Finance in Hindi: नमस्ते दोस्तों, आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट the comprehensive minds पर। दोस्तों ,आज के सोशल मीडिया के जमाने में अगर हम पाँच मिनट के लिए भी इंस्टाग्राम स्क्रोल करते हैं तो हमें एहसास होता है कि हम कितने गरीब है। किसी ने एक नया घर लिया है तो किसी ने एक कार लिया है, कोई वेकेशन पर गया है और यहीं पर हम हैं जो सब्जी वाले से फ्री धनिया के लिए लड़ रहे हैं और वहां भी हमें हार ही मिलती है।
जल्दी से कमेंट कीजिए अगर आपको भी सोशल मीडिया यूज करने के बाद अनहैप्पी फील होता है। और अगर आप ये 10 चीजें कर रहे हैं अपनी जिंदगी में तो आप ऑलरेडी फाइनेंशियली बहुत अच्छा कर रहे हैं और आप एक सही रास्ते पर हैं। तो इस आर्टिकल में बताए गए 10 संकेतों को आपको पूरा पढ़ना चाहिए और इस आर्टिकल के अंत में आप मुझे कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं कि इन 10 साइंस में से कितने साइंस मैच हुए हैं आपके साथ। तो बिना टाइम वेस्ट किए चलिए शुरू करते हैं।
1. Debt Free Lifestyle
दोस्तों , अगर आपके ऊपर किसी भी तरह का लोन नहीं है और आपको बहुत बार ऑफर भी आया है कि आप लोन पर एक कार ले लो या आपको किसी ने सजेस्ट किया हो कि लोन पर सबसे पहले घर बनवा लो फिर कुछ करना लाइफ में। और अगर अभी तक आपने कोई भी लोन नहीं लिया है और आप फ्यूचर में भी bad debt नहीं लेने वाले हैं तो ये बहुत ही बढिया संकेत है कि आप आर्थिक रूप से अच्छा कर रहे हैं।
इकनॉमिक टाइम्स के एक आर्टिकल में यह बताया गया है कि अनसिक्योर्ड लोन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इंडिया में अनसिक्योर्ड लोन उन लोन को कहते हैं, जिसके लिए आपको कुछ भी गिरवी न रखना पडे। देश की बढती महंगाई, इकनॉमिक ग्रोथ स्लोडाउन के बावजूद भी जो मिडिल क्लास कैटेगरी के लोग हैं, यानी जिनकी एनुअल इनकम 3 लाख से 10 लाख के बीच है और उनमें से भी जो यंग लोग हैं, उनके अनसिक्योर्ड लोन लेने की नंबर्स हर साल बढती जा रही है।
इस आर्टिकल में एक व्यक्ति का एग्जांपल लिया हुआ है जो एक मुंबई बेस्ड आईटी प्रोफेशनल है जिनको अपना फोन अपग्रेड करना था और उनका बजट था सिर्फ 25 हज़ार रुपए। यानी उनको 25 हज़ार से ज्यादा खर्च नहीं करना था। पर उन्होंने दो साल का नो कॉस्ट ईएमआई पेमेंट मेथड से लोन पर आईफोन खरीद लिया, जिसकी कीमत इंडिया में 50 हज़ार से ऊपर है।
एक और एग्जांपल है इस आर्टिकल में, एक दिल्ली बेस्ड मार्केटिंग प्रोफेशनल का जिनको इंडिया में कहीं घूमना था। पर वह बाली घूमने गए अपने फैमिली के साथ वह भी नो कॉस्ट ईएमआई पर। इंडिया के यंग लोग आज बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं ट्रैवलिंग पर, क्योंकि कई सारे फ्लेक्सिबल पेमेंट ऑप्शन आ गए हैं, जैसे Travel Now Pay Later का।
तो अगर आप चीजें तभी खरीदते हैं, जब आपको उनकी जरूरत है और वह भी पूरे पैसे देकर और साथ ही साथ आप लोन पर ट्रैवलिंग नहीं कर रहे हैं तो यह साइन है कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं अपनी लाइफ में financially।
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2. You Pay Your Bills on Time
आप हमेशा अपने घर के सारे बिल्स जैसे टीवी, वाईफाई, इलेक्ट्रिसिटी और अगर आप कोई क्रेडिट कार्ड यूज कर रहे हैं तो इन सब की बिल्स आप टाइम पर देते हो,और ऐसा कभी भी नहीं हुआ है कि आपको लेट फीस देनी पडी हो क्योंकि आपने बिल टाइम से नहीं भरा था। इंडिया में क्रेडिट कार्ड पर आपको 3 से 3.5 परसेंट का इंटरेस्ट लगता है पर मंथ अगर आप लेट पेमेंट करते हैं।
तो यानी अगर आपका क्रेडिट कार्ड बिल आया है ₹10,000 का तो आपको 350 रूपये एक्स्ट्रा देने पड़ेंगे अगर आपने ड्यू डेट के पहले पेमेंट नहीं किया तो। तो अगर आप अपने सारे बिल्स टाइम पर भरते हैं इसका यह मतलब है कि आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी इंप्रूव हो रहा है।
3. You're insured
आपने खुद के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस ले लिया है, जिससे आपको डर नहीं है कि अगर आप बीमार पडते हो तो हॉस्पिटल का बिल कौन भरेगा? क्योंकि इंडिया में मेडिकल इनफ्लेशन तीन परसेंट का है और साथ ही साथ भगवान न करें, अगर आपको कुछ हो जाता है तो आपके परिवार को फाइनेंशियल सपोर्ट मिले इसलिए आपने टर्म इंश्योरेंस भी ले लिया है, तो यह भी एक मजबूत संकेत है कि आप फाइनेंशियली बहुत अच्छा कर रहे हो और आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग स्किल्स बहुत अच्छी है।
4. Emergency Fund
अगर आपने अपने खुद के लिए इमरजेंसी फंड सेव कर लिया है, मिनिमम तीन महीनों का इमरजेंसी फंड , जो आप मुसीबत के दौरान इन पैसों का इस्तेमाल कर सकें जैसे, अगर आपकी जॉब छूट गई या बिजनेस में बहुत बडा लॉस हो गया या कोई हेल्थ इश्यू के कारण आप काम न कर पाए कुछ महीने तक तब भी आपके परिवार के जो मंथली खर्चे हैं, उसमें कोई प्रॉब्लम नहीं आनी चाहिए।
मान लेते हैं कि अगर 20 हज़ार रुपए हर महीने खर्च है आपकी पूरे परिवार की तो तीन महीने का इमरजेंसी फंड हुआ 60 हज़ार रुपए, जो आपने कहीं पर सेव करके रखा है। यह भी बहुत अच्छा साइन है कि आप फाइनेंशियली अच्छा कर रहे हैं।बहुत सारे लोगों से, क्योंकि बहुत कम लोगों के पास इमरजेंसी फंड होता है।
5.Investing in Future
अगर आपने इन्वेस्टमेंट शुरू कर दिया है, चाहे आप स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते हो या आपने एसआईपी शुरू कर दी है इंडेक्स फंड या म्यूचुअल फंड में। इससे यह प्रूव होता है कि आप लॉन्ग टर्म के लिए सोच रहे हो और यह भी एक बहुत ही कमाल का साइन है कि आप अपनी लाइफ में अच्छा कर रहे हो, क्योंकि सिर्फ तीन परसेंट लोग ही इन्वेस्ट करते हैं इंडियन स्टॉक मार्केट में।
6. You Are Focusing on Increasing Active Income
अगर आप हमेशा यह सोचते रहते हैं कि आपकी एक्टिव इनकम को कैसे बढाया जाए अपने जॉब या बिजनेस के साथ साथ। क्योंकि आपने यह सीख लिया है कि अगर आपको फाइनेंशियल लाइफ में आगे बढ़ना है तो उसके लिए आपका एक्टिव इनकम भी हर साल बढ़ते रहना चाहिए और आपने यह भी सोच रखा है कि अपने एक्टिव इनकम को आप सही तरीके से बढ़ाएंगे कोई भी शॉर्टकट नहीं लेंगे।
अगर आप अभी एक स्टूडेंट है तो आप भी मेहनत कर रहे हैं एक साइड इनकम करने के लिए तो ये साइन ही बताता है कि आपने इकोनॉमिक्स समझ लिया है। बहुत ही कम उम्र में पैसे सेव करना, उन पैसों को इन्वेस्ट करना और साथ ही साथ अपना एक्टिव इनकम को बढाना इसका मतलब है आप इस मॉडल को फॉलो कर रहे हैं।
7. Avoiding Lifestyle Inflation
लाइफस्टाइल इनफ्लेशन का मतलब होता है जब आपकी इनकम बढती है तब आप अपने खर्चे भी बढा देते हो। जैसे अगर आप पहले 30 हज़ार रुपए पर मंथ कमा रहे थे और उसमें आप 10 हज़ार रुपए सेव कर पा रहे थे, पर अभी आप 40 हज़ार रुपए कमा रहे हैं पर उस पर भी आप 10 हज़ार रुपए ही सेव कर पा रहे हैं।
8. You Are Consuming Educational Content and Learning About Finance
मतलब आप एजुकेशनल कॉन्टेंट को देखते हैं और आप फाइनेंस के बारे में भी सीख रहे हैं। बचपन में हम सभी ने सुना था कि आपके दोस्त कैसे हैं यह बताएगा कि आपकी फ्यूचर कैसे होने वाली है। पर आज के टाइम में आप किस तरीके के कॉन्टेंट को देखते हैं, यह डिसाइड करने वाला है कि आपकी फ्यूचर कैसी होगी।
अगर आप एजुकेशन कंटेंट देखते हैं और आप फाइनेंस के बारे में सीख रहे हैं तो आप ऑलरेडी बाकियों के कंपैरिजन में अपने टाइम को बेहतर तरीके से मैनेज कर रहे हैं। क्योंकि पूरी दुनिया अभी क्विक इंटरटेनमेंट के ऊपर ध्यान दे रही है।
पर आप कुछ सीखने पर फोकस कर रहे हैं तो यह भी बहुत बढिया साइन है कि आप लाइफ में अच्छा कर रहे हैं। आप इसे खुद से भी चेक कर सकते हैं कि आपने किस तरीके के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर रखा है और आप कैसे वीडियो देखते हो।
9.You're Playing Right Game
दो तरीके के खेल है जिसमें आप कौन सा खेल चुनते हो। यह बहुत मैटर करता है कि आप लाइफ में अच्छा कर रहे हो या नहीं। पहला गेम है स्टेटस गेम। आप स्टेटस गेम जब खेल रहे हो तो आप यह कोशिश करते हो कि आप कैसे दूसरे व्यक्ति से बेहतर महसूस करें।
और यह तभी होता है जब आपके पास वह चीज है जो उनके पास नहीं है। यानी आपका घर कितना बडा है, उसमें कितने कमरे हैं, आप कौन सी कार ड्राइव करते हो, आप कौन सी ब्रांड के कपड़े पहनते हो किसी दूसरे व्यक्ति के कंपैरिजन में। यह डिसाइड करता है कि आप कितने खुश रहने वाले हो। स्टेटस गेम में सबसे बडी प्रॉब्लम यह है कि आपको हमेशा किसी एक व्यक्ति या ग्रुप के लोगों से खुद को कंपेयर करना होता है। यानी हमेशा आप एक कंपटीटिव माइंडसेट में रहते हैं।
मान लेते हैं कि अगर आपके चार फ्रेंड है और सभी लोअर मिडिल क्लास फैमिली से हैं। जब आप एक लेटेस्ट आईफोन लेते हैं, तो आपको तब तक बेहतर फील होता है, जब तक कि आपके बाकी फ्रेंड्स के पास आईफोन ना हो। कोई अगर आपसे ज्यादा बेटर है तो ऑटोमेटिकली आप उस व्यक्ति से नफरत करने लगते हैं या जेलस फील करते हैं। तो आपको स्टेटस गेम खेलना ही नहीं है। आपको दूसरा गेम खेलना है जो है वेल्थ गेम का।
इस गेम में आप एक इंडिविजुअल प्लेयर हो। आपको पूरी सोसाइटी के बारे में नहीं सोचना है। आपको पता है कि आप एक सही रास्ते पर हो क्योंकि कुछ ही सालों में आपकी जो वेल्थ है वह आज से बहुत बेहतर होगी और इससे आपको खुशी मिलती है क्योंकि यहां आपको दूसरों से खुद को कंपेयर करने की कोई जरूरत नहीं है। आप खुद से ही compete कर रहे हो।
तो चलिए मैं आपको तुरंत आपके बारे में बेहतर फील करवाता हूं। आप रिवाइंड कीजिए। आज से 10 साल पहले आप कैसे थे और आप आज कैसे हैं? ज्यादातर लोगों की ग्रोथ आपको हर दिन नहीं दिखती है, पर जब आप उन्हें कुछ सालों से कंपेयर करते हैं तो आपको दिखता है कि किसी व्यक्ति ने कैसे अपने जीवन को बेहतर किया है। तो अगर आप वेल्थ गेम खेल रहे हैं तो यह बहुत ही अच्छा साइन है कि आप आर्थिक रूप से सही रास्ते पर हैं।
10. How Much Should You be Earning
यानी अगर आप इंडिया में रहते हैं तो आपको कितना कमाना चाहिए टॉप इनकम कैटेगरी में आने के लिए। तो अगर आप डेटा को देखेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे। एक डेटा कहता है, इंडिया में उम्र के हिसाब से लोग कितना कमा रहे हैं। तो चलिए इनके बारे में डिस्कस करते हैं। सबसे पहले हम 25 से 34 साल के लोगों की सैलरी के बारे में डिस्कस करते हैं।
10 परसेंट लोग इस कैटेगरी में ऐसे हैं जो 3900 रूपये से कम कमाते हैं। 75 परसेंट लोग 14,400 रूपये से कम कमाते हैं और 90 परसेंट लोग 25 हज़ार से कम कमाते हैं। इंडिया में एवरेज सैलरी 25 से 34 साल के लोगों का है करीब ₹10,700। तो अगर आप 25 साल के ऊपर है और आपकी इनकम 25 हज़ार से ज्यादा है तो आप ऑलरेडी 90 पर्सेंट इंडियन से ज्यादा कमा रहे हैं।
और वैसे ही अगर आपकी एज 35 से ज्यादा है और 44 से कम है और आप 33 हज़ार से ज्यादा कमा रहे हैं हर महीने तो आप अपने कैटेगरी में 90 पर्सेंट लोगों से ज्यादा कमा रहे हैं, पर इस डेटा से हमें खुशी नहीं मिलेगी क्योंकि साइकोलॉजी में एक थ्योरी है जिसे कहते हैं सोशल कम्पैरिजन थ्योरी। इस थ्योरी के अकॉर्डिंग हम अपनी सक्सेस को कंपेयर करते हैं दूसरों की सक्सेस से।
तो अगर मैं इसे इनकम से रिलेट करूं तो आपके जो क्लोज लोग हैं, वह कितना कमा रहे हैं, यह डिसाइड करेगा कि आपको कैसा महसूस करना चाहिए। अगर आपके फ्रेंड्स 50 हज़ार रुपए महीने कमा रहे हैं और आप 35 हज़ार रुपए कमा रहे हो , भले ही आप इंडिया के age कैटेगरी के इनकम से ज्यादा कमा रहे हैं पर क्योंकि आपके फ्रेंड्स ज्यादा आपसे कमा रहे हैं तो आपको अच्छा फील नहीं होता है अपने बारे में क्योंकि एक और साइकोलॉजिकल थ्योरी है जिसका नाम है लॉस थ्योरी।
इसके अकॉर्डिंग हमें लॉस होने पर ज्यादा दुख होता है, उतना ही प्रॉफिट होने पर खुशी के कंपैरिजन में। यानी अगर आपके पैसे से आपको ₹100 मिले तो आपको जितनी खुशी मिलेगी उससे कहीं ज्यादा आपको दुख होगा अगर आपके ₹100 गुम जाएं तो। इसी तरह अगर आप अपने क्लोज लोगों से ज्यादा कमाते हैं तो आपको जितनी खुशी मिलती है, उससे कहीं ज्यादा आपको दुख होता है अगर आप उनसे कम कमाते हैं।
Final Words
तो दोस्तों ,ये थे 10 साइंस जो यह बताती है कि आप अपने लाइफ में फाइनेंशियली अच्छा कर रहे हैं। इनमें से कितने साइन मैच हुए हैं ये मुझे आप कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। एग्जाम्पल के लिए अगर 6 साइन मैच हुए हैं तो आप कमेंट कर सकते हैं 6/10 और अगर पांच से कम साइन मैच हुए हैं तो कोई बात नहीं है। कोशिश करिए कि इन साइन को अपने जीवन में फॉलो करने की।