Finance In Hindi:₹20000 की सैलरी वाले भी ₹1करोड़ कमा सकते हैं। कैसे? बताता हूं। 2018 की बात है , डेविड और चेतन दो दोस्त बस स्टैंड पर खड़े होकर अपनी बस का इन्तजार कर रहे थे। बस का इंतजार करते करते दोनों अपने एक कॉमन फ्रेंड के साथ हुई घटना को डिस्कस कर रहे थे।
रतन लाल जो उनसे उम्र में थोड़ा बड़ा है लेकिन क्यूंकि वो भी सेम ऑफिस में ही काम करता था तो डेविड और चेतन दोनों से अच्छी जान पहचान थी। रतन लाल ने हाल ही में अपनी बेटी की शादी की है। रतन लाल के पास कोई ज्यादा धन नहीं था इसलिए उसने इधर उधर से पैसे कर्ज लेके और कुछ पैसे अपनी बीवी के गहनों को गिरवी रखवा कर अपनी बेटी की शादी की थी।
20000 की सैलरी वाले भी ₹1करोड़ कमा सकते हैं| Finance In Hindi
रतन लाल की सैलरी इतनी कुछ खास नहीं थी। उसकी सैलरी का 80% पैसा घर के खर्च में खत्म हो जाता था। बचे हुए पैसे इतने नहीं होते थे जिससे वो कर्ज के पैसे चुका पाएं। इसलिए वो सिर्फ loan लिए हुए पैसों का इंटरेस्ट ही चुका पाता था। और दोस्तों फाइनेंस की दुनिया में इसी को कर्ज का चक्रव्यूह या फिर debt trap भी कहते हैं।
रतन लाल ने जो पैसे लोन पर लिए थे वो heavily compound हो रहे थे जिसकी वजह से उसका इंटरेस्ट भी बढ़ता जा रहा था। कुछ साल इसी तरह बीतते रहे रतन लाल अपनी सैलरी लाता, घर में पैसे देता और बाकी पैसे इंटरेस्ट चुकाने में चले जाते। कुछ टाइम बाद इंटरेस्ट के पैसे इतने ज्यादा हो गए कि अब घर के खर्च में भी कमी होने लगी।
अब जिन लोगों ने रतन लाल को पैसे दिए थे, उन्हें भी लगने लगा कि रतन लाल उनके पैसे नहीं लौटा पाएगा। इसीलिए उन्होनें प्रेशर बनाना शुरू किया। आखिर में रतन लाल के ऊपर इतना कर्ज हो गया था कि उसने अपना घर बेचकर सभी कर्जदारों के पैसे चुकाने पड़े।
डेविड और चेतन इस घटना के बारे में बहुत परेशान थे। डेविड ने बोला कि भाई देखा जाए तो हम भी तो सिर्फ एक ₹20000 की जॉब ही कर रहे हैं। हमारे भी बच्चे धीरे धीरे बड़े हो रहे हैं । 15 -20 साल बाद जब हमें भी उनकी शादी करनी होगी तो सेम सिचुएशन हमारी भी हो सकती है। इस जॉब के अलावा हमारे पास है ही क्या? हमारे पास तो अपना घर भी नहीं है कि जो उसे बेचकर हम अपना कर्ज चुका पाएंगे ।
दोनों इस बात को गंभीरता से लेते हैं और अपने अपने घर जाने से पहले दोनों अपने एक और कॉमन फ्रेंड अंकुर के पास जाते हैं ।अंकुर एक फाइनेंशियल एडवाइजर है। वो कोई जॉब नहीं करता। वो बस अच्छे स्टॉक्स को पिक करता है और उसमें इन्वेस्ट करता है और फिर उससे आने वाले डिविडेंट और अपनी प्रोपर्टी के रेंट से अपनी लाइफ को एन्जॉय करता है।
अंकुर जब उन दोनों की बात को सुनता है तो उन्हें Mutual Fund में इन्वेस्ट करने के लिए कहता है और बोलता है, इसके लिए तुम्हें कोई इन्वेस्टमेंट की नॉलेज होने की जरूरत नहीं है और शुरुआत महीने के ₹5,000 से करो। बाकी धीरे धीरे अपने इन्वेस्टमेंट को 10 परसेंट इन्क्रीज करते रहना जब भी तुम्हारी सैलरी increase हो।
दोस्तों, आर्टिकल आगे बढ़ने से पहले एक छोटी सी जानकारी देना चाहूंगा कि ये आर्टिकल कहीं से भी ये नहीं कहता कि आप अगले एक साल में ही ये पैसे कमा लेंगे। और इस आर्टिकल से आप जो कुछ भी सीखोगे वो आपको एक दो साल में तो नहीं लेकिन हां ,एक लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करने के माइंडसेट के साथ इस प्लान को फॉलो करोगे तो हंड्रेड परसेंट ये आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा। तो आगे बढ़ते हैं।
अंकुर ने डेविड और चेतन को तीन म्यूचुअल फंड्स के बारे में बताया और कहा था, इन तीनों में उतना ही निवेश करना जितना रिस्क तुम ले सको। जानकारी के लिए बता दूं कि वो तीन म्यूचुअल फंड्स large cap, mid cap and small cap funds हैं।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स इन एवरेज 10 से 12 पर्सेंट का रिटर्न देते हैं। मिड कैप फंड्स 12 से 15 पर्सेंट का रिटर्न देते हैं, लेकिन इसमें रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है और स्मॉल कैप 15 से 18 पर्सेंट का रिटर्न देते हैं और इसमें बाकी दो के कंपैरिजन में रिस्क और ज्यादा होता है ,क्योंकि स्मॉल कैप कंपनीज well established कंपनीज नहीं होती हैं तो उनमें ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को मिलता है।
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डेविड घर आने के बाद काफी सारे म्यूचुअल फंड्स को analyze करना शुरू करता है और तीन फंड्स को सेलेक्ट करके अपना एक पोर्टफोलियो बनाता है, जिसमें वो अपने ₹5,000 में से 50% पैसा लार्ज कैप फंड में डालता है । 30% मिड कैप और स्मॉल कैप में। इससे उसका साल का रिटर्न इन एवरेज 14 पर्सेंट के बराबर होगा। अब वो इस पोर्टफोलियो में हर महीने SIP करना स्टार्ट करता है।
दूसरी तरफ चेतन ज्यादा रिस्क लेके देखना चाहता था क्योंकि उसे ज्यादा रिटर्न चाहिए थे। इसलिए वो अपने 5000 में से 40% पैसा स्मॉल कैप में, 30% मिड कैप में और 30% लार्ज कैप में इन्वेस्ट करता है। जिससे उसका एवरेज रिटर्न 15. 30% के बराबर होता है।
अब हम आगे जो भी कैलकुलेशन करेंगे वो हमारे एवरेज रिटर्न के बेसिस पर ही करेंगे। हमने कैलकुलेशन को हर साल 10 परसेंट इन्वेस्टमेंट इंक्रीमेंट और छह परसेंट देश में महंगाई को ध्यान में रखते हुए किया है। तो चलिए देखते हैं 10 साल बाद दोनों को कितना profit या loss होता है।
10 साल बाद डेविड के पोर्टफोलियो की वैल्यू हो चुकी है ₹18,82,000 जो कि महंगाई को ध्यान में रखा जाए तो बन जाते हैं 10,51,000। मतलब आज से 10 साल बाद जो 18 लाख डेविड को मिलेंगे उसकी कीमत आज के टाइम में साढ़े 10 लाख होती है। अब आप पूछेंगे कि भाई डेविड को ₹1 करोड़ कब मिलेंगे?
तो कैलकुलेशन के अकॉर्डिंग अगर डेविड अपनी इन्वेस्टमेंट को जारी रखता है तो डेविड को 20 साल बाद अपने बैंक अकाउंट में 1,29,00,000 रूपए मिलेंगे।
और दोस्तो यही पावर है compounding की और investing की। जो पैसे पहले 10 साल में सिर्फ 18 लाख थे वो अगले 10 साल में 1 करोड़ से भी ज्यादा हो गए। और यही नहीं अगर डेविड सिर्फ पाँच साल रुका और इन्वेस्टमेंट को कंटीन्यू रखता है तो उसके यही पैसे 1 करोड़ से 3 करोड़ बन जाएंगे।
चलिए जरा चेतन की इन्वेस्टमेंट को भी देख लेते हैं। चेतन ने क्यू की स्मॉल कैप में ज्यादा इन्वेस्ट किया था। उसको रिटर्न भी डेविड के कंपेरिजन में ज्यादा मिला है। चेतन के पोर्टफोलियो की वैल्यू अगले 10 साल में ₹20 लाख होगी, जिसकी वैल्यू आज के टाइम में ₹11 लाख है। अब चेतन को ₹1 करोड़ कब मिलेंगे?
चेतन भी ₹10000000 की लिस्ट में 20 साल बाद ही आएगा। लेकिन उसे जो टोटल पैसे उसके बैंक अकाउंट में 20 साल बाद मिलेंगे वो होंगे 1,50,00,000 जो डेविड से ₹20 लाख ज्यादा होगा। और ये सारा अंतर सिर्फ अपनी इन्वेस्टमेंट में थोड़े से बदलाव करने से ही मिल रहे हैं।
और अगर चेतन पाँच और साल अपनी इन्वेस्टमेंट को कंटीन्यू रखता है तो यही 1,50,00,00 3 करोड़ 70 लाख बन जाएंगे जो सीधा ₹70 लाख डेविड से ज्यादा होंगे।
इसमें हम डेविड की इन्वेस्टमेंट को गलत नहीं कहेंगे। डेविड को भी टाइम के साथ बहुत अच्छे रिटर्न मिलेंगे और क्योंकि डेविड ने ज्यादा इन्वेस्टमेंट लार्ज कैप में किया है तो उसे कम उतार चढ़ाव का भी सामना करना पड़ेगा। जबकि चेतन के इन्वेस्टमेंट में उतार चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलेगा। और रिस्क लेना तो अपने हाथ में है कि आप कितना रिस्क लेना चाहते हो।
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Conclusion
तो दोस्तो, दो चीजें जो हमने स्टोरी से सीखी उसे मैं क्लियर करना चाहूंगा। वो ये है की म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट का सबसे आसान और कम पैसों से शुरू करने वाला तरीका है। लेकिन इसमें कौन सा म्यूचुअल फंड आप सेलेक्ट करें, यह पूरी तरह से आपके ऊपर डिपेंड करता है। दूसरी बात जैसा कि हमने देखा कि हम जितना अपनी इन्वेस्टमेंट को लंबे टाइम के लिए करते हैं, कंपाउंडिंग का बेनिफिट उतना ही ज्यादा हमें देखने को मिलता है। तो अगर इन्वेस्टमेंट करना है तो मेरी सलाह है कि कम से कम 10 साल तो करना ही है। क्योंकि Warren Buffett भी कहते हैं
"If you are not thinking to hold an investment for 10 years, don't even think about holding it for 10 minutes".
तो दोस्तों आशा करता हूँ इस आर्टिकल से आपको कुछ ज्ञान मिला होगा। तो मिलते हैं दोस्तों अपने अगले आर्टिकल में ,तब तक के लिए नमस्कार। जय हिन्द।