमने क्या सीखा? ये जितनी भी गलतियां हैं, ये जितने भी एग्जांपल हैं इन्हे आप अपनी डेली लाइफ में कहीं न कहीं होता हुआ जरूर देख लोगे। अब ये तो है ही मिस्टेक्स पर इनके सॉल्यूशन क्या हैं? तो चलिए जानते हैं उन पांच सॉल्यूशन को जो आपको फाइनेंशियली सिक्योर बनाएंगे। 

Solution Number 1: Invest Early with Care 

जब आप स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखते हो या म्यूचुअल फंड के थ्रू एसआईपी इन्वेस्टमेंट शुरू करते हो तो आपके लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि जल्द से जल्द शुरू करो और अपना हर कदम फूंक फूंक कर रखो। इन्वेस्टर में एक चीज की कमी होती है और वो है पेशेंस। 

कुछ समय तक अच्छे रिटर्न्स न मिलें तो वह बैक डाउन कर देते हैं। एसआईपी कैंसिल कर देते हैं। तो जब भी आप एसआईपी करो तो एक रूल बना लो कि कुछ भी हो जाए मैं इसे कैंसिल नहीं करूंगा। जिस टाइम पीरियड तक सोचा है तब तक इन्वेस्ट करूंगा। 

अब ये टाइम पीरियड कुछ भी हो सकता है जैसे कि पाँच साल, 10 साल, 15 साल। आपको पहले से डिसाइड करना है और डिले पेमेंट को अवॉइड करने के लिए आप AutoPay का ऑप्शन भी सेलेक्ट कर सकते हो। 

Solution Number 2: Make Insurance Your First Priority 

एक अच्छे और फाइनेंशियल स्टेबल इंसान की खासियत होती है कि वो अपनी और अपने परिवार की हेल्थ को सबसे पहले सिक्योर करता है। जिसके लिए हेल्थ प्लान लेना बहुत इंपॉर्टेंट है और एक अच्छे हेल्थ प्लान की खासियत यह होती है कि जरूरत पड़ने पर वो आपको और आपके परिवार को बचा ले और किसी भी तरह फाइनेंशल लॉस न होने दें। तो बाकी सारे खर्चे बाद में, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पहले। वरना मिस्टर बैनर्जी की क्या हालत हुई वो तो आपको पता ही है। 

Solution Number 3:Use 50-30-20 rules for saving

अब हमने देखा कि कैसे कुमुद के पास एक बजट प्लान न होने के कारण उसे क्या फेस करना पडा। इसलिए अपने पास सेविंग्स का होना बहुत जरूरी है और इस रूल के अकॉर्डिंग आपको अपनी मंथली सैलरी का 50% नीड्स पर खर्च करना है। जैसे कि रेंट, फूड, इलेक्ट्रिसिटी, इंटरनेट, एक्स्ट्रा। 30% आपको वॉन्ट्स पर जैसे आउटिंग, ट्रैवलिंग, शॉपिंग, डाइनिंग एक्सट्रा, और रेस्ट 20% हर महीने सेव करना है। 

और भले ही बाकी सारे खर्चों में कटौती हो जाए चलेगा पर सेविंग में कभी भी कमी नहीं होनी चाहिए। हमेशा सेव करो, अपने लिए एक्स्ट्रा कॉर्पस बनाओ और जो परचेस करना है उसे यूज करो। फॉर एग्जाम्पल अगर आपको कोई भी चीज खरीदनी है जैसे कि कार, बाइक या कोई भी मोबाइल फोन तो पहले आप अपने पास इतनी सेविंग्स कर लो ताकि आपको लोन लेने की जरूरत न पडे। 

Solution number 4: learn to build Assets 

अगली सीख आप सबके लिए होगी कि 20s में लाइफ एन्जॉय करो, एक्सपीरियंस गेन करो, नई नई चीजें सीखो, पर एक सबसे बडी गलती मत करना। That is why don't buy liability.  लायबिलिटी हर वो चीजें हैं जो समय समय पर आपकी जेब से पैसा निकालती है। और assets वो जो चीज़ें हैं जो समय समय पर आपकी जेब में पैसा डाले। 

जैसे , इन्वेस्टमेंट, स्टॉक्स, इंडेक्स फंड, गोल्ड या फिर आपका खुद का बिजनेस या फिर कोई ऐसी स्किल्स जिससे आप पैसा कमा सकते हो। ये होंगे आपके सबसे बडे असेट्स। टीवी, मोबाइल फोन, आईपैड, लग्जरी कार, ब्रांडेड कपडे ये सब आपको एक टाइम तक ही अच्छे लगेंगे और देखते देखते ये कब आपको भार लगने लगेंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। 

Solution Number 5: Use Debt Snowball and Auto Pay For Your Loan 

तो 20s में अक्सर मिस्टेक जो लगभग हम सभी कर बैठते हैं वो है लोन लेने की। पर्सनल लोन और ईएमआई पर सामान तो ले लेते हैं, लेकिन सैलरी डिले होने की वजह से या जॉब चेंज होने की वजह से लोन डिफॉल्ट हो जाता है या ज्यादातर  हम भूल जाते हैं जिससे हमारा क्रेडिट स्कोर पर इफेक्ट पडता है और फ्यूचर में बडे लोन की एलिजिबिलिटी भी खत्म हो जाती है। 

इसलिए अपने सभी लोन को पे करने के लिए स्नोबॉल मैथड का यूज कर सकते हो। यानि इन्क्रीजिंग ऑर्डर में लोन को खत्म करो। जैसे कि मान लो अगर आपके ऊपर चार लोन है।  कार लोन- 4 लाख का, होम लोन- 20 लाख का, स्मार्टफोन का लोन 1 लाख का और दोस्त से लिया उधार ₹50,000 .  

तो आपको इसे इस क्रम में रखना है कि सबसे पहले दोस्त का उधार चुकाना है 50 हज़ार रुपए का। फिर स्मार्टफोन का लोन 1 लाख वाला, फिर कार लोन 4 लाख का और होम लोन सबसे लास्ट में 20 लाख वाला। इस तरह आपको इन्क्रीजिंग ऑर्डर में अपने लोन को चुकाते जाना है और साथ ही साथ अपने क्रेडिट कार्ड और अदर बिल्स के लिए ओटो पे का ऑप्शन जरूर चूज करो जिससे कि आप कभी भी लोन को डिफॉल्ट न करो। 


Final Words

तो दोस्तों ये थी वो तीन मिस्टेक्स और साथ में उनके पाँच सॉल्यूशन जिनका यूज करके आप फाइनेंशियली सिक्योर हो सकते हो। तो I hope इस आर्टिकल से आपको कुछ न कुछ जरूर सीखने को मिला होगा। तो अगर ये आर्टिकल आपको वैल्यूएबल लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर  शेयर करें।

Vinod Pandey

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