4 संकेत जो आपको अपनी नौकरी छोड़ने की तरफ इशारा कर रहे हैं। Finance In Hindi

Finance In Hindi: दोस्तों, 90s की  शुरूआत में जब इंटरनेट बहुत तेजी से फैल रहा था तो उस टाइम जेफ बेजोस न्यूयॉर्क इनवेस्टमेंट फर्म के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट थे और नो डाउट उनको वहां पर काफी अच्छी सैलरी मिलती थी। लेकिन जब उनका ध्यान इस तेजी से बढ़ते हुए इंटरनेट की तरफ गया तो यहां पर उन्होंने देखा कि इंटरनेट का इस्तेमाल हर साल 2300% से बढ़ रहा है और आगे भी ये नॉनस्टॉप बढ़ने वाला है। तो इसकी फ्यूचर ग्रोथ पोटेंशियल को देखते हुए उनके दिमाग में एक बहुत ही अमेजिंग आइडिया आया। 

उन्होने सोचा कि इस मौके का फायदा उठाऊं और कुछ ऑनलाइन करना शुरू करूं। हो सकता है मुझे लॉन्ग टर्म में ये बहुत फायदा कर जाए। अब ये सोचने के अगले दिन ही उन्होंने छुट्टी ले ली और निकल पड़े लोगों की नीड्स को एक्सप्लोर करने के लिए। 

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बेसिकली वो ये देखने निकले थे कि ऐसा क्या है जो इंटरनेट पर एक वेबसाइट बनाकर वो सेल कर सकते हैं। उन्होंने लगभग 25 से 30 चीजों को नोट किया लेकिन इनमें सबसे ज्यादा पोटेंशल उनको बुक में ही दिखाई पड़ रहा था क्योंकि वो जानते थे कि बुक एक यूनिवर्सल प्रोडक्ट है पर इसको सभी लोग पढ़ते हैं। इसी वजह से सारे प्रोडक्ट्स में जैक ने बुक्स को ही फाइनलाइज किया। 

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दूसरी वजह ये थी कि जैक को उस वक्त ऐसा लग रहा था कि अगर वो ये बुक्स का बिजनेस शुरू करेंगे तो उनकी ऑनलाइन सेलिंग स्टार्टिंग से ही काफी अच्छी होगी। क्योंकि बाकी प्रोडक्ट से अगर कंपेयर करा जाए तो उनके मुकाबले बुक्स की प्राइज बहुत कम होती है और कई बार तो इम्पॉर्टेंट बुक्स जल्दी से मिलती भी नहीं हैं। अब यहां पर उनके लिए एक और बड़ा एडवांटेज ये था कि उस टाइम पर उनके रास्ते के बीच में कोई भी नहीं खड़ा था। 

मतलब ऐसे कॉम्पटीशन कोई नहीं था जो ऑनलाइन के थ्रू लोगों को बुक्स डिलीवर कर रहा हो। फिर फाइनली उन्होंने पक्का इरादा कर लिया कि वो यही काम शुरू करेंगे। लेकिन इसको शुरू करने से पहले जो एक बड़ी दिक्कत उनके सामने खड़ी थी वो उनकी जॉब थी। 

क्योंकि जेफ उस वक्त एक ही काम कर सकते थे। वो या तो अपनी जॉब को अपना टाइम देते या फिर अपने आइडिया पर काम करते। तो यहां पर उन्होंने एक बहुत ही शॉकिंग डिसीजन लिया और अपनी जॉब छोड़ने का फैसला कर लिया। क्योंकि वो ये चाहते थे कि उनको बाद में इस चीज का पछतावा ना हो कि इस जॉब के चक्कर में वो अपने आइडिया पर काम नहीं कर पाए और ऐसे ही रह गए। तो इसके बाद उन्होंने अपनी हाई पेइंग वाली जॉब छोड़ दी और बहुत ही कम बजट में अपना बिजनेस यानि एमेजन शुरू कर दिया। 

शुरुआत में तो चीजें बिल्कुल वैसी नहीं चली जैसा उन्होने सोचकर रखा था। जेफ़ को अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने में बहुत दिक्कतें हो रही थीं और कई बार तो किसी टेक्निकल फॉल्ट की वजह से कोई ऑडर तक नहीं कर पा रहा था। पर धीरे धीरे वो इन सब चीजों को फिक्स करते चले गए और वेबसाइट के अंदर अलग अलग तरह की फैसिलिटीज लाते चले गए ताकि हर कोई इससे अट्रैक्ट हो जाए। 


वो दिन है और आज का दिन है, मुझे अब आपको बताने की भी जरूरत नहीं है कि ऐमजॉन कितनी बड़ी ई कॉमर्स कंपनी है। अब आप लोग थोड़ा दिमाग लगाइए और जरा ये सोचिए कि क्या होता अगर जेफ बेजोस अपनी उस जॉब को छोड़ते ही ना। इस मौके को वो ये सोचकर उड़ा देते कि कोई जरूरत नहीं है यार लाइफ तो मेरी बढ़िया चल ही रही है। तो जवाब इसका बहुत ही सिंपल है ना तो जेफ आज दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक ना होते और ना ही अमेजन नाम की ई कॉमर्स साइट मार्केट में रूल कर रही होती। 

लेकिन उन्होने इसको समझा और रिस्क लेकर अपने इस ड्रीम पर काम करना शुरू कर दिया। जिस वजह से आज उनके पास अरबों खरबों की संपत्ति है। अब देखो अच्छा आईडिया तो बहुत से लोगों के माइंड में होते हैं पर लोग अपनी जॉब चले जाने के डर से अपने आइडियाज पर काम करने की हिम्मत तक नहीं करते क्योंकि उनके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां जुड़ जाती है। जिससे कई बार लोगों को एक अच्छी सैलरी ना मिलने के बावजूद भी वो उस नौकरी में बने रहते हैं। 

पर इस वजह से होता ये है की ऐसे लोग अपनी लाइफ को पूरी तरह से एक्सप्लोर नहीं कर पाते और शिकायत करते हुए ही अपनी पूरी जिंदगी बिता देते हैं। तो अगर आपकी भी कुछ ऐसी ही सिचुएशन है मतलब आप भी अपनी जॉब से फ्रस्टेट हो चुके हो और अपनी जॉब में अपने आपको फंसा हुआ मानते हों, तो आज का यह आर्टिकल आपके बहुत काम आने वाला है। क्योंकि आज मैं आपको कुछ ऐसे संकेत  बताऊंगा जो डायरेक्टली या इनडायरेक्टली ये हिंट कर रहे हैं कि आपको अपनी ये करंट जॉब अब छोड़ देनी चाहिए और एक नई जॉब पकड़नी चाहिए या फिर अपने उस गोल पर काम करना चाहिए जो कामयाब होने के लिए आप देखते आ रहे हो। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं। 


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1. They pay you very less  

मान लो कि आप अपनी जॉब में 8 से 9 घंटे काम करते हों और उस काम में आप अपना हंड्रेड परसेंट दे रहे हों। इसके बाद भी अगर आपकी सैलरी आपको कम दी जा रही है तो ये चीज आपको डेफिनेटली निराश कर सकती है। एक बार के लिए जरा सोच कर देखो आप एक दिन अपने दोस्त से मिलते हो। 

ये वो ही दोस्त है जो किसी और कंपनी में आपके जैसी सेम पोस्ट पर काम करता है। पर अगर आपको से ये पता चलता है कि उसकी सैलरी तो आपसे बहुत ज्यादा है और आपकी काफी कम है तो इसमें इनसिक्योरिटी आना और अन सैटिस्फाइड होना एक बहुत ही कॉमन चीज होगी आपके लिए। और हर टाइम आपके मन में यही रहेगा की इतने पैसे तो मैं भी डिजर्व करता हूं। 

तो अगर आप भी किसी जॉब में हैं जिसमें आपको कुछ ऐसा ही फील हो रहा है जैसे ,काफी टाइम और एफर्ट देने के बाद भी आप को वो नहीं मिल रहा जो आपको मिलना चाहिए। तो ये वो संकेत है जो कहता है कि आपको अपनी ये जॉब छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि इस तरह के जॉब करना जहां आप की स्किल्स के अकॉर्डिंग आपको पे नहीं किया जा रहा वहां लंबे टाइम तक टिके रहने से आप अपनी स्किल्स की वैल्यू को और कम करते चले जाओगे। 



2.  Your Boss does not value your input

जब भी हम किसी एक कंपनी में काम कर रहे होते हैं, तो उस टाइम पर हमारा दिमाग सबसे ज्यादा इस चीज पर फोकस करता है कि इसको और बेहतर कैसे किया जाए। ताकि जब भी बॉस की इस पर नजर पड़े तो वो आपकी दिल से तारीफ करें। और वैसे भी एक एम्प्लॉयी के तौर में आपकी ड्यूटी होती है कि आप अपने सभी प्रोजेक्ट्स और टास्क में अच्छे से परफॉर्म करें। 

लेकिन अपनी तरफ से बेस्ट इनपुट देने के बाद भी अगर आपका बॉस आपके एफर्ट्स और इनपुट की वैल्यू नहीं कर रहा, तो ऐसे में आपको तो क्या किसी को भी अपने काम पर दिल से मेहनत करने का जरा भी मन नहीं करेगा। और दूसरी दिक्कत ऐसे माहौल में यह आती  है कि एक टाइम के बाद एम्प्लॉई अपने काम में न्यू आइडियाज ही लाना बंद कर देते हैं, जिससे ना सिर्फ कंपनी को नुकसान होता है, बल्कि एम्प्लॉइज भी अपनी क्रिएटिविटी खो देते हैं। 

इस तरह का एनवायरमेंट एक टॉक्सिक वर्कप्लेस की निशानी होती है। इसीलिए ये भी एक साइन है कि आपको अपनी इस जॉब को छोड़कर कोई दूसरी कंपनी जॉइन करने या फिर अपना खुद का कुछ करने पर मजबूर कर सकता है। 


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3. There are lot of opportunities to learn

अल्बर्ट आइंस्टाइन का एक बहुत ही फेमस कथन है Once you stop learning,you start dying। हम सभी जानते हैं कि लर्निंग एक नेवर एंडिंग प्रोसेस है। फिर उसमें चाहे आप पढ़ाई करते हो या कोई जॉब करते हों, हर जगह पर लर्निंग अपॉच्र्युनिटीज रहती ही हैं। और टेक्निकली अगर देखें तो स्टडी से ज्यादा चीजें आपको जॉब में सीखने को  मिलती हैं क्योंकि जब आप एक जॉब कर रहे होते हो तो आप चीजों को थ्योरी के हिसाब से नहीं बल्कि प्रैक्टिकली सीखते हों और नॉलेज भी आपको यहां पर सिर्फ अपनी फील्ड की ही नहीं, बल्कि बाकी फील्ड्स की भी मिल जाती है। 

इसी के साथ अपने काम में न्यू आइडियाज लाकर हैवी रिसर्च करके जब आप कोई आउटपुट तैयार करते हो तो वो प्रोसेस आपको कई बार ऐसी चीजें सिखा देता है जो आपके आगे तक बहुत काम आती है। पर सेम टाइम बहुत सी जॉब्स ऐसी होती है जहां एम्प्लॉयी को हमेशा से जबरन एक पर्टिकुलर काम में लगा दिया जाता है और ये पर्टिकुलर काम ऐसा होता है, जिसमें सालों तक कोई बदलाव नहीं आता। 

पहले तो उनको ये काम सिखाया जाता है और फिर इसी काम को करते रहने के लिए उनको फोर्स किया जाता है। जैसे मान लो आपने एक नई कंपनी जॉइन की है जिसमें आपको कॉल्स अटेंड करनी है। अब आपको वहां पर काम करते हुए बहुत टाइम हो गया है और आपको खुद को ऐसा लग रहा है कि आप कुछ और भी अच्छे से कर सकते हो, फिर भी  आपका मैनेजर आपको अब भी इसी पोस्ट पर रखे हुए है। इनफैक्ट वो आपको प्रमोट करने के बारे में सोच भी नहीं रहा। 

तो ऐसे में अगर सोचा जाए कि क्या इस तरह की जॉब में आप कुछ नया सीख पाओगे तो इसका जवाब होगा जरा भी नहीं। क्योंकि ऐसी जॉब में आपको एक रोबोट बना दिया जाता है और सिर्फ एक ही काम कराया जाता है। दिक्कत इससे ये होती है कि यहां पर हमारा माइंड सिर्फ एक जगह पर अटक जाता है और कभी भी इससे ज्यादा कुछ सोच तक नहीं पाता। 

जिससे आपके अंदर और कौन कौन सी यूनीक क्वॉलिटीज हैं आप ये तक नहीं जान पाते। तो ये भी एक और संकेत है कि आपको अपनी जॉब छोड़कर या तो कोई और जॉब पकड़ लेनी चाहिए या फिर अपना खुद से कोई बिजनेस शुरू करना चाहिए। जहां कोई एक ऐसा एनवायरमेंट मिले जिसमें लर्निंग के साथ साथ आप खुद को भी ग्रो कर सको। 


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4.  There is no job security

टाटा कंपनी के अंदर काम करना आज कई लोगों का सपना है, क्योंकि टाटा एक ऐसी कंपनी है जो अपने इम्प्लॉइज को कंपनी के एक वैल्युएबल एसेट की तरह ट्रीट करती है और ऐसी कंपनी में कौन  काम नहीं करना चाहेगा, जहां आपकी बहुत ज्यादा वैल्यू हो। पर वहीँ  कुछ इंडस्ट्रीज ऐसी भी होती हैं जो अपने इम्प्लॉइज को सिर्फ रूपये बनाने की मशीन समझती है। 

वो तब तक ही आपके साथ बनी रहती है जब तक उन्हें कोई आपसे और बेहतर ना मिल जाए। आप इस तरह की इंड्रस्टीज में जिसमें काम करने वाले इम्प्लॉइज की सप्लाई उनकी डिमांड से ज्यादा होती है तो यहां वो अपने इम्प्लॉइज को अपनी मर्जी के मुताबिक ट्रीट करते हैं। इन्श्योरेंस कंपनीज, कस्टमर केयर सर्विस, सेल्स मैन ये कुछ ऐसे सेक्टर्स हैं जहां काम करने के लिए काफी सारे लोग हमेशा मौजूद रहते हैं। 

इसीलिए इस तरह के सेक्टर में जो भी लोग जॉब करते हैं, उनके ऊपर हर टाइम अच्छा परफॉर्म करने का बहुत प्रेशर बनाया जाता है। पर इंसान की एक बड़ी दिक्कत ये होती है कि वो हर टाइम एक जैसा रिजल्ट नहीं दे सकते। कभी वो बहुत अच्छे रिजल्ट दे सकते हैं तो कभी एवरेज। 

पर जब कंपनीज अपने कर्मचारियों से हमेशा यही उम्मीद करती हैं कि उनके एम्प्लॉयीज पिछले हर दिन से अच्छा परफॉर्म करें, तो ऐसे में उन एम्प्लॉइज पर वर्कलोड और टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और एम्प्लॉइज को अपनी जॉब खो देने के डर से अच्छा परफॉर्म करना ही पड़ता है। 

क्योंकि जॉब सिक्योरिटी एक बहुत ही जरूरी आस्पेक्ट है, पर जहां ऐसी चीज को बिल्कुल तवज्जो नहीं दी जाती ऐसी जगह को अपना करियर मान लेना और उसमें काम करना अपने टाइम और एफर्ट्स की बर्बादी ही करना है। और कोई भी इंसान जो इस तरह के जॉब कर रहा है, जहां उसको खुद ही लग रहा है कि उसको कभी भी रिप्लेस किया जा सकता है, तो ये संकेत है कि ऐसी जॉब के भरोसे आपको ज्यादा टाइम तक नहीं रहना चाहिए। 


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Bottomline

तो दोस्तों ये थे वो चार संकेत जो ये बताते हैं कि आपको जबरदस्ती ऐसी जॉब में नहीं फंसना चाहिए। अगर आप किसी जॉब के अंदर खुद ही अच्छा फील नहीं कर रहे हो तो आप उसमें मन लगाकर क्या ही काम कर पाओगे। पर दोस्तों इससे मेरा ये मतलब नहीं है कि आप जो भी इस तरह की जॉब कर रहे  हो उसे आप आज ही छोड़ दो। 

एक सही टाइम का वेट करो और कुछ न्यूज स्किल्स डेवलप करके रखो और जब भी आपको लगे कि यस अब आप किसी और कंपनी में जा सकते हो या अपना कोई खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हो तो वो टाइम जॉब छोड़ने का एक बेस्ट टाइम होगा।

Vinod Pandey

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