Finance In Hindi: रोनक, शुभम ये दोनों कॉलेज के स्टूडेंट्स थे। ये ग्रेजुएशन कर रहे थे और अपने फाइनल इयर तक आ गए थे। जिस टाइम यह दोनों कॉलेज में थे उस टाइम एमबीए चायवाला लोगों के बीच में बहुत फेमस हो रहा था और लोग उससे इंस्पायर होकर तरह तरह की शॉप्स खोल रहे थे। अब इस तरह से यंग लोगो में क्रेज देखकर ये दोनों भी इंस्पायर हो गए और दोनों ने ही डिसाइड किया कि ग्रेजुएशन कम्प्लीट होने के बाद वो भी एक बर्गर की शॉप खोलेंगे।
और जैसे ही उनकी ग्रेजुएशन कंप्लीट हुई तो उन्होंने भी अपनी एक एक बर्गर की शॉप खोल ली। दोनों की दुकान लगभग एक जैसी थी लेकिन इन दोनों के काम करने का जो तरीका था वो बहुत ही ज्यादा अलग था। रोनक शुरुआत में पैसे बचाने के लिए वहां के सारे काम खुद ही किया करता था। जैसे आर्डर लेना, बर्गर बनाना, उनको सर्व करना, बिल काट कर देना और कस्टमर के जाने के बाद टेबल को क्लीन करना। ये सारे काम वो अकेले ही करने लगा ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट हो।
पर दूसरी तरफ शुभम यहां की मार्केट को अच्छे से समझ चुका था। वो पहले ही समझ चुका था कि ये जो इलाका है ये बहुत भीड़ भाड़ वाला है और यहां हर किसी को जल्दी रहती है। तो पहले तो उसने एक अच्छा कुक हायर किया, दो वेटर हायर किये और खुद कैश काउंटर पर बैठने लगा।
अब इससे हुआ ये कि उसके जो बर्गर का बिजनेस था वो काफी स्मूथ तरीके से चलना शुरू हो गया। लोग यहां पर आते और सर्विस टाइम पर मिलने की वजह से वो काफी खुश होकर जाते। ऐसे ही लगभग एक साल बीत गया रोनक अब भी अपने उसी रूल पर चल रहा था और सब कुछ खुद ही कर रहा था।
पर अब आकर उसको अहसास होने लगा कि शायद वो गलत ट्रैक पर जा रहा है क्योंकि दिन में कई बार ऐसा होता है कि उसकी शॉप पर कस्टमर आये और टाइम ज्यादा लगने की वजह से वो गुस्सा हो गए और शॉप से बाहर निकल गए। तो अब जाकर उसने अपनी शॉप के लिए कुछ लोग हायर किये। लेकिन अब तक शुभम रौनक से बहुत आगे निकल चुका था।
अब उसकी शॉप के अंदर पाँच वेटर थे, तीन कुक थे और एक मैनेजर भी था और उसने अपनी शॉप को काफी यूनीक तरीके से डेकोरेट भी किया हुआ था। जिससे अब लोग रोनक की शॉप पर जाने की बजाय शुभम की शॉप पर जाना पसंद करने लगे। तो इस तरह शुभम ने people leverage का यूज करके बहुत जल्दी तरक्की कर ली। मतलब की उसने दूसरे लोगो के काम का सहारा लिया और जल्दी आगे बढ़ गया।
वैसे तो यह सिर्फ एक स्टोरी है जो मैंने आपको बताई है। अगर मैं आपके सामने रिलायंस कंपनी का नाम लूं तो reliance सुनते ही आपके माइंड में मुकेश अंबानी की फोटो आ गयी होगी। या अगर मैं अमेज़न कंपनी का नाम लूं तो ये सुनने के बाद भी आपका माइंड जेफ बेजोस की तरफ गया होगा। पर क्या इसका मतलब ये है कि अपनी इन बड़ी कंपनीज को सिर्फ ये दोनों ही चलाते हैं? बिल्कुल भी नहीं।
ये दोनों ही कंपनीज इतनी बड़ी कामयाबी कभी हासिल नहीं कर पाती अगर इन्होने people leverage का यूज न किया होता। क्योंकि ये और इनके जैसी जितनी भी कामयाब कंपनीज है उनके ग्रो होने का जितना क्रेडिट उनके ओनर्स को जाता है उससे कहीं ज्यादा क्रेडिट उसमें काम करनेवाले लोगो को भी जाता है।
दूसरों के दम पर खुद अमीर बनने के यह 6 secrets आज ही सीख लो- Finance In Hindi
1. तो पहला secret अमीर लोगो की कामयाबी का ये है कि वो लोग people leverage पर ज्यादा फोकस करते है जिसके चलते वो बाकी लोगो से जल्दी कामयाबी हासिल कर लेते है।
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2. Other People's Money
मुझे आज भी याद है लगभग तीन साल पहले मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक मेन मार्किट है तो वहां पर एक प्लॉट खाली पड़ा हुआ था। उस टाइम जो उस प्लॉट के ओनर थे उन्होंने अचानक से उस प्लॉट को बेचने का मन बना लिया क्योंकि वो अपनी दिल्ली की सारी प्रॉपर्टीज बेचकर अपने गांव शिफ्ट हो जाना चाहते थे। जब इसकी खबर मेरे पड़ोसी को पड़ी तो वो प्रोपर्टी उनकी नजरों में आ गयी और कैसे भी करके वो उस प्रोपर्टी को खरीद लेना चाहते थे क्योंकि वो उस प्रोपर्टी की असली वैल्यू का अंदाजा लगा चुके थे।
पर दिक्कत ये थी कि उस टाइम उस प्रोपर्टी की कीमत लगभग ₹60 लाख थी और उनके पास सिर्फ ₹20 लाख ही थे। तो उन्होने फिर क्या किया? उन्होंने अपनी जानकारी के चार लोगो से कॉन्टैक्ट किया और उस प्रोपर्टी के बारे में बताया और उन चारों लोगो को जैसे तैसे करके उन्होने मनाया और सबसे 10 -10 लाख का कर्ज उठा लिया। फिर इसके बाद उन्होने उस प्रोपर्टी को अपने नाम करा लिया पर हर महीने उन्हें उन चारों को उनके पैसों पर छह हज़ार का ब्याज देना पड़ रहा था।
लेकिन अभी कुछ ही टाइम पहले सुनने में आया है कि वो प्रोपर्टी उन्होने एक डीलर को बेच दी और डीलर ने उनको उस प्रोपर्टी के 1 करोड़ ₹40 लाख दिए है। देखो, मैं आपको यह बात इसलिए बता रहा हूं क्योंकि मिडिल क्लास फैमिली में लोन या डेब्ट लेने को बहुत ही बुरी चीज माना जाता है और शुरू से ही उनको यही सजेशन दिया जाता है कि बेटा जितना हो सके इन सब चीजों से दूर रहना। अगर तुम एक बार लोन के जाल में फंस गए तो तुम्हारी जिन्दगी खराब हो जाएगी।
पर सेम टाइम आपने आएदिन न्यूज के अंदर यह काफी बार सुना होगा कि अडानी ग्रुप ने इतने करोड़ का लोन लिया है या अंबानी ग्रुप की कंपनी ने इतना लोन उठाया है। तो लोन लेना अगर बुरी चीज है तो फिर ये अमीर लोग इतना लोन क्यों लेते है। पहले तो अमीर लोगो के और आम लोगो के लोन लेने में एक बहुत बड़ा गैप है।
आम तौर पर हमको जब भी कोई कार निकलवानी होती है तो हम लोन पर ही वो कार निकलवाते है और बैंक हम को इतना लोन दे भी देते हैं। और फिर कई सालों तक हम उस कार की EMI भरते रहते है। लेकिन वही अमीर लोग लोन का यूज करते हैं। अपने बिजनेस और अपनी ग्रोथ को बढाने के लिए वो लोन लेते हैं और अपने बिजनेस में इनवेस्ट करते हैं ताकि वो और ज्यादा एक्सपेंड हो।
इसी को रॉबर्ट कियोसाकि ने भी अपनी बुक में डिटेल में बताया है। वो बोलते हैं कि लोन दो तरीके के होते हैं, एक गुड लोन और एक बैड लोन। तो यहां पर अगर देखा जाए तो लोन लेकर आप भी दूसरों के पैसे यूज कर रहे हो और वो भी दूसरों के पैसे यूज कर रहे हैं। पर इनका लोन एक good loan हैं और आपका एक bad loan । क्योंकि आप दूसरों के पैसे लेकर उनकी लाइबिलिटी खरीद रहे हो और अमीर लोग एसेट्स बना रहे हैं तो यह अमीरों की कामयाबी का दूसरा सीक्रेट है जहाँ वह दूसरे लोगों का पैसा यूज करते हैं अपना कैपिटल बढ़ाने के लिए।
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3. Other People's Time
डैरन हार्डी जब छोटे थे, तो उनके पड़ोस में एक अंकल रहते थे, जो काफी ज्यादा अमीर थे। उन्होंने अपने घर में कई नौकर रखे हुए थे। खाना बनाने वाला, घर की देखभाल करने वाला, पौधों में पानी देनेवाला और यहां तक की साफ सफाई करने वाला भी।
डैरन जब इस बारे में अपने डैड से पूछते कि डैड अंकल ने इतने सारे नौकर क्यों रखे हुए हैं और यह अपने सारे काम खुद क्यों नहीं करते? तो उनके डैडी उनको बोलते हैं।बेटा अमीर लोग ऐसे ही होते हैं। चार पैसे हाथ में आए नहीं कि बस नवाबो वाली जिन्दगी शुरू।
तो इस बात को सुनने के बाद डैरन के मन में भी यह बैठने लगा कि शायद यही सच है। ये सारा काम अपने नौकरों से करवाते होंगे और खुद घर में बैठकर आराम करते होंगे। पर फिर बाद में जाकर जब उनको सच पता चला तो उनकी आंखें खुली रह गई। जैसे वो उनके बारे में सोच रहे थे वैसा बिल्कुल नहीं था।
असल में उन्होने इतने सारे नौकर इसलिए रखे हुए थे ताकि वो अपना टाइम बचा सकें और सिर्फ अपना फोकस अपनी कंपनी और दूसरी ग्रोथ पर रख सकें। क्योंकि उनके टाइम की वैल्यू उन लोगों की सैलरी से भी कहीं ज्यादा थी।
देखो आप लोग जानते ही हो की हम सभी के पास एक दिन में सिर्फ 24 घंटे ही होते हैं। और हर अचीवर्स का मानना है कि इस लिमिटेड टाइम में अगर हम मल्टीटास्किंग करने लग जाएंगे तो हम अपने टाइम की असली वैल्यू नहीं जान पाएंगे। ये बात कामयाब लोग बखूबी समझते हैं। इसीलिए वो अपने बाकी कामों को दूसरों को डेडिकेट कर देते हैं ताकि उस चीज पर उनका ज्यादा फोकस रहे जो ज्यादा वैल्यू दे।
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4. Their Network
'Your network is your net worth' ये लाइन आपने बहुत बार सुनी होगी और हंड्रेड परसेंट आप कह सकते हैं यह सच भी है। दूसरों के साथ अच्छे रिलेशन रखकर एक नेटवर्क बनाना आपको वो चीजें करने के लिए भी एलिजिबल कर देता है जो आप अकेले नहीं कर सकते।
एक एग्जाम्पल देखें , मानें आपने कोई ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है जो लोगों की एक बड़ी नीड को पूरा कर रहा है। लेकिन आपको ये नहीं पता कि इसकी मार्केटिंग कैसे करनी है। पर आपका कोई एक खास जानने वाला है जो कि एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर है। तो अब आप उसके पास जाते हो और अपना प्रोडक्ट प्रमोट करने के लिए उसकी मदद लेते हो।
अब क्योंकि वो एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर है तो जाहिर सी बात है उसके पास हजारों लाखों की ऑडियंस होगी और अपने प्लैटफॉर्म पर अगर वो आपके प्रोडक्ट के बारे में बात करेगा, उसकी अच्छाई उनको गिना देगा तो इसके बाद फिर काफी हाई चान्सेस है की आपका प्रोडक्ट बिकना शुरू हो जाएगा। इसीलिए एक स्ट्रॉन्ग नेटवर्क बनाकर कई कामयाब लोग वो चीजें भी कर पाते हैं, जो उनके खुद के लिए भी पॉसिबल नहीं होता है।
लेकिन देखो इसका मतलब ये नहीं है कि अगर आपको किसी दूसरे के साथ में एक अच्छा रिलेशन है तो उसकी मदद आप सिर्फ अपने फायदे के लिए लो। नहीं। आपको दोनों पार्टियों के बीच में एक विन विन सिचुएशन क्रिएट करनी होती है जिससे आपका भी काम हो जाए और उसको भी उसका प्रोफिट मिल जाए।
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5. Their Knowledge
काफी लोग मुझसे ईमेल में पूछते हैं कि भैया आप अपनी वेबसाइट में सारा टेक्निकल वर्क कैसे करते हैं । वेल मैं आपको बता दूं कि ये टेक्निकल काम मैं खुद करता ही नहीं। SEO और web design का सारा काम मेरी टीम करती है, जो एक हाईली प्रोफेशनल टीम है, क्योंकि उनके पास इस फील्ड का सालों का एक्सपीरियंस है।
पर क्योंकि मेरे पास कैपिटल है तो इसका यूज करके मैं उनके नॉलेज और एक्सपीरियंस से अपना इधर से प्रोफिट निकालता हूं। अब शायद कुछ लोग ये सोचेंगे भाई अगर तुमको अपने चलते वेबसाइट बनानी नहीं आती तो आप लीडर किस बात के हुए?
तो देखो सिंपल सी बात है एक इन्सान हर चीज में मास्टर नहीं हो सकता और अगर कोई इंसान हर चीज़ को सीखने का ट्राय करेगा तो वो किसी भी चीज में एक्सपर्ट नहीं बन पाएगा। मेरी एक्सपर्टीज कंटेंट राइटिंग में है और मैं बस वही करता हूं।
आप दूसरों की नॉलेज और स्किल्स यूज करने से अपना बहुत टाइम बचा सकते हो। और इस तरह अपनी नॉलेज और एक्सपीरिएंस देने वालों में कंसल्टेंट, स्किल एम्प्लॉयीज, मेंटोर, कोचेस ये सब आते हैं। तो महीनों सालों तक किसी चीज़ की अलग से नॉलेज लेने की जगह, उसको एक्सपीरियंस करने की जगह अगर आपको वो एक्सपीरियंस और नॉलेज का कुछ घंटों में ही फायदा मिल जाता है तो आप क्यों ना इसे चूज करो।
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6. other People's Tools
टेक्नोलॉजी आज जिस तरह से दिन प्रति दिन ग्रो कर रही है, इससे अच्छा लेवरेज हमारे लिए कुछ हो ही नहीं सकता। मेरे वेबसाइट की जो टीम है ये सिर्फ 3 से 5 लोगों की है। फिर भी हम पाँच लोग मिलकर ही अपनी इस नॉलेज को आर्टिकल के रूप में हजारों लाखों लोगो तक पहुंचा पाते हैं। वो कैसे? क्योंकि हमारे पास ब्लॉग्गिंगऔर इंटरनेट का लेवरेज है।
पहले जहां किसी को कोई चीज़ सेल करने तक में बहुत दिक्कत होती थी वहीं आज फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स बना दिए गए हैं जिनकी मदद से आप उसे प्रमोट करके मिलियन लोगो तक आसानी से पहुंचा सकते हो।
इतना ही नहीं कोई बिजनेस आपको करना है, स्टार्टअप करना है, स्टडी वगैरह करनी है तो इनके लिए दूसरों के थ्रू बनाए हजारों प्लेटफॉर्म्स आपको मिल जाएंगे जिनकी मदद से आप अपने इस काम को बहुत आसान बना सकते हो।
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Final words
तो दोस्तों ,आपको इस आर्टिकल के थ्रू जो नॉलेज मैंने दी है वो आपके बहुत काम आएगी। मुझे कमेंट करके जरूर बताना कि ये जितने भी पॉइंट्स मैंने आपको बताए हैं, इनमें से कौन कौन से ऐसे पॉइंट हैं जिनका आप भी यूज़ कर रहे हों।