Finance In Hindi : नमस्कार दोस्तों , स्वागत है आपका एक बार फिर से हमारी वेबसाइट The Comprehensive Minds पर। दोस्तों आर्टिकल को आगे बढ़ने से पहले मैं चाहता हूँ की आप अशनीर ग्रोवर की नीचे दी गयी कुछ सेकण्ड्स की एक वायरल कॉल रिकॉर्डिंग सुनिए ।
दोस्तों ,यहां पर Kotak Mahindra बैंक के इम्प्लाई को गालियां दी जा रही है और उनका एनकाउंटर करवाने की धमकियां भी दी जा रही हैं। इस कॉल के पीछे की स्टोरी ये है कि Ashneer Grover को NYKAA IPO के शेयर खरीदने थे और इसके लिए वह Kotak से 500 करोड़ का एक लोन लेने वाले थे और इसकी सारी फॉर्मेलिटीज भी पूरी हो गई थी।
बिल्कुल लास्ट मूमेंट में Kotak ने इस loan को कैंसिल कर दिया और Ashneer को करोड़ों का नुकसान हो गया। जिसके बाद allagedly उन्होने कॉल में गालियां दी और कोटक को लीगल नोटिस भी भेज दिया। सवाल ये उठता है कि एक मिलेनियर होते हुए भी Ashneer शेयर खरीदने के लिए बैंक से लोन क्यों ले रहे थे।
दरअसल यहां पर Ashneer लोन ले के और भी ज्यादा पैसे कमाने और अमीर बनने की प्लानिंग कर रहे थे और financing में इसे Leveraging कहा जाता है। यहां अगर NYKAA के शेयर की वैल्यू अपने खरीदे हुए प्राइस से एक पर्सेंट भी बढ़ती तो लोन की वजह से उन्हें 1% ऑफ फाइव हंड्रेड करोड़ जो होता है , 5 करोड़ का प्रोफिट उन्हें मिल जाता। इस कॉन्सेप्ट को हम आगे डिटेल में समझेंगे।
अब हममें से कई लोग ये सोचते होंगे कि लोन लेना तो एक बेकार आइडिया है और भला लोन लेकर कोई पैसे कैसे कमा सकता है। बट हम ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि हममें से ज्यादातर लोग ये नहीं जानते कि दुनिया के रिचेस्ट लोग अमीर बनने के लिए सबसे ज्यादा लोन का ही इस्तमाल करते हैं।
पर हमारे लिए ये भी जानना जरूरी है कि ज्यादातर इंडियन लोन लेने से डरते क्यों हैं? और क्या रीजन है कि मिडिल क्लास लोग loan को negative way में देखते हैं। इसे समझने के लिए इस डेटा को देखें।
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यहां पर पर्सनल लोन सबसे ज्यादा पॉपुलर है और इसके साथ ही आज ज्यादातर भारतीय car loan और credit card loans भी ले रहे हैं और ये सारे लोन Bad Debt की कैटेगरी में आते हैं। जिसका मतलब है कि हम ये लोन लेकर लायबिलिटीज खरीद रहे हैं, जिसके बदले हमारी कोई इनकम जनरेट होती ही नहीं। उल्टा इसके लिए हमें हमारी जेब से एडिशनल पैसे खर्च करने पड़ते हैं। उदहारण के लिए एक रीसेंट सर्वे के अकॉर्डिंग आज हर 5 में से 1 इंडियन अपने ट्रैवल के बिल पे करने के लिए personal loan ले रहे हैं।
और 10% भारतीय तो अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड के बकाया भरने के लिए लोन ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अमीर लोग लोन लेकर अपने लिए कोई बंगलो या कार नहीं खरीदते हैं। बल्कि इस लोन से वो Assets खरीदते हैं जिससे वो और ज्यादा अमीर बन पाएं।
कर्ज लेकर करोड़ो कैसे कमाते हैं |Loan Hacks to Become Rich| | Finance In Hindi
उदहारण के लिए loan पे लिए हुए पैसों को real estate, stocks या बिजनेस में लगाते हैं, जिससे उन्हें अपने लोन की EMI से ज्यादा रिटर्न मिलते हैं। Infact हर अमीर इंसान काफी सारे लोन लेकर ही आज अमीर बने हैं और ये मेरा नहीं CRED के फाउंडर कुनाल शाह का मानना है।
पर यहाँ डिफरेंस यही है कि ये सारे loans Good debt की कैटेगरी में आते हैं, जिसे ऐसेट्स में या फिर उस बिजनेस को बढ़ाने के लिए निवेश किया जाता है ताकि वो हजारों करोड़ों रुपए के प्रॉफिट कमाए। अब हममें से कई लोग सोचते होंगे कि:
पहला, हम जैसे मिडल क्लास लोगों को ऐसे इन्वेस्टमेंट करने के लिए भला पैसे कौन देगा?
और दूसरा ,अगर हमें लोन मिल भी जाता है तो एक आम आदमी की Risk Taking Ability होती कितनी है। वो लोन वाले पैसों को ऐसी जगह लगाने का रिस्क कैसे ले जहां पर पूरे पैसे डूबने के चांसेस हैं और ये पॉइंट एकदम ठीक भी है।
किसी भी आम मिडिल क्लास आदमी को Ashneer Grover की तरह 500 करोड़ का लोन कोई भी नहीं देगा। ना ही उसे कोई रियल स्टेट या किसी बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए लोन आसानी से मिलने वाला है। और इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यही है कि हम स्टार्टिंग में वहां से शुरू करें जहां पर बहुत ही कम पैसे लगा के हमें ज्यादा ग्रोथ मिल सके।
बेशक वो शुरूआत कितनी ही छोटी क्यों ना हो और कुछ ऐसा ही इन नॉर्मल मिडिल क्लास लेडीज ने आज से 60 साल पहले किया है।
इन्होने 1600 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी और वो भी बिना किसी एजुकेशन और बिना किसी बिजनेस एक्सपीरियंस के वो भी अपने घर की छत से शुरू करके। हम बात कर रहे हैं लिज्जत पापड़ की, और इनके फाउंडर ने पहले दिन सिर्फ चार पैकेट बेचे थे और काफी कम लोगों को ये पता है कि इस कंपनी को साल 1959 में सात मिडिल क्लास गुजराती लेडीज ने शुरू किया था ताकि उनको घर चलाने के लिए कुछ एक्स्ट्रा पैसे मिल सकें।
और इसे शुरू करने के लिए उन्होने ₹80 का एक छोटा सा लोन लिया था। वही आज लिज्जत पापड़ इतना सक्सेसफुल है कि ये आलमोस्ट 50,000 लोगों को इम्प्लॉयमेंट दे रहा है और इनका Annual turnover ₹800 करोड़ से भी ज्यादा है।
ठीक इसी तरीके से 1978 में ये लड़की एक पुराना गराज रेंट पे लेती है और पूरे दिन गर्मी में यहां काम करती रहती है ताकि वो अपनी बायोटेक्नॉलजी कंपनी खोल सकें। और शुरू में तो इसे किसी ने सपोर्ट नहीं किया बल्कि उल्टा इनके साथ कोई काम करने के लिए भी रेडी नहीं था।
और फाइनली एक रिटायर्ड कार मकैनिक को इन्होने हाथ जोड़ के मनाया और वो भी काम करने के लिए इसलिए रेडी हुआ क्योंकि उसे कहीं और जॉब नहीं मिल रही थी। यहां पर हम कोई और नहीं बल्कि Biocon की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ की बात कर रहे हैं , जो ये भी बताती हैं कि कैसे 25 साल की उम्र में जब उन्होंने Biocon स्टार्ट किया तो उनके बैंक अकाउंट में सिर्फ ₹10 लाख थे और कोई भी बैंक उन्हें loan देने के लिए तैयार नहीं था।
लेकिन बहुत ही मुश्किलों के बाद किरण मजूमदार शॉ ने बायोकॉन को ग्रो किया और आज बायोकॉन 30,000 करोड़ की कंपनी है और हाल ही में उन्होंने अपना बिजनेस एक्सपैंड करने के लिए 1.2 बिलियन डॉलर का लोन लिया। यानी 10,000 करोड़ रुपए का लोन।
और ठीक इसी तरीके से जब हम अपना बिजनेस स्टैब्लिश करके अच्छी खासी वेल्थ क्रिएट कर लेते हैं तो हम लोन लेके ज्यादा से ज्यादा पैसे बना सकते हैं, जिसे Financial Leveraging कहा जाता है। Financial Leverage को हम आसान भाषा में एग्जांपल से समझते हैं।
मान लीजिए की आपके पास ₹2 लाख हैं और आपको किसी बिजनेस में 20% की growth opportunity दिखाई देती है। अब अगर हम ₹2 लाख इस बिजनेस में लगाते हैं तो उसका 20% हुआ ₹40,000 और इतना हमें रिटर्न मिलेगा।
वही पर अगर हम 8% के इंटरेस्ट रेट पर ₹18 लाख का एक लोन लेते हैं और इसमें अपने 2 लाख भी ऐड करके इसी बिजनेस में इनवेस्ट करते हैं, तो हमें 20% of 20 लाख= यानी ₹4 लाख का रिटर्न मिलेगा और इस 18 लाख के लोन पर हमें 1 लाख 44 हज़ार का इंटरेस्ट पे करना पड़ेगा। यह इंटरेस्ट पे करने के बाद भी हमें ढाई लाख रुपए का एक्स्ट्रा प्रॉफिट हो रहा है और इसी को Financial Leveraging कहा जाता है।
बेसिकली इसमें हमने अपनी कैपिटल को मैक्सिमम करने के लिए लोन का इस्तेमाल किया है, ताकि हम एक बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट कर सकें और इस पर हमें ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिले। लेकिन इसमें रिस्क भी बहुत ज्यादा है। अब हम चार ऐसे तरीके देखते हैं जिससे अमीर लोग पैसों को लेवरेज करके और भी ज्यादा अमीर बनते हैं।
1. Investing in Commercial Properties
इसमें हम रेंटल इनकम earn कर सकते हैं। इसकी एक बहुत ही इंस्पायरिंग स्टोरी है। इमैजिन कीजिए एक इन्सान है जिसकी ₹5,000 की सैलरी है और वो एक छोटी सी दुकान में हेल्पर का काम कर रहा है और वह इस तरीके को यूज करता है तो उसे आज कितना रेंट मिलता होगा? ₹50,000, ₹1 लाख नहीं। 2021 में इन्हें 769 करोड़ का रेंट मिला है।
Infact इन्हे सिर्फ एक बिल्डिंग से ₹4 करोड़ पर month का रेंट मिलता है। इनका नाम है बिजय अगरवाल जो कि एक Sattva Group नाम की रियल एस्टेट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और इनकी खुद की नेटवर्थ चार हज़ार करोड़ से भी ज्यादा की है।
और अगर हमें भी लोन लेकर ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट या rental income कमानी है तो हम उन प्रॉपर्टीज को खरीद सकते हैं, जो अपनी एक्चुअल वैल्यू से काफी कम प्राइस में बिक रही हैं और इसे करने का तरीका Garry Kellar ने अपनी बुक Millionaire Real Estate Investor में बताया है।
बेसिकली वह बताते हैं कि कई प्रॉपर्टीज हैं, जो फैमिली डिस्प्यूट, फैमिली इमरजंसी या फिर लोन प्रॉब्लम के चलते काफी डिस्काउंटेड प्राइस में बिक जाती हैं और हमें ऐसी ही प्रॉपर्टीज को ढूंढना है। उदहारण के लिए आज गोवा की जो प्रॉपर्टी प्राइस की ग्रोथ है और रेंटल यील्ड है, वो बहुत ज्यादा है और अगर हम इंटरनेट में जाकर देखे तो हमें यहां गोवा की वह सारी प्रॉपर्टी दिखेगी, जिसके ओनर loan repay नहीं कर पा रहे।
सो, बैंक इन प्रॉपर्टीज को काफी सस्ते प्राइस में ऑक्शन करता है। और as a thought experiment मान लीजिये की हम 10 लाख का डाउनपेमेंट करके ₹70 लाख का एक लोन लेते हैं और इस प्रॉपर्टी को खरीद लेते हैं, रेनोवेट करते हैं तो इसकी वैल्यू 20 से 30 लाख से ज्यादा की तो हो जाएगी और हम इससे हर महीने अपनी लोन की EMI से ज्यादा rental income earn कर सकते हैं। और इसके साथ ही अगर घर का प्राइस पाँच छह साल में बढ़ जाता है या डबल के आसपास हो जाता है तो ये लोन एक good debt कहलाएगा ना कि bad debt ।
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देखिए रियल स्टेट में oppurtunities इतनी ज्यादा है कि billiniores भी लोन ले के रियल स्टेट इनवेस्टिंग से पैसा कमाते हैं। जैसे कि Elon Musk ने पिछले कुछ सालों में कैलिफोर्निया में सात प्रॉपर्टीज खरीदी, जिसके लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया और हाल ही में उन्होंने इन सभी प्रॉपर्टीज को सेल कर दिया, जिसमें उन्हें 25 मिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ।
इस प्रोसेस को फॉलो करने के लिए एक कंडीशन हमेशा सही होनी चाहिए कि हम वो प्रॉपर्टीज खरीद पाये , जिनकी रेंटल इनकम और market value की ग्रोथ रेट हमारी EMI की इंटरेस्ट रेट से ज्यादा हो। और दूसरी जरुरी बात, अगर शुरू में हमारी रेंटल इनकम मंथली EMI से कम भी होती है, तो भी हमारी इतनी कैपेबिलिटी होनी चाहिए कि हम इस सिचुएशन को मैनेज कर पाएं।
2. Investing
इसमें आइडिया यह है कि हम लोन ले के किसी हाई ग्रोथ पोटेंशियल वाले स्टॉक में इन्वेस्ट करें, जिसमें हमें ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट मिल सके। और जैसा कि मैंने आर्टिकल की शुरू में बताया था की Ashneer Grover भी इसी रीजन से लोन लेकर NYKAA के IPO में इनवेस्ट करना चाहते थे।
इनफैक्ट अपनी बुक दोगलापन में वह बताते हैं कि उन्होंने Leveraging का इस्तेमाल किया और बैंक से 95 करोड़ का लोन लिया। और इस लोन के पैसों को Ashneer Grover ने जोमैटो के आईपीओ में इनवेस्ट किया। और हममें से ज्यादा लोग शायद बिलीव नहीं करेंगे कि यह इन्वेस्टमेंट इतनी सक्सेसफुल हुई कि अश्वनी ने सिर्फ आठ मिनट में 2.25 करोड़ रुपए कमा लिए और वो भी लोन का इंटरेस्ट पे करने के बाद।
और शायद कॉल रिकॉर्डिंग में Ashneer Grover का इतना गुस्सा होने की वजह भी यही है कि NYKAA के IPO के शेयर ऑलमोस्ट 80 % गेन के साथ लिस्ट हुए थे और अगर उन्हें टाइमली लोन मिल जाता तो उनके पैसे ऑलमोस्ट डबल हो जाते।
बड़े लोन लेकर इन्वेस्टिंग करने में जितना ज्यादा प्रोफिट है इसमें रिस्क भी उतना ज्यादा है। और तो जहां Ashneer Grover जैसे इनवेस्टर्स के पास millions of dollar की वेल्थ है, वहीं दूसरी तरफ हम जैसे मिडिल क्लास इन्वेस्टर अगर थोड़ी बहुत वेल्थ घटा कर भी लेते हैं, तो भी हम लोन लेकर स्टॉक मार्केट जैसी रिस्की जगह निवेश नहीं कर सकते, क्योंकि हममें से ज्यादा लोगों को नॉलेज भी कम है और साथ में चांसेज भी यही हैं कि इसमें हमारे सारे पैसे डूब जाएंगे।
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3. Leveraging
पर अगर हम रियल स्टेट और स्टॉक की उतनी नॉलेज नहीं रखते हैं तो हम Leveraging का इस्तमाल अपने बिजनेस प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं और इसमें दो तरीकों से हम लोन ले के अपने बिजनेस को expand कर सकते हैं।
पहला तरीका यह है कि जैसे हाल ही में मुकेश अंबानी ने पाँच बिलियन डॉलर का एक लोन लिया जो अब तक की हिस्ट्री में इंडिया का सबसे बड़ा कॉरपोरेट लोन है।
बेसिकली उन्होंने ये लोन अपने बिजनेस को एक्सपैंड करने के लिए और पूरे देश में 5G नेटवर्क को बढ़ाने के लिए लिया है। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन और फाउंडर अनील अग्रवाल भी ये बताते हैं की कैसे जब वो अपना माइनिंग बिजनेस grow करना चाहते थे तो उन्हें कोई 50 लाख का लोन भी नहीं दे रहा था।
तो अनील अग्रवाल जी ने धीरुभाई अंबानी जी को अप्रोच किया और उन्हें एक पार्टी में बुलाकर उस बैंक के मैनेजर से मिलवाया। जिसके बाद वो बैंक मैनेजर इतना impressed हो गया की उन्होने अनिल अग्रवाल जी को 50 लाख का लोन दे दिया।
और आज वेदांता ग्रुप इंडिया की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी में से एक है। और अनिल अग्रवाल जी खुद एक बिलेनियर हैं जो अगर हमें अपने हाल के बिजनेस में स्कोप दिखता है और अगर हमे इसमें लोन के इंटरेस्ट रेट से डबल एवं ट्रिपल वाली ग्रोथ opportunity दिखती हैं तो हम भी लोन लेकर अपने बिजनेस को एक्सटेंड कर सकते हैं।
आइये इस पे एक thought experiment करते हैं। अगर हमारा एक रेस्ट्रों का बिजनेस है जिसकी ग्रोथ बहुत ही अच्छी है। इतनी अच्छी की किसी दूसरे टाउन या एरिया में भी हमारे लिए डबल ग्रोथ opportunity है तो सिर्फ ऐसी सिचुएशन में हम अपना लोन लेके उस पर्टिकुलर टाउन एरिया में अपने रेस्टोरेंट की एक और ब्रांच खोल सकते हैं ताकि हम इस growth opportunity का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले।
दूसरा तरीका , एक बार अगर हमारा एक पर्टिकुलर बिजनेस well established और सक्सेसफुल हो जाता है तो हम loan लेके किसी दूसरे बिजनेस में भी पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं या फिर उन्हें पूरी तरह से खरीद भी सकते हैं। इस प्रोसेस को Leverage Buyout कहा जाता है।
कई बिलेनियर्स इसे यूज करके दूसरे प्रॉफिटेबल कंपनीज को acquire करते हैं । उदहारण के लिए ,गौतम अदानी को जब सीमेंट इंडस्ट्री में ग्रोथ दिखी तो उन्होंने खुद का बिजनेस नहीं खोला, बल्कि उन्होंने एसीसी और अंबुजा सीमेंट को एक्वायर करने का प्लान बनाया और इसके लिए उन्होंने 32,000 करोड़ का लोन लिया।
अब स्मॉल बिजनेस ओनर्स उतना बड़ा लोन नहीं ले सकते। इस मेथड को समझ सकते हैं और शायद कभी सही टाइम आने पर छोटे स्केल में हम इस आइडिया को इंप्लीमेंट कर पाएं।
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4. Loan & Taxes
अमीर लोग लोन का इस्तमाल सिर्फ पैसे बनाने के लिए नहीं बल्कि टैक्सेज बचाने के लिए भी करते हैं। उदहारण के लिए दुनिया के सबसे रिचेस्ट लोगों में से एक Elon Musk लगभग ना के बराबर टैक्स भरते हैं। इसलिए इलॉन मस्क अपनी कंपनी से कोई सैलरी नहीं लेते बल्कि इसके बदले वो अपनी कंपनी के स्टॉक्स को ही as a पेमेंट एक्सेप्ट करते हैं। जिसकी ओन पेपर वैल्यू हर साल बिलियन डॉलर बढ़ती है।
क्योंकि वो इन stocks को बेचते नहीं हैं, इसलिए गवर्मेन्ट इसे इनकम नहीं मानती और इसीलिए इन्हें इस इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। इसे बेचने के बजाए वो बैंक के पास जाते हैं और उन्हें कहते हैं कि मुझे मेरे स्टॉक्स के बदले कम इंटरेस्ट वाला एक लोन दे दो ताकि मैं अपने खर्चे चला सकूं और क्योंकि उनके शेयर की वैल्यू 20 से 30 परसेंट हर साल इनक्रीज होती है तो वो बार बार अपने लोन को री फाइनेंस करते हैं।
तो बेसिकली वो आखिर में लगभग 0 tax पे करते हैं। ऊपर से ऐसे लोन पर कोई टैक्स नहीं लगता और अगर हम किसी कंपनी को own करते हैं तो हम भी ऐसे लोन ले के अपने टैक्सेस मिनिमाइज कर सकते हैं और इसे और भी कई एसेट्स खरीद सकते हैं।
Conclusion
इन कंक्लूजन इस article में हमने ये समझने की कोशिश की कि कैसे दुनिया के सबसे अमीर लोग loan लेके ही अमीर बनते हैं और कैसे वो अपने पैसे को लेवरेज करके और भी ज्यादा पैसे कमाते हैं। अगर हम मिडल क्लास इंडियंस की बात करें तो हममें से ज्यादातर लोग लोन लेके ऐसी इन्वेस्टमेंट करने का रिस्क नहीं ले सकते।
ज्यादा से ज्यादा या तो हम लोन का इस्तेमाल करके खुद का बिजनेस स्टैब्लिश कर सकते हैं या फिर हम इसमें छोटे मोटे कमर्शल प्रॉपर्टीज ले सकते हैं। इससे ज्यादा रिस्क लेने के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि हमारे पास उतनी नॉलेज नहीं और हां, उतनी रिस्क कैपेबिलिटी भी नहीं।
इसलिए मेरे ओपिनियन में सबसे पहले तो हमें खुद को एजुकेट करना चाहिए और बाद में थोड़ी बहुत इन्वेस्टमेंट करके अपने कम पैसों में मिस्टेक्स कर लेनी चाहिए ताकी बड़ा रिस्क लेके बड़ा धमाका ना करें।
फाइनली सबसे इंपॉर्टेंट बात Leveraging बहुत ही इम्पोर्टेन्ट कॉन्सेप्ट है लेकिन ये धमाका भी है जो सिर्फ हमारे ऊपर भी चल सकता है। तो दोस्तों अंत तक आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद। आशा करता हूँ आपको हमारे इस आर्टिकल से कुछ न कुछ वित्तीय ज्ञान मिला होगा।
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