दोस्तों ,हमारे देश भारत की 58% आबादी आज भी एग्रीकल्चर यानी खेती के जरिए ही अपना जीवन चलाती है। इतना ही नहीं भारत दुनिया के Top 10 एग्रीकल्चर कंट्रीज में से एक है और भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा एग्रीकल्चर के जरिए आता है।
फाइनेंशियल ईयर 2020 में एग्रीकल्चर, फार्मिंग और फिशिंग का इंडिया के GVA (Gross Value Added) में कंट्रीब्यूशन 19.48 लाख करोड़ रुपये का रहा था और आने वाले समय में यह तेजी से बढ़ रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में एग्रीकल्चर और फार्मिंग कितना स्पीड से ग्रो करने वाला है।
ऐसे में अगर आप भी किसी तरह का एग्रीकल्चर बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हो तो आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा सबसे बेस्ट 10 agriculture business ideas जिनके थ्रू आप अच्छे खासे पैसे earn कर सकते हो। और ये आइडियाज बहुत ही सिंपल और इफेक्टिव हैं। तो आइये दोस्तों जानते हैं इन 10 buisness ideas के बारे में।
1. मशरूम फार्मिंग (Mushroom Farming)
अगर आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हो और वेजिटेरियन फूड ऑप्शन्स पूछते हो तो आपको मशरूम जरूर सुनने को मिलेगा। मशरूम की खेती हाल ही में काफी पॉपुलर हुई है और सिर्फ भारत में ही नहीं पूरे वर्ल्ड में मशरूम फेमस हो रहा है। क्योंकि मशरूम में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और तभी मशरूम वेजिटेरियन के लिए काफी अच्छा फूड है।
मशरूम की खेती सीजनल होती है। इन्हें सेप्टेम्बर ,अक्टूबर से लेकर मार्च तक उगाया जाता है यानी ठन्डे टेम्परेचर में। मशरूम को उगाने के लिए 25 डिग्री सेल्सियस से कम का टेम्प्रेचर मेंटेन करना पड़ता है।
इसलिए इस फसल को बंद जगहों पर किया जाता है या अगर आप खेत में करना चाहते हो तो आपको इन्हें धूप और गर्मी से बचाने के लिए किसी झोपड़ी में ढकना और अंदर ठंडक बनी रहे आपको ऐसा कुछ इंतजाम करना होगा।
इस मशरूम बिजनेस को आप ₹60000 से 1 लाख तक के इन्वेस्टमेंट से शुरू कर सकते हो। डिपेंड करता है कि आपकी नीड्स क्या है। इस मशरूम बिजनेस से शुरुआत में आराम से महीने का लगभग 20 हज़ार से 30 हज़ार कमा सकते हैं। डिपेंड करता है कि आप कितने ज्यादा मशरूम प्रोड्यूस कर पा रहे हो। अगर आपको यह बिजनेस करना है तो इसके बारे में आप और डिटेल में इंटरनेट से जानकारी ले सकते हो।
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2. बैम्बू फार्मिंग (Bamboo Farming)
बैम्बू यानि बांस को मेडिकल ग्रास के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल बहुत से प्रोडक्ट्स बनाने में होता है जैसे कि बांस क टूथ ब्रश, बांसुरी, पानी की बोतल, मेज, कुर्सियां यहां तक कि बैम्बू के घर भी बनाए जाते हैं।
इन शॉर्ट बैम्बू को हम लोग प्लास्टिक और लकड़ी के अल्टरनेटिव की तरह देख सकते हैं और यही रीजन है कि पिछले कुछ सालों में बैम्बू की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और डिमांड बढ़ने के कारण धीरे धीरे बहुत से लोग बांस की खेती करने की सोच रहे हैं।
बैंबू को आप किसी भी तरह की मिट्टी में उगा सकते हैं। इसका उत्पादन सबसे तेज मानसून के समय होता है, क्योंकि बांस को शुरुआत में ज्यादा पानी की जरूरत होती है। बैम्बू का एक पौधा लगभग ₹20 का आता है और पहले चार सालों में एक बांस के पौधे से लगभग 4 से 5 बैंबू निकलते हैं और मार्केट में एक बैम्बू की कीमत कम से कम ₹60 होती है।
बांस शुरू के चार सालों में धीरे धीरे बढ़ते हैं और फिर इसके बाद इनकी ग्रोथ बहुत ही ज्यादा तेजी से होती है। बांस को तीन मुख्य तरीकों से उगाया जाता है।
पहला तरीका है बांस के बीज लगाकर उगाना। हालांकि बांस के बीज मार्केट में जल्दी नहीं मिलते। दूसरा तरीका है बांस की जड़ों को खेतों में लगाना। अगर आपके आसपास कहीं बैम्बू होता है तो आप वहां से उनकी जड़ों को अपने खेत में लगाकर भी बांस उगा सकते हो। तीसरा तरीका होता है टिशू कल्चर, जिसमें बांस के पौधे को खेत में लगाया जाता है।
टिशू कल्चर ही सबसे पॉपुलर तरीका है बांस की खेती करने के लिए। शुरू में आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा, क्योंकि बांस की ग्रोथ शुरू में काफी स्लो रहती है। इसलिए काफी किसान बांस के साथ साथ दूसरी छोटी मोटी फसलों को भी लगा देते हैं ताकि उनका प्रॉफिट ज्यादा हो सके।
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3. वर्मी कम्पोस्ट फार्मिंग (Vermicompost farming)
अगले नंबर पर है वर्मी कम्पोस्ट फार्मिंग। वर्मी कंपोस्ट एक तरह की ऑर्गेनिक खाद होती है, जिसे हम अपने खेतों में डालते हैं ताकि फसल का प्रोडक्शन ज्यादा हो और किसी भी तरह के बैक्टीरिया या फंगस हमारी फसल में ना हो।
वर्मी कंपोस्ट इतना पॉपुलर इसलिए है क्योंकि ये बिल्कुल नेचुरल होता है जबकि यूरिया जैसी खाद आर्टिफीशियल होती है और जब हम यूरिया वाली फसल खाते हैं तो उससे हमारे शरीर को नुकसान होता है और कई बीमारियां भी होती हैं। इन्हीं सब समस्याओं का समाधान है वर्मी कंपोस्ट।
वर्मी कंपोस्ट की खेती मेन दो चीजों से होती है गोबर और केचुआ। इस खेती में केंचुआ गोबर को खाता है और उसे खाने के बाद वो वर्मी कंपोस्ट में बदलता है। वर्मी कंपोस्ट साधारण गोबर से 8% ज्यादा पावरफुल होता है। इसलिए वर्मी कंपोस्ट की डिमांड बहुत ज्यादा है।
वर्मी कंपोस्ट का यूज दूसरे किसान अपनी फसल में करते हैं, नर्सरी इसका इस्तेमाल करती है और बहुत सी जगह वर्मी कंपोस्ट को यूज किया जाता है। एक किसान जो इसकी खेती 25 सालों से कर रहे हैं उन्होंने बताया कि उनकी सलाना इनकम 1 करोड़ से भी ज्यादा है।
तो अगर इस हिसाब से देखें तो आप शुरू में ही अच्छी अर्निंग कर सकते हो। हमारी लिस्ट में ये बिजनेस मॉडल सबसे ईजी और इफेक्टिव है। आप इस खेती में खाद के साथ साथ केचुआ भी बेच सकते हो। आप अगर गोबर में केंचुए को डालते हो तो केंचुओं की संख्या बढ़ती जाती है तो आप खाद के साथ साथ केंचुआ भी बेचकर अच्छी अर्निंग कर सकते हो।
वर्मी कंपोस्ट की खेती की खास बात एक और यह है कि इसका कोई सीजन नहीं होता। आप 12 महीनों इसकी खेती कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया क्या होती है, ये आप इंटरनेट से डिटेल में देख सकते हैं।
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4.Sugarcane Farming
गन्ने की खेती भारत में बहुत ही ज्यादा संख्या में की जाती है। खासकर महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में। गन्ने से गुड़, चीनी, शक्कर जैसे खाने के पदार्थ बनते हैं। इसी वजह से गन्ने की खेती में बहुत ज्यादा फायदा होता है।
कुरुक्षेत्र, हरियाणा के किसान राजकुमार आर्या जो कि गन्ने की ऑर्गेनिक खेती करते हैं, उन्होंने बताया कि वह एक एकड़ में लगभग ₹8 से ₹12 लाख कमाते हैं।
वह बताते हैं कि गन्ने की खेती में सबसे महत्वपूर्ण चीज है गन्ने को पूरा पोषण देना, समय पर पानी देना और जिस मिट्टी पर गन्ना बोया है उसमें केंचुए का होना , ताकि मिट्टी ज्यादा फर्टाइल हो सके और लंबा मोटा गन्ना खेत में तैयार हो सके। गन्ने की खेती आप आसानी से शुरू कर सकते हो और अच्छा मुनाफा कमा सकते हो।
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5 डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming)
जयपुर के युवा किसान जो अभी सिर्फ 23 साल के हैं, उनका अपना एक देसी गीर नस्ल की गाय का डेयरी फार्म है, जिसमें 70 से ज्यादा गीर नस्ल की गाय है। वह बताते हैं कि वह A2 घी भी बेचते हैं। वह दूध ₹91/लीटर और घी ₹2500/लीटर बेचते हैं। तो इनकी कहानी से आप समझ सकते हैं कि दूध के बिजनेस में कितना प्रॉफिट है।
अब आपको 70 गायों की आवश्यकता नहीं है। अगर आपके पास 8 से 10 गाय या भैंस भी है तो भी आप अपना डेयरी फार्म शुरू कर सकते हैं और शुरू में अपने ही लोकल एरिया में दूध बेच सकते हो। अगर आपके दूध का प्रोडक्शन ज्यादा है तो आप उसका घी बनाकर भी बेच सकते हो। यह बिजनेस फ्यूचर में भी चलने ही वाला है क्योंकि दूध एक बहुत ही पॉपुलर ड्रिंक है और हर कोई दूध पीता है।
6. Beekeeping
शहद एक बहुत ही न्यूट्रीशनल फूड है और इसके साथ साथ इसमें कई एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज भी होती हैं और यही कारण है कि यह जल्दी खराब नहीं होता। भारत में भी bee फार्मिंग ज्यादा बड़े लेवल पर नहीं होता और इसलिए इस बिजनेस में कॉम्पटीशन भी बहुत कम है।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको मधुमक्खी और उसको जिन डिब्बों में रखा जाता, उन्हें खरीदना पड़ेगा। एक डिब्बा मधुमक्खी के साथ आपको ₹1000 से ₹1,500 तक पड़ेगा। ये रेट डिफरेंट हो सकता है। बस की आपकी लोकेशन क्या है और मार्केट कैसा चल रहा है?
आप शुरू में 20 से 30 डब्बे ले सकते हो ताकि मुनाफा ज्यादा हो। एक किसान जो कि bee फार्मिंग करते हैं उन्होंने बताया कि आपको डब्बो की जगह बार बार चेंज करनी होगी अगर आपको ज्यादा प्रोडक्शन चाहिए क्योंकि मधुमक्खियों को जितना ज्यादा वैरायटी के फूलों का रस मिलेगा उतना ही वो आपको शहद बनाकर देंगी।
Beekeeping में शहद के साथ साथ बी वेनम और रॉयल जैली जैसे प्रोडक्ट्स भी बनते हैं, जिनकी कीमत शहद से भी काफी ज्यादा होती है। तो Beekeeping एक बहुत ही प्रॉफिटेबल बिजनेस माना जा सकता है।
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7. फर्टिलाइजर एंड एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स (Fertilizer and Agriculture Products)
हर किसान को अपने खेत के लिए खाद, कीटनाशक और दूसरे कैमिकल्स की जरूरत पड़ती है। तो अगर आप इन चीजों की थोड़ी भी जानकारी रखते हो तो आप फर्टिलाइजर्स बेचने का बिजनेस स्टार्ट कर सकते हो। इसके लिए आप ऐसे इलाके में अपनी एक फर्टिलाइजर्स और प्लांट सीड्स की शॉप ओपन कर सकते हो जहां खेती बहुत ज्यादा होती है।
बस यह बात याद रखें कि आपको खेती की अच्छी जानकारी होनी चाहिए कि कौन सा कीटनाशक फसलों की किस बीमारी में यूज होगा। ये बिजनेस काफी प्रॉफिटेबल है क्योंकि फर्टिलाइजर्स का रेट बहुत ज्यादा होता है और आप इससे अच्छा पैसा कमा सकते हो। बस ये याद रखें कि इस काम के लिए आपको अपनी स्टेट गवर्नमेंट से सर्टिफिकेट लेना होगा जो कि आसानी से बन जाता है।
8. मैंगो फार्मिंग (Mango Farming)
दुनिया में होने वाले टोटल आम के प्रोडक्शन में भारत अकेले ही 57% का प्रोडक्शन करता है। महाराष्ट्र, गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना तक आम की खेती होती है। आम का सीजन अप्रैल से लेकर जून जुलाई तक चलता है। दशहरी, चौसा, तोतापुरी, हापुस, हिमसागर भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर कैटेगरी के आम हैं।
आप अपने खेत में आम का पेड़ लगाने के साथ साथ दूसरी फसल भी लगा सकते हो। जैसे आलू या तरबूज की खेती। इससे आपको एक्स्ट्रा इनकम भी होगी। आम की अच्छी प्रोडक्शन के लिए शुरू में 1 से 2 साल आपको पौधे का ध्यान रखना होगा। समय पर पानी देना होगा ताकि जो पौधा आपने लगाया उसमें जल्द से जल्द फल आ सके।
आपका प्रोडक्शन जितना भी हो आपको प्रॉफिट जरूर मिलेगा, क्योंकि भारत में गर्मियों के सीजन में आम की डिमांड हर जगह ज्यादा रहती है। एक किसान जो आम की खेती करता है वो कम से कम ₹1 लाख/एकड़ तक का प्रॉफिट कर सकता है।
9. एलोवेरा फार्मिंग (Aloe Vera Farming)
आजकल जितने भी हेयर शैम्पू, कॉस्मेटिक सोप और ब्यूटी प्रोडक्ट्स आते हैं उन सभी में आपको एलोवेरा ज़रूर देखने को मिलेगा। एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जो ख़राब से ख़राब कंडीशन में भी अच्छे से सर्वाइव कर जाता है। राजस्थान और हरियाणा में एलोवेरा की खेती करने वाले किसान ईशू राणा बताते हैं कि एलोवेरा की खेती करना बहुत ही आसान है।
आपको बस एक बार इसके पौधे खरीदने होते हैं। 10 इंच वाले छोटे पौधे बेस्ट होते हैं और एक पौधे का प्राइस ₹3 होता है। एक बार पौधे लगाने के बाद जब वो तैयार हो जाएगा तब आप उसे मार्केट में 17 से 18 रुपये के बेच सकते हो।
एक एकड़ में अगर आप 10,000 पौधे लगाते हो तो आपका ₹30,000 खर्च आएगा और फिर 8 से 10 महीने में पौधा तैयार हो जाता है और अगर एक पौधे को ₹17 में भी बेचते हो तो आपका ₹1,70,000 का टर्नओवर हो जाएगा। पौधे के साथ ही एलोवेरा की पत्तियां भी निकलती हैं तो आप उन पत्तियों को भी अच्छे भाव में बेच सकते हो। पौधों और पत्तियों का कुल मिलाकर आप ₹2 लाख तक का टर्नओवर कर सकते हो।
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10. तुलसी फार्मिंग
तुलसी को भारत में पूजनीय माना जाता है और हर कोई अपने घरों में तुलसी ज़रूर लगाता है। तुलसी के अंदर बहुत सी मेडिकल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं और अब इसका इस्तेमाल बहुत सी दवाइयों, कॉस्मैटिक्स और आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। इसके साथ साथ तुलसी का पौधा रात में भी अपने आसपास ऑक्सीजन फैलाता है और यही कारण है कि लोग इसे अपने घरों में लगाते हैं।
ऐसे में अगर आप बिजनेस के लिए तुलसी की खेती करते हैं तो आप अच्छा प्रॉफिट कर सकते हैं। तुलसी के लिए अप्रैल से अक्टूबर तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि गर्मी के समय तुलसी का विकास अच्छे से होता है। अपने खेतों को जोतने के बाद आप चाहे तो तुलसी के बीज लगाकर बीज उगा सकते हैं या नर्सरी से उसके छोटे पौधे लेकर भी उनको लगा सकते हैं।
तुलसी का इस्तेमाल बहुत ही मेडिसीन्स में होता है इसलिए इसमें कोई भी कैमिकल जैसे कि यूरिया नहीं डालना चाहिए। आप इसमें ऑर्गेनिक खाद डाल सकते हैं जैसे कि वर्मी कम्पोस्ट। तुलसी की फसल में आपको महीने में कम से कम तीन बार पानी डालना होता है। जब तुलसी के नीचे के पत्ते पीले दिखने लगे तो समझ लीजिएगा कि अब फसल काटने का समय हो गया है।
तुलसी से पैसे दो तरह से कमाए जाते हैं। पहला इसके बीज से और दूसरा इसकी पत्तियों के तेल से। इसके बीज मार्केट में ₹150 प्रति किलो के हिसाब से बिकते हैं और पत्तियों का तेल ₹700 प्रतिलीटर के आसपास बिकता है।
आप चाहें तो डायरेक्ट किसी कंपनी से भी जुड़ सकते हैं और सीधा उनको ही बेच सकते हैं। इसमें आप का ट्रांसपोर्ट का खर्चा बच जाएगा क्योंकि कंपनी खुद आपके खेत से प्रोडक्ट लेकर जाएगी। तुलसी की खेती बहुत ही कम लोग करते हैं और इसी वजह से इसकी डिमांड हमेशा मार्केट में ज्यादा रहती है।
Final Words
तो दोस्तों ये थे best agriculture business ideasजो आप 2023 या फिर आने वाले किसी भी वर्ष में शुरू कर सकते हो। तो दोस्तों आशा करता हूँ आज के इस आर्टिकल से आपको किसी न किसी प्रकार की agriculture business सम्बन्धी जानकारी जरूर मिली होगी। अपना समय देने के लिए धन्यवाद।