Finance In Hindi: दोस्तो, पैसों को सही तरीके से मैनेज करना एक कला है। यह आपकी स्मार्टनेस या इंटेलिजेंस पर डिपेंड नहीं करती, बल्कि पैसों के साथ आपका रिलेशन और बिहेवियर कैसा है, इस बात पर निर्भर करती है। आपने यह अक्सर देखा होगा कि लाख गुना जीनियस होने के बाद भी एक आदमी अपना सारा पैसा गवा देता है।
वहीं दूसरी ओर एक अनपढ आदमी जिसने कभी स्कूल या कॉलेज भी नहीं देखा , वह शहर या देश का सबसे अमीर इंसान बन जाता है। पर ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब है मनी के साथ आपका रिलेशन कैसा है? उसकी वजह से इसे फाइनेंस की लैंग्वेज में Psychology of Money भी कहते हैं।
दुनिया के जाने माने लेखक और financial investor Morgan Housel ने पैसों के साथ रिलेशनशिप पर एक बुक लिखी है, जिसका टाइटल है The Psychology of Money। इस बुक के थ्रू Morgan Housel ने ऐसे कई सारे सबक बताए हैं जो रिएलिटी में एक अमीर इंसान बनने के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं। इन lessons या सबक के बारे में जानने के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढियेगा । तो चलिए शुरू करते हैं आज के यह 5 lessons .
1. Don't Waste Your Money
लेखक Morgan Housel सबसे पहले जिस lesson के बारे में बात करते हैं वह है don't waste your money. लेखक बताते हैं कि अपने स्ट्रगल के दिनों में वे एक होटल में काम किया करते थे। उस होटल में एक कस्टमर था, जो रेगुलरली आया करता था। वह पेशे से एक टेक्नोलॉजी एग्जिक्यूटिव था। उसने अपनी यंग एज में ही बहुत सारा पैसा कमा लिया था।
लेकिन दिक्कत यह थी कि पैसों के साथ उसका रिलेशन बहुत ही खराब था। वह पैसे की बिल्कुल भी कद्र नहीं करता था। वह हर समय अपने पास नोटों के बंडल लेकर घूमता और शराब के नशे में धुत रहता। वह जहां भी जाता, हर जगह अपने पैसे और अमीर होने का दिखावा करता रहता।
हद तो तब हो गई जब एक दिन उसने अपने दोस्तों को नोटों की गड्डियां पकड़ाई और कहा कि जाओ इन सभी को गोल्ड क्वाइंस में कन्वर्ट करके लेकर आओ। जब उसके दोस्त उन पैसों को गोल्ड क्वाइंस में कन्वर्ट कराकर लेकर आए तो उसने डिसाइड किया चलो अब हम सभी समुद्र के किनारे चलते हैं। और वहां पर पहुंचकर उस व्यक्ति ने एक गेम शुरू कर दिया कि जो इन गोल्ड कॉइन को समुद्र में ज्यादा दूर तक फेंक देगा वह आज के इस गेम का विनर माना जाएगा।
लेखक कहते हैं कि जिस भी व्यक्ति का मनी के साथ ऐसा रिलेशन है, फिर चाहे वह दुनिया का सबसे इंटेलिजेंट, स्मार्ट और अमीर व्यक्ति ही क्यों न हो, एक ना एक दिन वह दिवालिया हो ही जाएगा।
दूसरी तरफ लेखक रोनाल्ड जेम्स नाम के व्यक्ति की स्टोरी बताते हैं, जो अमेरिका के एक गांव में रहने वाला साधारण सा व्यक्ति था। उसने अपनी लाइफ के 7 साल तक एक स्वीपर और 25 साल तक एक गैस स्टेशन पर मैकेनिक के रूप में काम किया।
लेकिन जब 92 की उम्र में उस व्यक्ति की मृत्यु हुई तो उसके चर्चे अमेरिकन मीडिया में ही नहीं बल्कि पूरे वर्ल्ड में थे। इसका रीजन यह था कि मरते समय रोनाल्ड जेम्स के पास ₹58 करोड़ की संपत्ति थी जिसमें से 43 करोड़ रुपए की उसने मरने से पहले चैरिटी कर दी थी और बाकी के ₹15 करोड़ अपने बच्चों के लिए छोड़ गया था।
जब इस केस के बारे में अमेरिकन इंस्टीट्यूशन के द्वारा छानबीन की गई तो पता चला कि रोनाल्ड को फाइनेंस की कोई नॉलेज न होते हुए भी उसने अपना पैसा ब्लूचिप फंड्स में इन्वेस्ट किया था और इतने समय के बाद power of compounding की वजह से उसका यह छोटा सा इन्वेस्टमेंट इतने बड़े अमाउंट में कन्वर्ट हो गया।
लेखक कहते हैं कि यह आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आप मनी के साथ कैसा रिलेशन रखते हैं। रोनाल्ड जेम्स जैसा या फिर उस टेक्नोलॉजी एग्जीक्यूटिव जैसा जो पैसे की बिल्कुल भी कद्र नहीं करता। आपकी इसी साइकोलॉजी से डिसाइड होता है कि आप अमीर बने रहेंगे या नहीं। जरूरी नहीं है कि आपके पास फाइनेंस की सारी टेक्निकल नॉलेज हो, तभी आप एक अमीर और सक्सेसफुल इंसान बन सकते हैं। आप अपने कॉमन सेंस और पैसे के प्रति अपने रवैये को बदल कर भी एक अमीर और सक्सेसफुल पर्सन बन सकते हैं।
2. No One is Crazy
लेखक Morgan Housel जिस दूसरे lesson या सबक के बारे में बात करते हैं, वह है नो वन इज क्रेजी। वह इसे एक एग्जांपल के थ्रू समझाने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि क्या आपको पता है कि अमेरिका में आज भी ऐसे कई लोग हैं जो बहुत ही कम पैसे कमाते हैं और अपने सारे पैसे लॉटरी खरीदने में खर्च कर देते हैं, क्योंकि उनका सपना है कि एक दिन उन्हें अमीर बनना है।
अब यह आपको सुनने में बहुत ही अजीब लग सकता है और आपमें से कुछ लोग तो यह भी सोच रहे होंगे कि यह कैसे पागल लोग हैं। उस पैसे से अपनी जरूरत की चीजों को न खरीदकर लॉटरी टिकट को खरीद रहे हैं और अमीर बनने का ख्वाब देख रहे हैं।
लेकिन यदि बात उनके perspective की की जाए तो इन लॉटरी टिकट को खरीदने वाले लोगों का कहना है कि उनकी यह इनकम इतनी कम है कि उसमें वे अपनी डेली यूज की चीजें तक नहीं खरीद पाते। ऐसे में खुद का घर, गाड़ी, अच्छी एजुकेशन, लग्जरी यह सब उनकी हैसियत से बहुत आगे की चीज है। इसलिए उन्हें लगता है कि लॉटरी ही उनको जल्द से जल्द अमीर बनाने की आखिरी उम्मीद है।
लेखक कहते हैं कि इस दुनिया में जितने भी लोग हैं, फिर चाहे वह गरीब हो, मिडिल क्लास हो या फिर सबसे अमीर व्यक्ति हो, कोई भी अपने फाइनेंशियल डिसीजन excel sheet में एनेलिसिस करते हुए नहीं लेता। सारे ही लोग अपने डिसीजन उस टाइम की सिचुएशन और इमोशन से प्रभावित होकर लेते हैं।
ऐसा जरूर हो सकता है कि उस समय जो डिसीजन आपने लिया हो वह मुझे गलत लगे और जो डिसीजन उस समय मैंने लिया हो वह आपको गलत लगे। लेकिन किसी की भी फाइनेंशियल सक्सेस इस बात पर डिपेंड करेगी कि हम अपनी सिचुएशन और इमोशंस के ऊपर कंट्रोल रखते हुए अपने पैसे को कितना यूजफुल बना पाएं और उसे कितनी हद तक मैनेज कर पाएं।
3. Never Enough
लेखक जिस तीसरे lesson या सबक के बारे में बात करते हैं, वह है नेवर इनफ , यानी कि अपनी इच्छाओं को बढ़ाते रहना और कम में ही संतुष्ट न हो जाना बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन साथ ही साथ एक लिमिट को डिसाइड करना भी बहुत जरूरी होता है।
क्योंकि money के साथ प्रॉब्लम यह है कि यदि आप हर समय उसके बारे में सोचना शुरू कर देंगे और हमेशा उसे ग्रो करने का तरीका ढूंढने लगेंगे तो कब आपकी इच्छा लालच में कन्वर्ट हो जाएगी यह आपको पता भी नहीं चलेगा और साथ ही साथ यह आपकी मेंटल हेल्थ पर भी निगेटिव असर डालना शुरू कर देगा।
लेखक इस lesson को और अच्छे तरीके से समझाने के लिए कोलकाता में रह रहे रजत गुप्ता की लाइफ का एग्जांपल लेते हैं। वे कहते हैं कि रजत बचपन से ही अनाथ थे, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने 40 की उम्र में ही एक बड़ी कंपनी के सीईओ का पद प्राप्त किया। उनके पास 2008 के दौरान कुल 100 मिलियन डॉलर थे, जिसे वह चाहते तो बैंक में रखकर इंटरेस्ट इनकम के जरिए बैठे बैठे कुछ समय में ही ₹10 लाख कमा सकते थे।
लेकिन रजत को लगता था कि अभी भी उनके पास इनफ मनी नहीं है। अभी उनको और ज्यादा अमीर बनना है। उस वक्त वे गोल्डमैन इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी के डायरेक्टर थे। उनके पास इतना पैसा होने के बावजूद वह लालच में आ गए और उन्होंने ज्यादा पैसा बनाने के लिए गैरकानूनी रास्ते अपनाना शुरू कर दिए।
वे जब भी उनकी कंपनी की बोर्ड की मीटिंग होती तो उसमें प्रेजेंट रहते और जैसे ही मीटिंग खत्म होती, वे बाहर जाकर मीटिंग के सीक्रेट डिसीजंस को लोगों को जाकर बेच देते। ऐसा काफी लंबे समय तक चलता रहा। लेकिन जब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को यह बात पता चली तो उन्होंने रजत के खिलाफ केस कर दिया। जल्द ही कार्यवाही हुई और उन्हें दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर दिया।
लेखक रजत के इस उदहारण से हमें बताने की कोशिश कर रहे हैं कि फाइनेंशियल गोल्स को सेट करना, उनको पाने के लिए मेहनत करना और अंत में उन्हें पा लेना बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन अपनी भूख को बढ़ाते जाना और उसे ऐसे लालच में कनवर्ट कर लेना कि आपको फील ही न हो कि आपके पास काफी पैसा है और ज्यादा पैसा बनाने के लिए गैरकानूनी तरीके का सहारा लेना आपकी फाइनेंशियल लाइफ के साथ साथ आपकी सोशल लाइफ को भी बर्बाद कर देगा।
ऐसा कई लोगों के साथ हुआ है। फिर चाहे वह रजत गुप्ता हो या फिर स्कैम 1992 में हर्षद मेहता। इसलिए जल्द से जल्द यह डिसाइड कर लेना बहुत ही जरूरी है कि कितना पैसा आपके लिए इनफ है, कितने पैसे में आपको संतुष्टि मिल सकती है और साथ ही साथ एक बेहतर लाइफस्टाइल भी।
4. Power of Compounding
चौथा लेसन है द कंपाउंडिंग ऑफ मनी। दोस्तों हमने ऑलरेडी Compounding के ऊपर पहले ही एक विस्तृत आर्टिकल लिख रखा है आप उसे यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं। दोस्तों ,लेखक कहते हैं कि एक रिच, सक्सेसफुल और वेल्दी व्यक्ति बनने के लिए यह बहुत ही जरूरी है कि आप power of compounding को समझें।
यही वह पावर है, जिसने दुनिया के ज्यादातर व्यक्तियों को अमीर बनाया है। इसका सबसे अच्छा एग्जाम्पल है दुनिया के जाने माने इन्वेस्टर Warren Buffett। वे एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो कंपाउंडिंग के मैजिक और पावर को बहुत छोटी सी उम्र में ही समझ गए थे। यही कारण है कि जिस उम्र में बाकी बच्चों को पैसे की समझ तक नहीं होती, उस उम्र में वॉरेन ने इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया था। इसी का नतीजा है कि आज उनके पास 117 बिलियन डॉलर से ज्यादा की नेटवर्थ है।
यह बहुत ही जरूरी है कि आप भी इस मैजिक को जल्द से जल्द समझने की कोशिश करें और अपने इन्वेस्टमेंट करने के तरीके में कंसिस्टेंसी लेकर आएं ताकि जल्द से जल्द आप रिटायरमेंट लेकर फाइनेंशियली फ्री हो जाएं और अपनी लाइफ को अच्छे और बेहतर तरीके से इंजॉय कर पाएं।
कंपाउंडिंग अपने अंदर इतनी ताकत रखता है कि आपके छोटे से छोटे इन्वेस्टमेंट से भी वह आपको एक दिन दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बना सकता है। बस शर्त यह है कि आपको वह छोटा अमाउंट लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना होगा। तो आप भी जल्द से जल्द इन्वेस्टमेंट करना शुरू कीजिए। क्योंकि जितना जल्दी आप कंपाउंडिंग के थ्रू इन्वेस्टमेंट करना शुरू करेंगे, आपका पैसा भी उतना ही अधिक ग्रो करना शुरू हो जाएगा।
5. Getting Rich Versus Staying Rich
पांचवां और आखिरी lesson है गेटिंग रिच वर्सेस स्टेइंग रिच।लेखक कहते हैं कि मॉर्डन टाइम में ऐसे कई तरीके हैं जिससे दुनिया का कोई भी व्यक्ति अमीर बन सकता है। लेकिन प्रॉब्लम अमीर बनने में नहीं है। अमीर बने रहने में है। अमीर बनना तो बहुत आसान है, लेकिन अमीर बने रहना बहुत ही मुश्किल।
हमेशा के लिए अमीर बने रहना एक कला है जो हर व्यक्ति नहीं समझ पाता। अक्सर ज्यादातर लोग पैसे आने के बाद से ही फिजूलखर्च करना शुरू कर देते हैं। एक्सपेंसिव आइटम्स खरीदना, लग्जरी जुटाना और सबसे अमीर दिखने के लिए आउटफिट्स और कार पर दुनिया भर का पैसा खर्च करना शुरू कर देते हैं। वे अमीर दिखने की कोशिश में अपनी लाइफस्टाइल को जितना हो सकता है, उतना खर्चीला बना लेते हैं।
जबकि जो असली में अमीर व्यक्ति होते हैं, वे अपनी लाइफस्टाइल को बड़े ही सरल और सिंपल तरीके से व्यतीत करते हैं। वे रिच दिखने में नहीं, बल्कि रियेलिटी में रिच होने में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि अमीर तो बहुत से लोग बनते हैं, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो आजीवन अमीर बने रह पाते हैं। इसके लिए जरूरी होता है डिसिप्लिन बनाए रखना और पैसों को लेकर अपनी साइकोलॉजी में बदलाव करना।
पैसों को लेकर अगर आपकी सायकोलॉजी यह है कि पैसा तो होता ही है खर्च करने के लिए है तो आप ज्यादा टाइम तक अमीर नहीं रह पाएंगे। इसलिए बहुत जरूरी है कि पैसे के प्रति अपने रवैये को बदलें। मनी के साथ अपने रिलेशन को बेहतर करें और खर्च करने से पहले पैसे को सेव करना सीखें।
किसी भी सिचुएशन में सर्वाइवल के लिए आपके पास सेविंग का होना जरूरी है। फिर चाहे आप कितने ही गरीब हो या कितने ही अमीर। इमरजेंसी के टाइम पर सेविंग ही है जो आपको हेल्प करेगी। low से low इनकम और हाई से हाई इनकम वाले व्यक्ति के पास एक Savings ही होती है जो उसे अमीर बनाने और हमेशा अमीर बने रखने में मदद करती है। इसलिए हमेशा उन्हीं चीजों पर खर्च करें जिनकी आपको बहुत ज्यादा जरूरत हो और फालतू के सभी प्रकार के खर्चों से दूर ही रहें तो अच्छा है।
जरूरी नहीं है कि आप अमीर है तो आपको मार्केट का हर ट्रेंड फॉलो करना ही है। इसका सबसे अच्छा एग्जाम्पल है खुद Warren Buffet। जहां आज के जमाने में हर व्यक्ति को लग रहा है कि उसके पास आईफोन है तो वह अमीर व्यक्ति है, और लोगों में होड़ लगी हुई है महंगे से महंगा फोन खरीदने की।
वहीं दूसरी ओर वारेन बफे है जो आज भी इतना पैसा होने के बावजूद भी एक सिंपल सैमसंग का पुराना कीपैड वाला फोन यूज कर रहे हैं। क्योंकि उनका मानना है कि उन्हें आईफोन की कोई जरूरत ही महसूस नहीं होती तो वे क्यों उसे खरीदें और यूज करें। यही फर्क है रिच होने और रिच बने रहने वाले व्यक्तियों की साइकोलॉजी में।
Final Words
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में इतना ही आशा करते हैं आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। और अगर आपको हमारा इस आर्टिकल से किसी भी प्रकार की financial knowledge मिली है तो हमारे इस आर्टिकल को अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करियेगा। धन्यवाद।